रमजान में मददगार बना इंटरनेट
-इंटरनेट की हेल्प से घर पर बैठकर सुनी जा रही तरावीह
-सोशल साइट से भी मिल रही रमजान टाइमिंग की अपडेट बरेली: कोरोना संक्रमण के चलते रमजान के माह में मस्जिद आदि तो सभी बंद है। लेकिन ऐसे समय में संक्रमण न फैले इसको लेकर अलर्ट होने के साथ हाईटेक भी हो गए हैं। सभी अपने-अपने घरों में रहकर रोजा रख रहे हैं, मार्केट भी पूरी तरह से बंद है। लेकिन ऐसे में मस्जिद में होने वाली तरावीह आदि भी घर पर ही हाईटेक तरीके से पढ़ी जा रही है। सोशल साइट से अपडेटरमजान में रोजा, इफ्तार, तरावीह हो या इस्लामी जानकारी के लिए आजकल आसानी से इंटरनेट पर उपलब्ध है। इसके साथ ही इस्लामी चैनल पर सभी चीजें मौजूद हैं। जिसको जरूरत हो अपने अकायद के एतबार से सर्च कर सकता है। उसकी तरफ उसे पूरी दीनी जानकारी उसे मिल जाएगी। यूथ की माने तो कई लोग है जिन्होंने अपना ग्रुप बना रख है।
धार्मिक पुस्तकों में बीत रहा समयरमजान में अधिकतर तो धार्मिक पुस्तकें आदि पढ़कर अपना समय गुजार रहे हैं। जबकि यूथ अपना यम स्मार्ट फोन से अहम जानकारी हासिल करने में लगा हुआ है। इसके अलावा तरावीह और इफ्तार का समय भी नेट और यूट्यूब के जरिए पता किया जा रहा है। परिवार में सभी इंटरनेट का यूज कर दीनी तालीम की शिक्षा भी ग्रहण कर रहे हैं। हालांकि वह इसकी सटीक जानकारी के लिए धर्मगुरू या फिर अपने घर के सीनियर्स से भी जानकारी लेते हैं। वही पुराने समय में चांद और दिन में मौसम से समय का आंकलन किया जाता है।
==================== तरावीह के ताल्लुक से बहुत लोगों में यह होता है कि हमें सूरते याद नहीं तो हम किस तरह तरावीह की नमाज घर पर अदा करें तो उनको चाहिए कि कुरान की जो सूरत उन्हें याद हो जैसे कुल हो अल्लाह शरीफ जिसको याद हो तो वह इसी एक सूरत से बीस तरह की तरावीह पढ़ सकता है। मुफ्ती आसिफ, मौलाना इंटरनेट पर बहुत सी सुविधाएं मिली है। इंटरनेट के कारण ही आज के समय में सभी इनफामर्ेंशन आदि संभव हो सकी है। क्योकि हम लोगों ने तो यूथ का ग्रुप बना रखा है जो भी अच्छी जानकारी होती है शेयर कर लेते हैं। इस तरह सभी को जानकारी मिल जाती है। बंटी खान, रोजेदार