-बीसीबी के सेमिनार हॉल में असहिष्णुता और हमारा दायित्व पर हुई संगोष्ठी

-बाबरी मस्जिद के जनरल ऑफ अटॉर्नी जफरयाब जीलानी समेत दूर-दराज से आए वक्ताओं ने मुद्दे पर डाला प्रकाश

BAREILLY

कुछ अराजकतत्व असहिष्णुता का माहौल पैदा कर देश की अखंडता और एकता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। वह सोची-समझी साजिश के तहत हिन्दू और मुसलमानों के बीच धर्म और मजहब के नाम पर खाई खोद रहे हैं। दोनों समुदायों को ऐसे लोगों से सावधान रहना है। उन्हें मतभेद भुलाकर सद्भावना और भाईचारे की मिसाल देनी हैं। यह बातें चीफ गेस्ट जफरयाब जीलानी ने कही।

हिन्दु-मुस्लिम एकता जरूरी

बरेली कॉलेज बरेली के सेमिनार में सैटरडे को असहिष्णुता और हमारा दायित्व पर एक संगोष्ठी हुई। सेमिनार का आगाज 'सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां' हमारा गाकर किया गया। सेमिनार का उद्घाटन करते दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा खान ने कहा हम सबको मिलकर समाज से दुर्भावना को दूर करना हैं। वहीं सद्भावना के अधिक से अधिक फुल खिलाएं। भाईचारे की ऐसी मिसाल पेश करें, जो देश के निर्माण में सहयोग दे। सेनापति गौस खान ने रानी लक्ष्मीबाई, वीरबल ने बादशाह अकबर, और जनरल मानिक शाह ने मिसाइल मैन अब्दुल कलाम ने भाईचारे को एक मुकाम दिया। जीलानी ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि देश का विकास तभी हो सकता है, जब हिन्दू और मुसलमान दोनों बिना किसी भेदभाव के मिलकर काम करें। उन्होंने कहा ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है, जो देश में नफरत फैलाने का काम करते हैं। यदि देश की जनता अमन पंसद हो जाएगी, तो उसे कोई नहीं बांट पाएगा और न ही उसे बांट पाने की राजनीति सफल हो पाएगी। उन्होंने सभी से देश की सलामती और एकता के लिए एकजुट होने की बात कही। बाल कल्याण बोर्ड के चेयरमैन कमल आलम ने कहा कि मुल्क की खुशहाली के लिए जरूरी है कि हिन्दू-मुस्लिम का दिल तोड़ने वालों की जगह दिल जोड़ने वालों का हाथ थाम लिया जाए। सेमिनार की अध्यक्षता डॉ। इग्नेश्यिस डिसूजा ने की।

Posted By: Inextlive