कांवडिय़ों की सुरक्षा को लेकर शासन के निर्देशानुसार पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है

बरेली(ब्यूरो)। सावन के अंतिम सोमवार के लिए नाथ नगरी तैयार हो चुकी है। इसको लेकर कांवडिय़ों का उत्साह भी देखते ही बनता है। शहर और देहात के मंदिरों में लाखों की संख्या में कांवडिय़ों द्वारा जलाभिषेक करने की उम्मीद है। डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने इसको देखते हुए शहर से पांच किमी के दायरे में आने वाले सभी शिक्षण संस्थानों को आज बंद करने का फैसला लिया है। इसको लेकर डीएम की ओर से स्कूलों को आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही 9 अगस्त की मुहर्रम (आशूरा) की छुट्टी है, इसलिए शिक्षण संस्थान 10 अगस्त को खुलेंगे।

दिन भर आते रहे कांवडि़ए
सावन के अंतिम सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए कांवडिय़ों के जत्थों के आवागमन में तेजी आ गई है। संडे को दिन भर उनके आने का सिलसिला जारी रहा। रविवार को सुबह कांवडिय़ों का एक जत्था हर हर महादेव, बम बम भोले के उद्घोष के साथ कछला के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे में शामिल शिव भक्त अपने हाथों में तिरंगा को लहराते हुए देशप्रेम का संदेश भी दे रहे हैं। उधर, रविवार का साप्ताहिक अवकाश होने के कारण तमाम भक्त सुबह से ही जलाभिषेक करने के लिए गौरीशंकर मंदिर में पहुंचना शुरू हो गए। भक्तों ने भगवान गौरीशंकर का जलाभिषेक करने के साथ ही बेलपत्र, पुष्प, चंदन, धतूरा, भांग आदि अर्पित कर प्रार्थना की।

अलर्ट रहा प्रशासन
कांवडिय़ों की सुरक्षा को लेकर शासन के निर्देशानुसार पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। पुलिस की टुकडिय़ां बराबर मंदिरों के आसपास भी लगी हुई हैं। संडे को पुलिस विशेष रूप से चौकस दिखाई दी। नेशनल हाईवे एवं कांवडिय़ों के आवागमन के समस्त रास्तों पर रूट रूायवर्जन किया गया है। इस दौरान सडक़ों पर भी जगह-जगह पुलिस की टुकडिय़ां सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहीं।

मंदिरों में तैयारी पूरी
नाथनगरी के समस्त मंदिरों में सावन के अंतिम सोमवार को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कांवडिय़ों के साथ अन्य श्रद्धालुओं को भी कोई परेशानी उत्पन्न न हो, इसका पूरा ध्यान मंदिर प्रशासन की ओर से रखा जा रहा है।


नाथ नगरी के प्रमुख मंदिरों का इतिहास

धोपेश्वर नाथ मंदिर
सदर कैंट के दक्षिण मध्य अग्निकोण में धोपेश्वर नाथ मंदिर स्थित है। धूम्र ऋषि ने यहां कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और धूम्र ऋषि ने भगवान से जनकल्याण के लिए यहीं विराजने की प्रार्थना की। जिसके बाद यहां स्थापित शिवलिंग को धूम्रेश्वर नाथ के नाम से जाना जाने लगा। वर्तमान में ये मंदिर धोपेश्वर नाथ नाम से जाना जाता है।


वनखंडी नाथ मंदिर
पूर्व दिशा में जोगी नवादा इलाके में ये अति प्राचीन मंदिर स्थित है। द्रोपदी ने अपने राजगुरु द्वारा इस शिवलिंग की विधिवत पूजा अर्चना कर प्राण प्रतिष्ठा की थी। उस समय यहां अविरल गंगा बहती थी। वन से घिरे इस मंदिर को मुगलों ने कई बार खंडित करने की कोशिश की जिसके कारण इस मंदिर का नाम वनखंडी नाथ मंदिर पड़ा।


त्रिवटी नाथ मंदिर
उत्तर कुबेर दिशा प्रेमनगर में ये भव्य मंदिर स्थापित है। यहां भगवान शिव ने खुद प्रकट होकर तीन वटों के नीचे सो रहे चरवाहे को सपने में दर्शन दिए और कहा कि यहां पर मैं स्थित हूं। नींद से जागने के बाद चारवाह ने भगवान का आदेश मानकर त्रिवट के नीचे खुदाई की तो उसे शिवलिंग के दर्शन हुए जिसके कारण इस मंदिर का नाम त्रिवटी नाथ मंदिर पड़ा।


तपेश्वर नाथ मंदिर
दक्षिण भूतनाथ सुभाषनगर इलाके में स्थित ये मंदिर कई ऋषियों और संतों की तपोस्थली रहा है जिसके कारण इस मंदिर का नाम तपेश्वर नाथ मंदिर पड़ा।


अलखनाथ मंदिर
उत्तर पश्चिम दिशा में ये मंदिर किला इलाके में स्थित है। मुगलकाल में जब सनातन संस्कृति को नष्ट किया जा रहा था तो धर्म की रक्षा के लिए आनंद अखाड़े के बाबा अलाखिया को यहां भेजा गया। शिव के अनन्य भक्त बाबा अलाखिया ने यहां भगवान शिव की कठोर तपस्या कर शिवलिंग की स्थापना की। जिसके बाद मुस्लिम शासक बाबा के तपोवन में प्रवेश नहीं कर पाए। अलाखिया बाबा के नाम पर ही मंदिर का नाम अलखनाथ मंदिर पड़ा। यहां अभी भी मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है का बोर्ड लगा हुआ है।


मढ़ीनाथ मंदिर
पश्चिम दिशा में स्थित यह प्राचीन मंदिर पांचाल नगरी का है। यहां के बाबा के पास मणिधारी सर्प था जिसके कारण मंदिर का नाम मढ़ीनाथ मंदिर पड़ा। जिस इलाके में ये मंदिर स्थित है उस इलाके को मढ़ीनाथ मोहल्ले के नाम से जाना जाता है।


पशुपति नाथ मंदिर
नेपाल की तर्ज पर बने इस मंदिर में 108 शिवलिंग है। पीलीभीत रोड के बीसलपुर चौराहे के पास स्थित इस मंदिर में सावन महीने में हजारों कावडि़ए जलाभिषेक करने को आते है। पर्यटन विभाग ने मुख्यमंत्री पर्यटक संवर्धन योजना के तहत प्राचीन पशुपति नाथ मंदिर में सौंदर्यीकरण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा है। पूरे कार्य के लिए 3 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होने का अनुमान है।

Posted By: Inextlive