Bareilly: बिशप कोनरॉड के क्लास तीन का स्टूडेंट आयुष उर्फ प्रथम अभी तक किडनैपर्स के चंगुल से छुड़ाया भी नहीं जा सका है. इसी बीच फ्राइडे को वायरलेस पर एक और स्कूली छात्र के किडनैपिंग की न्यूज ने पुलिस और प्रशासन की नींद हवा कर दी. बदमाशों ने इस बार टारगेट किया जीआरएम के क्लास तीन के स्टूडेंट पारस को. स्कूल से बाहर आते ही किडनैपर्स ने पारस को अपने कब्जे में कर लिया लेकिन पारस की बहादुरी और चालाकी ने क्रिमिनल्स के छक्के छुड़ा दिए. आखिर क्या है पूरा माजरा एक रिपोर्ट.


आका से बोले किडनैपर्स, बच्चा तो मिल गयाआयुष उर्फ प्रथम की किडनैपिंग का मामला अभी सुलझा नहीं कि फ्राइडे को पारस के अपहरण की खबर ने सभी के होश उड़ा दिए। गनीमत ये रही कि पारस शाम तक सही सलामत घर लौट आया। थर्ड क्लास में पढऩे वाले पारस का कहना है कि उसे भी कार सवारों ने ही किडनैप किया था। किडनैपर्स ने किसी से फोन पर ये भी कहा था कि बॉस बच्चा मिल गया। हालांकि शुरुआती जांच में पुलिस को बच्चे की बात पर संदेह लग रहा है। फिलहाल पुलिस पूछताछ कर मामले की जांच में जुट गई है। ऑटो से जाता है स्कूल


जानकारी के अनुसार, पारस सक्सेना उर्फ पुरु मिनि बाईपास स्थित अवध धाम कॉलोनी में रहता है। उसके पिता सुनील सक्सेना कोऑपरेटिव सोसाइटी में सचिव हैं। अभी वह बंजरिया के खाद गोदाम में पोस्टेड हैं। उसकी मां गीता सक्सेना और एक बड़ी बहन राशि सक्सेना है। पारस के घर में ही बागेश्वरी स्कूल है। पारस प्रेमनगर स्थित जीआरएम स्कूल में थर्ड क्लास में पढ़ता है। वह ऑटो से स्कूल आता-जाता है। फ्राइडे दोपहर छुट्टी के बाद 2 बजे वह स्कूल से बाहर निकला। उसने ऑटो ड्राइवर होरी लाल से कहा कि वह स्कूल में किसी काम से जा रहा है, तुरंत लौट आएगा पर जब नहीं आया तो वह उसके घर गया और उसकी मां को जानकारी दी।स्कूल पहुंची मांपारस की मां ने फोन पर उसके पिता सुनील व चाचा आशीष को बताय और खुद घर में किराए पर रहने वाले स्टूडेंट कपिल के साथ स्कूल पहुंची। आशीष ने बताया कि उन्होंने एसओ इज्जतनगर व एसओ प्रेमनगर को फोन पर जानकारी दी। एसओ इज्जतनगर तो तुरंत मौके पर पहुंच गए लेकिन प्रेमनगर एसओ ने पहले खुद को बिजी बताया। उसके बाद अधिकारियों को इसकी सूचना दी तो कंट्रोल रूम में मैसेज फ्लैश किया गया। उसके बाद प्रेमनगर थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। काफी देर बाद सूचना मिली कि पारस घर पहुंच गया है। उसे किसी ने किडनैप कर लिया था। मुंह पर डाला कपड़ा

पारस ने बताया कि वह दोबारा स्कूल के अंदर अपने फ्रेंड करनदीप से मिलने गया था। लौटकर वह जूस की दुकान के बाहर खड़ा हो गया। अचानक दो लोग आए और उसके मुंह पर कपड़ा डाल दिया। इस वजह से वह चिल्ला नहीं पाया। बदमाशों ने कहा कि अगर शोर मचाएगा तो जान से मार देंगे। बदमाशों ने अपने आधे चेहरे ढक रखे थे। रास्ते में एक बदमाश ने किसी से मोबाइल पर बात की और कहा कि बॉस बच्चा मिल गया है। वह कह रहे थे कि इस बच्चे को ऐसी जगह ठिकाने लगाना है, जहां पेरेंट्स न पहुंच सकें। बीच में कार एक जगह रुकी। पहले एक किडनैपर कुछ खरीदने की बात कहकर कार से उतरा। उसके बाद दूसरा भी उतर गया।मौका पाते ही भाग निकलामौका पाते ही पारस ने कपड़ा हटाया और कार से उतर भागा। उसने बताया कि कार जंक्शन पर खड़ी थी। वह सीढिय़ों से छोटी लाइन पर गया और ट्रेन में बैठकर सिटी स्टेशन पहुंचा। वहां उतरने के बाद वह ऑटो में बैठा। उसे उसने 10 रुपए दिए और बाईपास पहुंचा। वहां से पैदल घर चला गया। पारस ने बताया कि कार छोटी और ब्लू कलर की थी। जल्दी में उसने नंबर नहीं नोट किया। जंक्शन से घर पहुंचने के रूट के बारे में पूछने पर वह बोला कि वह कई बार इस रूट पर मम्मी-पापा के साथ गया है, इसलिए रास्ता याद था। उसके घर पहुंचने की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत घर पहुंची और सभी से पूछताछ की।ऑटो वाले के भी होश उड़े

होरीलाल ने बताया कि वह करीब 15 मिनट तक स्कूल के बाहर वेट करता रहा। उसने सभी बच्चों को ऑटो में बैठाया और निकल पड़ा। रास्ते में उसने देखा कि ऑटो में पारस नहीं है। उसने साथ के बच्चों से पूछा और ऑटो घुमाकर स्कूल लौट गया। वहां उसने गार्ड से पूछा और पारस को ढूंढा पर वह नहीं मिला। उसने सोचा कि पारस घर पहुंच गया होगा। वह सभी बच्चों को लेकर कॉलोनी पहुंचा और पारस के घर जाकर देखा। घरवालों ने बताया कि पारस नहीं पहुंचा।पारस की कहानी में भी है झोल!पारस किडनैपिंग की जो कहानी बता रहा है, उस पर कई सवाल खड़े होते हैं। सच्चाई से पर्दा तो पुलिस की जांच के बाद ही उठेगा।-पारस का अगर स्कूल के बाहर से अपहरण हुआ तो किसी ने देखा क्यों नहीं?-बदमाशों ने पारस को कार में बांधकर क्यों नहीं डाला और उसे अकेला छोड़कर कार से क्यों चले गए?-जंक्शन पर उतरने के बाद पारस ने वहां किसी से कुछ क्यों नहीं कहा या फिर शोर क्यों नहीं मचाया?-बच्चा होने के बावजूद वह डरा नहीं और ट्रेन और ऑटो पकड़कर घर पहुंच गया?-पारस की किडनैपिंग प्रथम से मिलती-जुलती है। ऐसा तो नहीं कि उसके बारे में सुनकर उसके दिमाग में कोई शैतानी आ गई हो।
तीन एसपी की कुर्सी खाली, क्रिमिनल्स कर रहे मौज डिस्ट्रिक्ट में एक के बाद एक आपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं। पांच दिन में दो बच्चों के अपहरण की वारदात हो चुकी है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। माना जा रहा है कि इसके पीछे की मेन वजह डिस्ट्रिक्ट के एसपी सिटी, एसपी ट्रैफिक व एसपी रूरल के पद का खाली पड़ा होना है। जिन अधिकारियों के जिम्मे डिस्ट्रिक्ट की कमान है वो भी यहां के लिए नए हैं। बदल गए पुलिस अधिकारीफरवरी की शुरुआत में सीनियर पुलिस ऑफिसर्स का ट्रांसफर कर दिया गया। सबसे पहले डीआईजी व एसएसपी का ट्रांसफर किया गया। उसके बाद नौ फरवरी को एसपी सिटी, एसपी रूरल व एसपी ट्रैफिक का भी ट्रांसफर किया गया। डीआईजी विजय सिंह मीना ने 11 फरवरी और एसएसपी आकाश कुलहरि ने 12 फरवरी को ज्वॉइन कर लिया। नए अफसर सिटी की ग्राउंड रियलिटी से परिचित नहीं हैं। शायद यही कारण है कि बदमाश इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं और वारदात को अंजाम देकर आराम से फरार हो जा रहे हैं। इसके अलावा एसपी रूरल के पद पर शासन द्वारा अतुल शर्मा को तो अप्वॉइंट कर दिया गया है लेकिन अभी तक उन्होंने ज्वॉइन नहीं किया है। अंदेशा लगाया जा रहा है कि वो इस पद पर ज्वॉइन ही नहीं करना चाहते हैं। वहीं एसपी सिटी व एसपी ट्रैफिक के पद पर शासन द्वारा अभी तक किसी को नियुक्त नहीं किया गया है।

Posted By: Inextlive