बरेलियंस के इंज्वॉय के लिए बना था पार्क, लेकिन बदहाली का है आलम

1993 में पीलीभीत रोड पर बना था मयूर वन चेतना केंद्र

-तत्कालीन डीएम देश दीपक वर्मा ने किया गया था इनॉग्रेशन

बरेली:

करीब दो दशक पहले पीलीभीत रोड पर बरेलियंस के इंज्वॉय के लिए बनाया गया मयूर वन चेतना केंद्र अनदेखी का शिकार हो गया। पार्क में डीएफओ के लिए बनाया गया गेस्ट हाउस भी खंडहर होता जा रहा है और यहां बच्चों के लिए लगाए गए झूले पूरी तरह टूट चुके हैं। यहां की बदहाली से अफसर भी वाकिफ हैं बावजूद इसके पार्क की देखरेख पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दैनिक जागरण आईनेक्सट ने इस पार्क का रियलिटी चेक किया तो हकीकत चौंकाने वाली निकली, देखिए पार्क की हकीकत

पर्दे चकाचक, लेकिन खिड़कियां टूटीं

मयूर वन चेतना केंद्र में एंट्री करते ही चंद कदम की दूरी पर डीएफओ का गेस्ट हाउस है। लेकिन गेस्ट हाउस देखरेख के अभाव में बदहाल हो चुका है। ठेकेदार ने फ्रूट्स की खाली क्रेड को भरकर इसे पूरी तरह गोदाम बना दिया है। गेस्ट हाउस में पर्दे तो चकाचक हैं, लेकिन खिड़कियों के कांच टूट चुके हैं, जिससे कोई भी यहां बेरोकटोक एंट्री कर सकता है।

एंट्री फीस, लेकिन झूले हैं टूटे

पार्क में एंट्री फीस ली जाती है। यह फीस देने के बाद ही कोई पर्यटक इस पार्क में एंट्री कर सकता है। लेकिन एंट्री फीस देने के बाद भी पार्क में लगे हुए बच्चों के लिए झूले टूटे पड़े हैं। आधा दर्जन से अधिक संख्या में झूले तो लगे हुए हैं लेकिन वह टूटे हुए जंग खा रहे हैं। कोई उन टूटे हुए झूलों की मरमम्त कराने की भी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता है।

सिक्योरिटी को भी खतरा

पार्क में आने वाले जोड़े सिक्योरिटी को लेकर चिंतित रहते हैं। क्योंकि इस पार्क के आसपास के खुराफाती तत्व अकेले पार्क में आने वालों के साथ खुराफात करने से भी नहीं चूकते हैं। हालांकि पुलिस पिकेट लगने से घटनाओं में कमी तो आई है लेकिन फिर भी लोग पार्क में खुद को सिक्योर महसूस नहीं करते हैं।

पवन चक्की और पंपिंग सेट खराब

पार्क में पौधों की सिचाई के लिए पवन चक्की लगाई गई थी ताकि आसानी से सिचाई हो सके। लेकिन इस पवन चक्की के ऊपर पेड़ की शाखा टूटकर गिर गई जिसके बाद से पवन चक्की वर्षो से बंद पड़ी है।

-मयूर वन चेतना का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है, लेकिन पार्क और गेस्ट हाउस की स्थित ऐसी है तो मामले में एक्शन लिया जाएगा।

भरत लाल, डीफओ

Posted By: Inextlive