Bareilly : सप्लाई के दौरान 'लाइन लॉस' की प्रॉब्‍लम से जूझ रहे इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ने इस पर अकुंश लगाने के लिए नया सिस्टम ईजाद किया है. 'एनर्जी ऑडिटिंग सिस्टम' की हेल्प से इस बर्बादी को रोका जाएगा. इससे डिपार्टमेंट के साथ-साथ कंज्यूमर्स को भी राहत मिलेगी. डिपार्टमेंट को लाइन लॉस से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है. जनवरी खत्म होते-होते यह योजना शुरू हो सकती है. इसके अलावा पावर सेविंग ट्रांसफार्मर लगाने की भी योजना है.


क्या है सिस्टमपावर कॉर्पोरेशन की ओर से डिपार्टमेंट को एनर्जी ऑडिटिंग सिस्टम के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। लगातार होने वाले एनर्जी लॉस को रोकने के लिए लाइंस को इस सिस्टम से गुजारा जाएगा। ऑफिसर्स ने बताया कि इस सिस्टम के लगने में बिजली की कम खपत होती है। इस सिस्टम की हेल्प से इक्विप्मेंट अपने कैपिसिटी के अनुसार ही लोड पर वर्क करेगा और ज्यादा लोड लेने पर सिस्टम ट्रिप कर जाएगा।दो तरह से नुकसान लाइन लॉस को टेक्निकल टर्म में 'एग्रीग्रेटेड टेक्निकल एंड कॉमर्शियल लॉस' बोलते हैं। बिजली का बर्बादी दो तरह से होती है, एक टेक्निकल और दूसरी कॉमर्शियल। इन दोनों ही पहलुओं में बिजली बचाने के लिए पावर कॉर्पोरेशन की ओर से यह पहल की जा रही है।  245 मेगावॉट सप्लाई
बरेली अर्बन में डिपार्टमेंट की ओर से डेली 245 मेगावॉट बिजली की सप्लाई की जाती है। इस दौरान इसका 25 फीसदी हिस्सा लाइन लॉस में चला जाता है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, लखनऊ के अंतर्गत आने वाले चारों जोन में एनर्जी ऑडिटिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। इन चारों जोन में बरेली, फैजाबाद, लखनऊ व लेसा शामिल हैं। ऑफिसर्स का कहना है कि बरेली डिस्ट्रिक्ट में शामिल बदायूं, शाहजहांपुर व पीलीभीत में भी ये सिस्टम लगाए जाएंगे।

Posted By: Inextlive