- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी खबर

- शासन ने मलेरिया विभाग पत्र भेज मांगा जबाव

बरेली : जिले में कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो हेल्थ डिपार्टमेंट और जिला प्रशासन का पूरा फोकस इसकी रोकथाम में लगा दिया लेकिन कोरोना के साथ ही मलेरिया ने भी इस बीच तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया। जनवरी से जुलाई तक जहां कुछ ही केस मलेरिया के मिले लेकिन अगस्त में यह आंकड़ा सातवें आसमान पर पहुंच गया। सैटरडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से मलेरिया का बढ़ रहा प्रकोप की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की जिसका संज्ञान लेते हुए शासन ने हेल्थ डिपार्टमेंट ने प्रकोप बढ़ने का कारण पूछा है।

शासन ने भेजा पत्र

शासन की ओर से जारी पत्र के अनुसार हेल्थ डिपार्टमेंट से सवाल किया गया है कि जनवरी से जुलाई तक जब मलेरिया के महज 450 केस थे। वहीं सिर्फ अगस्त माह में यह आंकड़ा 1000 हजार के पार कैसे पहुंच गया। इन सवालों के जबाव हेल्थ डिपार्टमेंट को एक सप्ताह के अंतराल में देने हैं।

पहले से ही मलेरिया जिले में रहा भयावाह

मलेरिया के प्रति अपना जिला पिछले दो साल से काफी संवेदनशील रहा है। वर्ष 2018 में तो जिले में तेजी से मलेरिया फैला और कई लोगों की मौत भी हो गई। अगले ही साल स्वास्थ्य विभाग ने मौतों को तो नियंत्रित कर लिया लेकिन मरीजों की संख्या को कम करने में सफल नहीं हो पाए। इस बार शुरू से ही कोरोना महामारी का कहर रहा। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह उसके नियंत्रण को लग गया। मलेरिया पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते अब मलेरिया का जिले में प्रभाव तेज हो गया है।

सैटरडे को मिले थे 118 केस

कोरोना के चलते मार्च से मलेरिया की जांच के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने सुस्ती दिखाई, लेकिन जुलाई अंत से हेल्थ डिपार्टमेंट ने मलेरिया के जांच के लिए डोर टू डोर अभियान की शुरुआत की। इस दौरान लगातार मलेरिया के केस मिले। सेटरडे को डिपार्टमेंट की ओर से ब्लॉक में अभियान चलाकर 1300 मलेरिया की जांच की जिसमें 118 पेशेंट्स मलेरिया से ग्रसित मिले जिसमें 62 पेशेंट्स पीएफ वहीं 56 पेशेंट्स पीवी की चपेट में मिले।

अगस्त में मिले 497 मरीज

जिले में साल के शुरू से ही मलेरिया के मरीज मिलने शुरू हो गए थे। इनमें प्लाच्मोडियम वाईवेक्स यानि पीवी के मरीजों की संख्या अधिक थी। जनवरी से जुलाई तक छह माह में पीएफ के मात्र 90 और पीवी के 2460 मरीज मिले थे। अगस्त में यह आंकड़ा काफी बढ़ गया है। एक माह में खतरनाक पीएफ के 497 और पीवी के 935 मरीज मिले हैं। मलेरिया का यह आंकड़ा चिंताजनक है।

अगस्त में मलेरिया के केस बढ़ने पर शासन ने जबाव मांगा है। हालांकि अब कोरोना के साथ मलेरिया की भी जांचें बढ़ने से अधिक केस मिल रहे हैं।

डीआर सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी

Posted By: Inextlive