- जिले में अगस्त में मिले मलेरिया पीएफ के 497 मरीज, छह माह में थे 90

- पिछले साल से आधी भी नहीं हुई स्क्रीनिंग, तेजी से बढ़ रहा पीएफ का आंकड़ा

बरेली : जिले में कोरोना के संक्रमण के साथ ही मलेरिया भी तेजी से पैर पसारता जा रहा है। अगस्त माह में मलेरिया के खतरनाक पैरासाइट प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम पीएफ ने जोर पकड़ा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम नाकाफी दिखाई दे रहे हैं। जिले में पिछले साल के मुकाबले इस बार आधी भी स्क्रीनिंग नहीं हुई है। जांच नहीं होने से लगातार मलेरिया लोगों को चपेट में ले रहा है।

पहले से ही मलेरिया जिले में रहा भयावह

मलेरिया के प्रति अपना जिला पिछले दो साल से काफी संवेदनशील रहा है। वर्ष 2018 में तो जिले में तेजी से मलेरिया फैला और कई लोगों की मौत भी हो गई। वर्ष 2019 में स्वास्थ्य विभाग ने मौतों को तो नियंत्रित कर लिया लेकिन मरीजों की संख्या को कम करने में सफल नहीं हो पाए। इस बार शुरू से ही कोरोना महामारी का कहर रहा। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह उसके नियंत्रण को लग गया। मलेरिया पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते अब मलेरिया का जिले में प्रभाव तेज हो गया है।

सैटरडे को मिले मलेरिया के 118 केस

कोरोना के चलते मार्च से मलेरिया की जांच के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने सुस्ती दिखाई, लेकिन जुलाई अंत से हेल्थ डिपार्टमेंट ने मलेरिया के जांच के लिए डोर टू डोर अभियान की शुरुआत की। इस दौरान लगातार मलेरिया के केस मिले। सैटरडे को डिपार्टमेंट की ओर से ब्लॉक में अभियान चलाकर 1300 मलेरिया की जांच की जिसमें 118 पेशेंट्स मलेरिया से ग्रसित मिले जिसमें 62 पेशेंट्स पीएफ वहीं 56 पेशेंट्स पीवी की चपेट में मिले।

अगस्त में फाल्सीपेरम के 497 मरीज

जिले में साल के शुरू से ही मलेरिया के मरीज मिलने शुरू हो गए थे। इनमें प्लाज्मोडियम वाईवेक्स यानि पीवी के मरीजों की संख्या अधिक थी। जनवरी से जुलाई तक छह माह में पीएफ के मात्र 90 और पीवी के 2460 मरीज मिले थे। अगस्त में यह आंकड़ा काफी बढ़ गया है। एक माह में खतरनाक पीएफ के 497 और पीवी के 935 मरीज मिले हैं। मलेरिया का यह आंकड़ा चिंताजनक है।

ऐसे करें बचाव

- घर में साफ-सफाई रखें

- घरों के कमरों व छत पर पानी जमा न होने दें

- घर से बाहर निकलने पर पूरी बांह के कपड़े पहनें

- बुखार, खांसी जैसी समस्या होने पर फौरन डॉक्टर की सलाह लें।

जिले में मलेरिया की जांच को भी स्क्रीनिंग लगातार चल रही है। जहां भी केस पाए जा रहे हैं, उन्हें तत्काल दवा दी जा रही है। अब तक मलेरिया के मरीजों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम है।

डॉ। विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ

Posted By: Inextlive