-मनरेगा आयुक्त को शासन ने विधायक की शिकायत पर जांच के लिए भेजा था

-आयुक्त ने जगह-जगह काम में पायी गड़बड़ी, जेई जल निगम को सस्पेंड करने के निर्देश

बरेली- जल निगम ने बिथरी चैनपुर में पानी की टंकी तो बना दीं लेकिन लोग अभी भी प्यासे हैं, क्योंकि न तो टोंटी टूटी पड़ी हैं। यही नहीं यात्रियों के शेड में भी घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। विधायक ने गड़बडि़यों की शिकायत सीएम से की और पानी की टंकियों को ऐरावत हाथी बताया था। विधायक की शिकायतों पर शासन ने मनरेगा आयुक्त को जांच के लिए भेजा तो उन्होंने तमाम खामियां पायीं। उन्होंने कहा कि लाखों का फंड पड़ा है लेकिन टोंटी ठीक नहीं कर सके हो। मनरेगा आयुक्त ने जेई जल निगम को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं।

यात्री शेड की फर्श में नहीं मिली रोड़ी

दरअसल बिथरीचैनपुर विधायक ने मुख्यमंत्री की समीक्षा में विकास के मुद्दों के साथ श्यामप्रसाद मुखर्जी योजना के तहत बनी पानी की टंकियों को ऐरावत हाथी करार दिया था। उन्होंने कहा विधानसभा क्षेत्र में जब विकास हुआ ही नहीं, तो चुनाव में वोट कैसे मांगेंगे। सीएम ने मामले पर सख्त रुख अख्तियार किया और आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार को बरेली भेज दिया। सíकट हाउस में प्रभारी डीएम चंद्रमोहन गर्ग और बिथरीचैनपुर विधायक के साथ मुलाकात करने के बाद वह दोपहर तीन बजे बिथरीचैनपुर के फरीदापुर इनायत खां पहुंचे। यहां सड़क के किनारे बस स्टॉप पर बने यात्री शेड के फर्श को उन्होंने पहले पैर से ठोकर मारी, फिर खोदवा कर देखा तो अंदर रोड़ी नहीं मिली। उसके सैंपल जांच के लिए सील करवा लिये। जेई से बोले - क्या ये चलेगा। जल्दी उखड़ जाएगा। घपला क्यों करते हो। जेई ने सफाई दी कि उसकी तैनाती नहीं है। पुराने जेई रिटायर हो गए। शेड में लगी टीन की मोटाई भी मानक से कम मिली।

ऐसे कैसे पिएंगे बच्चे पानी

ग्राम पंचायत की जमीन पर लगे आरओ प्लांट से टंकी काफी दूर मिली। टोटी से पानी टपक रहा था। ऊंचाई भी ज्यादा थी। उन्होंने जेई को हड़काते हुए पूछा क्या इससे बच्चे पानी पी सकेंगे। मजाक बना रखा है। उन्होंने सचिव विवेक गंगवार टंकियां आपको कब हैंडओवर हुई, सचिव ने कहा एक महीने पहले। आयुक्त ने पूछा कि ग्राम पंचायत में कितनी निधि आई। जवाब मिला तीन लाख बीस हजार, बचे है दो लाख 90 हजार। आयुक्त भड़क कर बोले कि इतनी रकम के बावजूद टोटी सही नहीं करवा पाए। उन्होंने गांव में लगे पीने के पानी के तीन प्वाइंट जांचे। पानी कही भी नहीं आता मिला। गांव के अंदर बने आरओ प्लांट का फर्श टूटा मिला् पानी का टीडीएस जांचने के निर्देश दिए। जेई से पूछा कि तुम्हारे घर में लगे आरओ का टीडीएस कितना है। क्या ऐसा ही पानी पीते हो। जेई कहा कि मैं नल का पानी पीता हूं। आयुक्त ने गुस्साते हुए कहा कि इसका पानी पीकर दिखाओ। लालच में भ्रष्टाचार मत फैलाओ। दौरे के दौरान आयुक्त नाराज नजर आए और जेई जलनिगम से बोले कि तुम्हारी डिग्रियां जब्त करवा दूंगा। तुम्हारी रिपोर्ट भेजूंगा कि उनको खुबसूरती वाला कोई काम न दें। मुर्दाघर बनवाना हो तो इनको बुला लें।

Posted By: Inextlive