नौ दिनों के प्रवास को घर-घर विराजीं मां भगवती

नवरात्र के पहले दिन घरों-मंदिरों में हुई देवी शैलपुत्री की आराधना

बरली। आदिशक्ति की भक्ति का महापर्व शारदीय नवरात्र सैटरडे से शुरू हो गया। देवी भक्तों ने घरों व मंदिरों में शुभ मुहूर्त पर कलश स्थापना के साथ मां भगवती को प्रतिस्थापित किया। इसके बाद विधि विधान से मां भगवती के प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की आराधना हुई। कोरोना काल में अब तक हुए अन्य धार्मिक पर्वो की तरह ही इस पर्व पर भी मंदिरों में कोविड-19 की गाइड लाइन को फॉलो करते हुए ही पूजा अर्चना हुई। मां के भक्तों ने भी इस गाइड लाइन का पालन किया, जिससे इस पर्व के पहले दिन मंदिरों में भीड़ नहीं उमड़ी।

शुरू हुई नौ दिनों की तपस्या

शक्ति के उपासकों को नवरात्र पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार कोरोना की पाबंदियों के चलते चैत्र नवरात्र का उल्लास फीका रहा था। शारदीय नवरात्र तक इस महामारी की पाबंदियां काफी हद तक सिमट गई हैं। इससे भक्तों में इस पर्व को लेकर उत्साह दोगुना रहा। भक्तों का यह उत्साह इस पर्व के पहले दिन घरों व मंदिरों में देखने को भी मिला। घरों में तो महिलाएं कई दिन पहले से ही इस पर्व की तैयारी में जुटी थी। सैटरडे को पर्व के पहले दिन घरों में सुबह सबसे पहले भक्तों ने परंपरागत तरीके से कलश स्थापना की और इसके बाद मां की पूजा-अचर्ना व आरती उतारी। इस परंपरा को पूरा करने के साथ ही देवी उपासकों ने नौ दिनों के अखंड व्रत का भी शुभारंभ किया।

नव देवी मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग से हुई पूजा

साहूकारा स्थित नव देवी मंदिर शारदीय नवरात्रि पर भक्तों ने लिए खुला रहा। यहां मंदिर प्रबंधन की ओर से कोविड-19 की गाइड लाइन को फॉलो कराने के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पर्व के पहले दिन सुबह से ही यहां भक्तों का आना शुरू हो गया, पर उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन कराकर ही पूजा अर्चना की परमिशन दी गई। कोरोना के चलते इस बार यहां भक्तों की संख्या भी पहले से बहुत कम पहुंची। मंदिर प्रबंधन ने एहतियात बरते हुए भक्तों के चढ़ावे को देवी दरबार तक नहीं पहुंचने दिया। यहां भक्तों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस भी मौजूद रही।

भक्तों के लिए बंद रहा मां काली का दरबार

शहर के देवी भक्तों की कालीबाड़ी स्थित मां काली मंदिर में गहरी आस्था है। यहां नवरात्रि पर्व पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती थी। इस बार कोरोना के चलते इस मंदिर के कपाट चैत्र नवरात्रि के बाद शारदीय नवरात्रि पर भी नहीं खुल सके। कोरोना के संक्रमण से भक्तों को बचाने के लिए ही मंदिर प्रबंधन की ओर से यह निर्णय लिया गया था। पर्व के पहले दिन सुबह से यहां भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया, पर उन्हें मंदिर के बंद गेट से ही मां काली के दर्शन किए और उनकी आराधना की। भक्तों का प्रसाद भी यहां गेट पर एकत्रित करके रखा गया। इस पर्व पर भी मंदिर में मां की पूजा अर्चना करीब से नहीं कर पाने का भक्तों को मलाल भी रहा।

चौरासी घंटा मंदिर में भी कम रही भीड़

कोरोना अलर्टनेस का असर सुभाषनगर के चौरासी घंटा देवी मंदिर में भी देखने को मिला। इस पर्व पर यहां भक्तों को मंदिर के भीतर जाकर देवी की पूजा अर्चना करने का मौका तो मिला पर इसके लिए उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष खयाल रखना पड़ा। यहां मंदिर प्रबंधन ने दो-दो भक्तों को बारी-बारी से पूजा करने का मौका दिया।

अन्य मंदिरों में भी सजा देवी का दरबार

शहर के प्रमुख देवी मंदिरों के अलावा अन्य मंदिरों में भी इस पर्व पर मां का दरबार सजाया गया। मंदिर प्रबंधन की ओर से यहां स्थापित देवी प्रतिमाओं का भव्य श्रंगार किया गया। इन मंदिरों में भी भक्तों सोशल डिस्टेंसिंग से ही पूजा अर्चना करने का मौका दिया गया।

Posted By: Inextlive