-अभी तक फाइल नहीं पहुंचने के नाम पर होती थी वसूली

-अब वाहन मालिक को रजिस्ट्रेशन नंबर के नाम पर नहीं करनी पड़ेगी विभाग और डीलर के पास भागदौड़

बरेली : अभी तक वाहनों को खरीदने के बाद उपभोक्ताओं को रजिस्ट्रेशन नंबर लाने के लिए डीलर और परिवहन विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे। कई बार नंबर मिलने में हफ्ते भर लग जाता था लेकिन अब नई व्यवस्था लागू होने से यह सिर्फ दो दिन के अंदर वाहन मालिक को मिल जाएगा। अब डीलर वाहन मालिक से सभी दस्तावेज लेकर डिजिटल सिग्नेचर करके ऑनलाइन भेज सकेगा। जिससे दस्तावेजों के आरटीओ ऑफिस पहुंचने में एक तो देरी नहीं होगी। वहीं जल्दी रजिस्ट्रेशन नंबर और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने के नाम पर होने वाली वसूली से भी उपभोक्ताओं को छुटकारा मिल सकेगा। अब वाहन खऱीदने के बाद वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए हफ्तों आरटीओ विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे। दो दिन के अंदर ही रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाएगा। यह व्यवस्था 12 अक्टूबर से परिवहन विभाग लागू करने जा रहा है।

अभी तक यह थी व्यवस्था

अभी तक वाहन खऱीदने पर डीलर गाड़ी देते समय विक्रय पत्र वाहन मालिक के पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ संबंधी सभी दस्तावेज, फाइनेंस पर गाड़ी को लेने की स्थिति में उससे जुड़े सभी प्रपत्र की दस्तावेज की फाइल बनाकर रजिस्ट्रेशन नंबर और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए आरटीओ ऑफिस भेजता है। ऐसे में अगर वाहन मालिक को जल्दी नंबर चाहिए तो फिर मोलतोल होता है। वाहन मालिक को विभाग और डीलर के यहां पर चक्कर लगाना पड़ता था। ऐसे में कई बार फाइल नहीं पहुंचने के नाम पर वसूली होती है । आरटीओ वर्क के नाम पर अधिकृत 200 रुपये की जगह पर दुगुना पैसा वसूला जाता था। अब इलेक्ट्रानिक हस्ताक्षर के साथ सभी दस्तावेज ऑनलाइन जमा होंगे तो जल्दी ही नंबर मिलने के साथ फाइल नहीं पहुंचने का बहाना भी नहीं चलेगा और आरटीओ वर्क के नाम पर होने वाली वसूली पर भी रोक लगेगी।

डिजिटल सिग्नेचर करके अब डीलर सीधे सभी दस्तावेज ऑनलाइन भेजेगा। इससे वाहन मालिक को जल्दी रजिस्ट्रेशन नंबर मिल सकेगा। भाग दौड़ भी बचेगी।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन

Posted By: Inextlive