- परेशान स्टूडेंट चाइल्ड लाइन नम्बर पर कॉल्स कर बता रहे समस्या

12 करीब कॉल्स आती है डेली बच्चों से मिसिंग हेल्प आदि से रिलेटेड

1-2 कॉल्स करीब आती है सप्ताह में एजुकेशन हेल्प से रिलेटेड

1 सिटी चाइल्ड लाइन सेंटर है शहर में

1 रेलवे चाइल्ड लाइन सेंटर है जंक्शन पर

बरेली: जैसे-जैसे बोर्ड एग्जाम की डेट पास आ रही है। स्टूडेंट्स 'नंबर गेम' यानि ज्यादा से ज्यादा मा‌र्क्स लाने के प्लानिंग में उलझते जा रहे हैं। पेरेंट्स के प्रेशर के चलते वे इस कदर परेशान हो गए हैं कि काउंसलर से ज्यादा मा‌र्क्स लाने के बारे में पूछ रहे हैं। बोर्ड एग्जाम के प्रेशर से परेशान कैंडिडेट्स चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर पर भी कॉल कर अपनी समस्या बता रह हैं। वहीं 1098 पर स्टूडेंट्स के कॉल करने वह सेंट्रल सेंटर को भी जा रही है, लेकिन वहां से जिस डिस्ट्रिक्ट का मामला होता है वहां से संबंधित सेंटर्स को ट्रांसफर कर काउंसिलिंग कराई जाती है। ताकि कॉल करने वाले कैंडिडेट्स की समस्या का समाधान हो सके। चाइल्ड लाइन काउंसलर की ही माने तो इस तरह की कॉल सामान्य दिनों में तो नहीं आती है लेकिन एग्जाम के प्रेशर के चलते डेली 8-9 कॉल आ रही हैं।

कराई जाती है काउंसलिंग

हेल्थ विभाग की तरफ से छात्रों को इंजायटी से बचाने के लिए जहां राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उन्हें तनाव से मुक्त रहने के लिए टिप्स दिए जा रहे हैं। हेल्थ विभाग की तरफ से अभी तक आधा दर्जन कॉलेजेज में इस तरह की वर्कशॉप कराई जा चुकी है और कराई भी जानी है। तो वहीं चाइल्ड लाइन की तरफ से स्कूलों में अवेयनेस के लिए प्रेशर में रहने वाले कैेंडिडेट्स की काउंसलिंग कर उन्हें बाल विवाह आदि से बचने के लिए टिप्स दिए जा रहे हैं।

केस:- 1 हमेशा पढ़ने के लिए बोलते पेरेंट्स

- पेरेंट्स एग्जाम के समय सिर्फ मा‌र्क्स अच्छे लाने के लिए हर समय स्टडी करने के लिए कहते है। पढ़ाई करता हूं फिर भी परेंट्स डांटते है। ऐसे में क्या करूं कि पेरेंट्स संतुष्ट हो सके। मैं हाईस्कूल एग्जाम की तैयारी कर रहा हूं। बताया कि सबसे अहम बात है कि अच्छे मा‌र्क्स लाना जरूरी होता है। हालांकि स्टूडेंट की समस्या को सुनकर कॉल अटेंडेंट ने काउंसलर से काउंउलिंग कराने की बात कही।

केस:2 घूमने और मोबाइल किया बैन

शहर के ही पीलीभीत रोड रहने वाले एक स्टूडेंट ने चाइल्ड लाइन नम्बर पर कॉल की। बताया कि उसने स्टडी खूब की लेकिन उसके 10वीं में फिर भी मा‌र्क्स कम आए। ऐसे में अब पेरेंट्स मा‌र्क्स अच्छे आए इसके लिए म्यूजिक, मोबाइल और यहां तक कि घूमने तक पर बैन लगा दिया है। ऐसे में क्या करूं। इस पर भी कॉल अटेंडेंट ने स्टूडेंट्स को काउंसलर से बात कराई और उसे सल्यूशन बताया कि वह इस बात को लेकर प्रेशर में न आए। पेरेंट्स को अपनी बात बताएं।

प्रेशर रिलीज करने के लिए एक्सपर्ट की एडवाइस

-ध्यान रखें प्रश्नों के जबाब सटीक और तार्किक कम शब्दों में दें।

-बोर्ड की पिछली परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों और नमूना प्रश्नपत्रों को सामने रखकर प्रश्नों को समझें।

-पूरी लगन, तन्मयता और एकाग्रता से अपनी तरफ से पूरी कोशिश करें, सकारात्मक रहें, आत्मविश्वास बनाये रखें।

-अधिक से अधिक लिखकर अभ्यास कीजिये, याद राखिये परीक्षा में अंक मिलना आपकी उत्तर पुस्तिका में आपके लिखने से तय होगा।

-संतुलित सुपाच्य और पौष्टिक आहार लें, समय से खाएं और भरपूर नींद ले।

-लगातार एक विषय पढ़ने से या कठिन विषय पढ़ने से जब थकान तब दूसरा विषय पढ़ना शुरू कर दें।

-लगातार पढ़ने से बोरिंग महसूस हो तो खुली हवा में जरूर घूम प्रणायम करें।

-ध्यान देने की बात है पढ़ाई के बीच में आप थक गये हैं और आराम के नाम पर टीवी देखना, मोबाइल चलाना, गेम खेलना आपको तरोताजा नहीं करेगा, बल्कि आपको और थकायेगा।

-बोर्ड एग्जाम से रिलेटिड समस्या के लिए जो भी स्टूडेंट्स कॉल करता है, वह कॉल से रिलेटिड होती है तो हमारे पास आती है। ऐसे में स्टूडेंट्स की जो भी हेल्प या काउंसलिंग हो करवाई जाती है।

अनीस अहमद, चाइल्ड लाइन डायरेक्टर

Posted By: Inextlive