- डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में डिलीवरी के बाद हुई मौत

- कोरोना के डर से देर से हॉस्पिटल पहुंचने से गई जान

बरेली : जिले में अभी भी कोरोना का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। डेली 100 से 150 के करीब पेशेंट्स में कोरोना की पुष्टि हो रही है। ऐसे में लगातार शासन की ओर से कोरोना की चेन ब्रेक करने को नई गाइड लाइन भी जारी की जा रही हैं। कोरोना संक्रमण से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मार्च से कोरोना का संकट गहराने के बाद कई नवजात की सांसे थम गई। जी हां कोरोना के चलते जारी किए गए लॉकडाउन के दौरान खौफ के चलते परिजन मरीजों को समय से हॉस्पिटल नहीं ले जा सके जिस कारण मासूमों की जान चली गई।

एसएनसीयू में 237 मासूमों की गई जान

डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में बने एसएनसीयू यानि सिक न्यू बॉर्न बेबी यूनिट में पिछले साल यानि वर्ष 2019 में 135 मासमों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा वहीं इस वर्ष पिछले 6 माह यह आंकड़ा 100 पहुंच गया है। जो कि चौंकाने वाला आंकड़ा है।

ये भी मासूमों की मौत की वजह

हॉस्पिटल प्रबंधन की माने तो पिछले साल एसएनसीयू यूनिट बनने के बाद यहां पर्याप्त संसाधन नही थे जिस कारण एक रेडिएंट वार्मर पर दो-दो बच्चों को एडमिट करना पड़ता था। साल के अंत में शासन की ओर से मशीनें भेजी गई जिसके बाद मासूमों को इलाज बेहतर ढंग से किया जा रहा है। वही कोरोना के दौरान ट्रांसपोर्ट व अन्य कारणों के चलते मरीज समय से हॉस्पिटल नहीं पहुंचे जिस कारण डिलीवरी के दौरान ही केस बिगड़ने पर मासूमों की जान गई।

मौत के आंकड़ों पर नजर

माह - प्रसव - मौत 2019- मौत-2020

मार्च - 425 - 0 - 15

अप्रैल -482 - 0 - 24

मई -247 - 0 - 13

जून - 297 - 1 - 10

जुलाई -301 - 8 - 23

अगस्त -346- 21 - 15

कुल -2078 - 30 - 100

एसएनसीयू यूनिट बनने के बाद उपकरण न होने पर बच्चों को यहां रेफर करना पड़ता था, अधिकांश मरीज गंभीर हालत में निजी हॉस्पिटल से रेफर होकर आते हैं। जिनकी इलाज के दौरान या फिर रेफर करते समय मौत हो जाती है।

डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस।

Posted By: Inextlive