गर्मी और बारिश में पैसेंजर्स को परेशान न होना पड़े इसके लिए शहर में रोड साइड जगह-जगह पैसेंजर्स शेड बनवाए गए. इन पैसेंजर्स शेड में शीटें भी लगवाई गईं ताकि पैसेंजर्स को अगर अधिक देर तक बस या फिर वाहन का इंतजार करना पड़े तो वो बैठ सकें.

बरेली (ब्यूरो)। गर्मी और बारिश में पैसेंजर्स को परेशान न होना पड़े, इसके लिए शहर में रोड साइड जगह-जगह पैसेंजर्स शेड बनवाए गए। इन पैसेंजर्स शेड में शीटें भी लगवाई गईं ताकि पैसेंजर्स को अगर अधिक देर तक बस या फिर वाहन का इंतजार करना पड़े तो वो बैठ सकें। इसके लिए मोटी रकम भी खर्च की गई। पैसेंजर्स शेड पहले से भी शहर की कई एरिया में बने हुए थे, लेकिन स्मार्ट सिटी के तहत नए शेड और बना दिए गए। अब इन पैसेंजर्स शेड में कहीं तो कब्जा हो गया तो कहीं बदहाल कर दिए गए। कारण शहर में कोई भी काम कराने के बाद उसकी जिम्मेदारों की तरफ से अनदेखी है। पढि़ए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पूरी रिपोर्ट

सेटेलाइट रोडवेज बस स्टेशन
सेटेलाइट रोडवेज बस स्टेशन के ठीक सामने दो बड़े पैसेंजर शेड बनाए गए। इन पैसेंजर शेड बनाए जाने का मकसद था रोडवेज स्टैंड पर अधिक पैसेंजर्स होते हैं तो वे यहां पर बैठकर रेस्ट कर सकें। रोडवेज के ठीक सामने बने होने से पैसेजर्स को भी इसका लाभ मिल सके। इसमें से एक पैसेंजर शेड तो बदहाल कर उसकी शीट तक उखाडक़र पीछे हटा दी। जबकि वहां पर लोगों ने अतिक्रमण कर दिया। इतना ही नहीं इसके पास में बनाया गया बड़ा नया पैसेंजर शेड पर तो लोगों ने कब्जा पूरी तरह कर लिया। यहां तक कि शेड के सामने गन्ना जूस और अन्य ठेला लगाकर बिजनेस की जा रही है। जबकि शेड के अंदर चारपाई डालकर उस पर मच्छरदानी भी लगा ली है ताकि रात को घर न जाना पड़े। इससे साफ है कि जब किसी पैसेंजर शेड पर 24 घंटा के लिए इस तरह कब्जा होगा तो वहां पर पैसेंजर्स को बैठने के लिए जगह ही कहां पर होगी। इस नए बनाए गए शेड की तो टाइल्स तोडक़र वहां पर गडढ़े कर दिए गए हैं।

ओल्ड रोडवेज स्टैंड
ओल्ड रोडवेज स्टेशन के पास लगे पैसेंजर शेड को तो हटा दिया गया। लेकिन रोडवेज स्टैंड पर बनी लोहे की बेंचेज में तो सीटें गायब थी। जहां पर लोग बैठे थे उनमें से आधी की तो सीटें ही गायब थी यानि वहां पर बेंच की सिर्फ फाउंडेशन तो था लेकिन बैठने के लिए सीट नहीं थी। अब ऐसे में रोडवेज के अफसर भी पैसेंजर्स को किराया में तो लगातार बढ़ोत्तरी कर देते हैं लेकिन उनकी सुविधाओं के नाम पर सिर्फ धोखा दे रहे हैं। यहां तक कि शीतल पेयजल की भी व्यवस्था ठीक से नहीं है। यही हाल सेटेलाइट रोडवेज बस स्टेशन का है। यहां पर रोडवेज बस स्टेशन पर लोहे की बेंचेज तो बनी है लेकिन उनमें से सीटें गायब हैं।

डेलापीर रोड
स्मार्ट सिटी के तहत डेलापीर रोड का चौड़ी करण हुआ है। इस रोड पर भी स्मार्ट सिटी के तहत बेंचेज और पैंसजर शेड बनाया गया। इस रोड पर पैसेंजर्स के लिए बैठने को लेकर व्यवस्था ठीक दिखी, लेकिन इन पर पैसेंजर्स को वहां पर साफ सफाई आदि का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कारण वहां पर पैसेंजर्स बैठने ही नहीं जा रहे हैं।

रेलवे जंक्शन
रेलवे जंक्शन के बाहर सर्कुलेंटिंग एरिया में पैसेंजर्स को बैठने के लिए तो कोई शेड नहीं है। लेकिन इस एरिया के बाहर पैसेजर शेड है। यहां पर लोगों का कब्जा है। इन शेड पर तो लोगों ने अपना बिस्तर और कपड़े रख दिए हैं। यहां पर आसपास घूमने वालों ने यहां पर इतनी गंदगी फैला ली है कि कोई बैठने के लिए जल्दी सोचता भी नहीं है।

बोले बरेलियंस
-पैसेंजर्स के लिए बनाए गए शेड पर अगर कब्जा हो रहा है तो वहां पर पैसेंजर्स तो खाली कराने के लिए झगड़ा नहीं कर पाएंगे। इसके लिए जिम्मेदारों को एक्शन लेना चाहिए। इसके लिए उस एरिया की पुलिस को भी ध्यान देना होगा।
-राहुल श्रीवास्तव
शहर में स्मार्ट सिटी के तहत पैसेंजर्स के लिए शेड बनवाए गए थे। इन शेड्स में डेलापीर रोड पर तो ठीक है, लेकिन सेटेलाइट रोडवेज बस स्टेशन के सामने बने शेड पर तो कब्जा हो गया है। इससे वहां बैठने की जगह नहीं है।
-विपुल पाराशरी
पैसेंजर्स के लिए बनवाए गए शेड पर कब्जा होना शर्मनाक है। अतिक्रमण कराने में भी जिम्मेदारों की शह ही होती है। प्रशासन चाहे तो सरकारी संपत्ति को कैसे कब्जा कर सकता है। जो आम पब्लिक के लिए है। उसका तो ध्यान देना चाहिए।
-सौरभ सिंह
पब्लिक की सुविधाएं क्या है वह कहां कहां बनी हैं इसको लेकर जिम्मेदारों को अच्छी तरह पता है। लेकिन इस बारे में देखकर तो सभी जिम्मेदार अंजान बन जाते हैं। सेटेलाइट पर कौन सा अफसर नहीं निकलता सभी की नजर जाती है लेकिन अनदेखा कर दिया जाता है।
-त्रिभुवन शर्मा

Posted By: Inextlive