- आवेदकों को फिर से बुक करना होगा टाइम स्लॉट- दो फरवरी के बाद समाप्त हो रहे

- आवेदकों को फिर से बुक करना होगा टाइम स्लॉट

- दो फरवरी के बाद समाप्त हो रहे लर्निग लाइसेंस 30 तक मान्य

बरेली : लॉकडाउन में बंद हुई लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को अब परिवहन विभाग ने दोपहर शुरू करने जा रहा है। लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया एक दो दिन में शुरू हो जाएगी। इसके लिए मुख्यालय से आदेश आ चुका है। आरटीओ डॉ। एके गुप्ता का कहना है कि पहले चरण में केवल स्थायी लाइसेंस ही बनाए जाएंगे। आरटीओ ऑफिस में इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। लाइसेंस बनाने का काम सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक होगा।

डीएल की बढ़ाई गई वैधता

आरटीओ ऑफिस में लखनऊ से परिवहन आयुक्त धीरज साहू की तरफ से आए आदेश में बताया गया है कि एक फरवरी के बाद समाप्त हो रहे लर्निग लाइसेंस 30 जून तक मान्य कर दिए गए हैं। लंबित ड्राइविंग लाइसेंस निस्तारण के लिए एनआइसी ने एक सॉफ्टवेयर बनाया है। इसका प्रयोग शुरू कर दिया गया है। इस व्यवस्था के तहत मुख्यालय स्तर से स्थायी लाइसेंस के लिए पूर्ववत निर्धारित कोटा बहाल करते हुए लंबित आवेदन पत्रों का निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसे लर्निग लाइसेंस जिनकी वैधता एक फरवरी 2020 के बाद समाप्त हो रही थी, उसकी वैद्यता 30 जून तक बढ़ा दी गई है। लाइसेंसिंग प्राधिकारी द्वारा स्थायी लाइसेंस के लिए आवेदकों द्वारा पूर्व में बुक कराए गए अप्वाइंटमेंट निरस्त किए जाएंगे। आवेदक के मोबाइल पर एक मैसेज प्राप्त होगा कि कोविड-19 के दृष्टिगत उनके द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बुक अप्वाइंटमेंट निरस्त कर दिया गया है, तथा वह नया ले सकते हैं।

फीस होगी मान्य

परिवहन विभाग के अफसरों का कहना है कि डीएल का सिर्फ अप्वाइंटमेंट निरस्त किया जाएगा लेकिन आवेदक की तरफ से पूर्व में जमा की गई फीस मान्य होगी। मैसेज प्राप्त होने के उपरांत आवेदक सारथी पोर्टल पर पूर्व एप्लीकेशन नंबर से नया अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं। आवेदक सुविधानुसार तारीख एवं टाइम स्लॉट का चयन करेंगे। निर्धारित तारीख व समय पर ऑफिस में उपस्थित होकर प्रपत्रों की स्क्रूटनी, बॉयोमीट्रिक और ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट संबंधी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

-ऑफिस में परमानेंट लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। लाइसेंस प्रक्रिया सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक ही चलेगी। मुख्यालय से इस संबंध में निर्देश मिल चुका है।

डॉ। अनिल कुमार गुप्ता, आरटीओ बरेली

Posted By: Inextlive