- शहर में 20 तो देहात क्षेत्र में 42 टीमें डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स की हुई गठित

- जनवरी से अब तक हुई जांचों में महज एक फीसदी मरीज मिले मलेरिया पॉजिटिव

बरेली : कोरोना वायरस का प्रकोप पिछले दो महीने में काफी हद तक कम हुआ है। लेकिन प्रदेश में अब मलेरिया और डेंगू ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है। हालांकि पिछले दो वषरें की तुलना में वर्तमान में जिले में मलेरिया के केस कम हैं और डेंगू का एक भी केस सामने नहीं आया है। लेकिन फिरोजाबाद समेत अन्य जिलों में जिस तरह बुखार से ग्रसित लोगों की जान गई है, उसके बाद शासन ने प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है।

डीबीसी की 62 टीमें की गठित

जिले भर में मलेरिया और डेंगू की अधिक से अधिक जांचे हो सकें इसलिए अब स्वास्थ्य विभाग डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स यानि डीबीसी को जमीन पर उतार रहा है। मंडे से 62 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स जिले भर में मलेरिया और डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा खत्म करेंगे। इसके लिए विभाग ने कवायद शुरू कर दी है।

शहर में 20, देहात में 42 डीबीसी

जिला मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र में 20 जगह और देहात क्षेत्र में 42 जगह प्रशिक्षित डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स घूम-घूमकर डेंगू और मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों का लार्वा खत्म करने के लिए एंटी लार्वा का छिड़काव करेंगी। शुरुआत उन जगहों से होगी, जो इलाके पूर्व में डेंगू और मलेरिया के लिहाज से संवेदनशील रहे हैं। इन इलाकों में भमौरा, मीरगंज, धौराटांडा और बहेड़ी शामिल रहे हैं। यहां डीबीसी की 11 टीमें लगाई जाएंगी।

लार्वा मिला तो 50 घरों में होगी जांच

निगरानी के दौरान अगर कहीं डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स को डेंगू या पाजिटिव केस या मच्छर का लार्वा मिला तो उच्चाधिकारियों को सूचित करने के साथ उसका तत्काल इलाज शुरू होगा। डेंगू का लार्वा मिलने वाली जगह के आसपास 50 घरों में रहने वाले लोगों के सैंपल भी टीम लेगी।

1500 आशा वर्कर्स को दी ट्रेनिंग

बीती एक जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया गया। इसके तहत डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए पूर्व में ही जिले भर के सीएचसी और पीएचसी के अंतर्गत 1500 आशा कार्यकर्ताओं को जिला मलेरिया विभाग ने प्रशिक्षण दिया है अब ये आशाएं घर-घर जाकर लोगों को डेंगू, मलेरिया से बचाव के प्रति जागरूक करेंगी।

जिले में भयावह रहे हैं मलेरिया के हालात

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2018 में 37,426 केस मलेरिया के मिले थे। वहीं अगले साल यानी वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 46,417 पर पहुंच गया था। इसके बाद से मलेरिया के केस में गिरावट आई। वर्ष 2020 में मलेरिया के 11,682 मरीज ही जिले भर में पाए गए थे। वहीं, इस साल अभी तक करीब डेढ़ हजार केस सामने आए हैं।

अब तक महज एक फीसद पॉजिटिव

प्रदेश के कई जिलों में बिगड़े हालात के बीच बरेलियंस के लिए एक राहत की बात भई है। दरअसल, जिले में इस साल जनवरी महीने से अभी तक करीब 1.31 लाख एलाइजा टेस्ट हुए हैं। इनमें से करीब 1500 लोग मलेरिया पाजिटिव मिले हैं। यानी, करीब एक फीसदी मलेरिया पाजिटिव ही जिले में मिले हैं।

तालाबों को छोड़ें गंबूजिया मछली

स्वास्थ्य विभाग ने संवेदनशील ब्लाकों के अंतर्गत आने वाले तालाबों की सूची भी तैयार कर ली है। विभाग की ओर से गठित टीमों को आदेशित किया गया है कि इन तालाबों में गंबूजिया मछली छोड़ी जाएंगी। जो डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर के लार्वा खाती हैं। इससे काफी हद तक डेंगू के प्रकोप पर अंकुश लगाया जा सकता है।

फैक्ट फाइल

- 1,31,565 जांच जनवरी से अब तक हुई

- 1318 केस मलेरिया पीवी के मिले

- 156 केस मलेरिया पीएफ के मिले

पिछले वषरें की तुलना में अभी मलेरिया के केस काफी कम हैं। हालांकि अन्य जिलों में जिस प्रकार से बुखार का प्रकोप चल रहा है। इसको लेकर अब 62 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स की टीमों को जांच के लिए लगाया जाएगा। वहीं आशाओं को भी पूर्व में ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

डॉ। देशराज सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी

Posted By: Inextlive