जेल में बंद कैदियों की लगातार बीमारियों से हो रही मौत

- गार्द के अभाव में कैदियों को नहीं मिल पा रहा बेहतर इलाज

विनय कुमार शुक्ला

बरेली : जेल में बंदी बीमार हो रहे हैं। ठीक तरह से इलाज न मिलने के कारण इनकी मौत भी हो रही है। किसी को एड्स है, तो कोई टीबी से ग्रस्त है, जबकि कुछ को अन्य गंभीर बीमारी है। इतना ही नहीं, इन मरीजों से दूसरे मरीजों में संक्रमण भी फैल रहा है। दरअसल, मानक से ज्यादा कैदी बंद हैं। इसलिए इंफेक्शन फैल रहा है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ के केजीएमयू के लिए रेफर कर दिया, लेकिन गार्द और पुलिस बल नहीं मिलने के कारण इन्हें बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा। मजबूरी में बीमार कैदी जेल हॉस्पिटल में ही इलाज करा रहे हैं।

जेल मानक वर्तमान स्थिति

किशोर सदन 188 -

सेंट्रल जेल 1799 2265

डिस्ट्रिक्ट जेल 3558 2953

बीमारी कैदी

एचआईवी 31

टीबी 06

अन्य 19

टोटल 56

अफसरों तक पहुंची हकीकत

जेल की ऊंची दीवारों और सलाखों के भीतर अपने जुर्म की सजा काट रहे कैदियों की झकझोरने वाली जांच रिपोर्ट आखिर शासन तक पहुंच ही गई। यह रिपोर्ट एसएसपी, डिस्ट्रिक्ट जज और डीएम तक पहुंच चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, जेल के 56 बंदी गंभीर रूप से बीमार हैं। इन्हें बेहतर इलाज की जरूरत है। पर पुलिस बल नहीं मिलने के कारण इन्हें बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा। इनमें एक-एक कर मरीजों को जेल प्रहरियों के साथ इलाज के लिए बाहर भेजने की व्यवस्था की गई है।

मानक से ज्यादा है बंदी

अधिकारियों का कहना है कि वे हर संभव कोशिश कर रहे हैं, जिससे बंदियों का इलाज कराया जा सके। जेल प्रबंधन से मिले आंकड़ों के मुताबिक, सेंट्रल जेल और डिस्ट्रिक्ट जेल में मानक से अधिक बंदी हैं। इनमें कई सजायाफ्ता कैदी उम्रदराज हैं। जिन्हें विशेष तरह के इलाज की जरूरत है। जेल अधिकारियों की मानें तो किसी को बवासीर, आंखों की बीमारी या फिर हाइड्रोसील जैसी कई अन्य बीमारियां हैं।

पिछले साल गईं कई जानें

महीना कैदी

13 जनवरी - बंदी आबिद

29 अप्रैल - सौदान सिंह

3 जून - नत्थू लाल

08 जुलाई - टिकोली देवी

23 अगस्त - रामप्रकाश सक्सेना

30 अगस्त - अनोखे लाल

13 सितम्बर - पप्पू उर्फ सुरताज

24 सितम्बर - नंदराम

26 अक्टूबर - मदन लाल

27 अक्टूबर - सुरेंद्र

35 बंदी ऐसे हैं जोउम्रकैद की सजा काट रहे हैं। इन बंदियों को इलाज के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से केजीएमयू के लिए रेफर किया गया है। पुलिस बल और गार्द के अभाव के कारण बंदियों का इलाज जेल के हॉस्पिटल में कराया जा रहा है।

- यूपी मिश्रा, जेलर, डिस्ट्रिक्ट जेल

जेल प्रशासन की ओर से पत्र मिला है, पुलिस बल की कमी के चलते यह समस्या आ रही है। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए गार्द उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि कैदियों को इलाज के लिए लखनऊ भेजा जा सके।

शैलेश कुमार पाण्डेय, एसएसपी

Posted By: Inextlive