व‌र्ल्ड वाटर डे पर विशेष

- जिले में सिर्फ 40 स्थानों पर लगा है रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

- विभाग के पास अन्य किसी विभाग का रिकॉर्ड नहीं, लगातार गिर रहा वॉटर लेवल

बरेली : कहावत है कि इंसान भूखे पेट तो रहे लेगा लेकिन पानी के बिना नहीं। अब सवाल उठना लाजमी है कि क्या हम पानी को बचाने के लिए कितना प्रयास कर रहे हैं। इसका खुलासा इस बात से ही हो गया कि धरा की कोख सींचने को शहर में सिर्फ 28 विभाग ही प्रयासरत हैं। वहीं जिले की बात करें तो कुल 40 स्थान ऐसे है जहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा हुआ है। अन्य शासन के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वर्तमान में अंडर ग्राउंड वाटर लेवल की जो स्थिति है वह चौंकाने वाली है अगर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो भविष्य में इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

अपने ही आदेश को लगा रहे पलीता

भू-गर्भ जल विभाग हर साल सरकारी विभागों को नोटिस जारी कर वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने संबंधी सूचना मांग रहा है लेकिन कोई भी विभाग इस बाबत सूचना नहीं दे रहा है। वजह भी साफ है कि जब प्लांट लगा ही नहीं है तो नोटिस के जवाब में क्या लिखा जाए।

सूख रही धरा की कोख

भू-गर्भ जल विभाग से मिले डाटा के अनुसार प्री-मानसून में विभाग की ओर से शहर में 28 ऐसे स्थान जहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा हुआ है वहां वर्ष 2019 से लगातार अंडर ग्राउंड वाटर लेवल में गिरावट दर्ज की जा रही है। बावजूद इसके सरकारी और प्राइवेट संस्थान इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अगर भविष्य में भी इस प्रकार की उदासीनता जारी रही तो पानी की एक बूंद के लिए मोहताज रहना पड़ेगा।

एक भी सरकारी हॉस्पिटल में नहीं लगा है सिस्टम

तीन माह पहले लघु सिंचाई विभाग ने सीएमओ को पत्र जारी कर जिले की समस्त सीएचसी-पीएचसी में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की सूचना मंागी थी, डिपार्टमेंट की ओर से दिया गया जवाब चौंकाने वाला था। विभाग की ओर से भेजे गए जवाब में साफ कहा गया कि जिले में किसी सरकारी सेंटर्स पर सिस्टम नही लगा है।

क्या है नियम

शासन के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश जारी किया है कि सरकारी या गैर सरकारी संस्थान में रैन वाटर हार्वेस्टिंग लगाना अनिवार्य है, इसको मानक में शामिल किया गया है अगर सिस्टम लगाए बगैर ही संस्थान में संचालन का कार्य चल रहा है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।

शहर के इलाके और वर्षवार प्री.मानसून जलस्तर मीटर में

क्षेत्र 2019 2020

भरतौल 10.58 10.08

जिला परिषद 12.40 12.21

राइफल क्लब 09.75 09.52

आईवीआरआई 03.31 02.96

राजेंद्र नगर 08.96 08.76

आयुक्त कार्यालय 11.26 11.78

सुभाष नगर 04.80 05.61

हरूनगला 7.22 06.97

जिले में करीब बारह प्वाइंट पर भूगर्भ जलस्तर तेजी से घट रहा है। भरतौल समेत कुछ जगह जलस्तर पहले से बेहतर भी हुआ है।

- जीएस नेगी, सहायक अभियंता, भूगर्भ जल विभाग

Posted By: Inextlive