अब कड़वी होगी चाय की चुस्की
बरेली (ब्यूरो)। चाय की पत्ती की कीमत मार्च से अब तक दोगुनी तक बढ़ चुकी हैं। इसकी मुख्य वजह मांग के मुताबिक आवक न होना रहा। इसके साथ ही ऊपरी स्तर पर लगातार कीमतें बढ़ने से स्थानीय बाजारों पर भी असर पड़ा। हालांकि पिछले दो सप्ताह में खुली चाय की कीमतों में 20 से 30 रुपए प्रति किलो की कमी आई है, मगर ब्रांडेड कंपनियों ने अपनी चाय की कीमत नहीं घटाई है।
चार बार आती है फसलचाय का कारोबार करने वालों की जानकारी के अनुसार माने तो चाय की एक फसल तीन माह में तैयार हो जाती है। यानि एक वर्ष में कुल चार फसलें ली जाती है। इसमें फर्स्ट फसल की पत्तियों सबसे अच्छी होती है उसी तरह सेकंड और थर्ड के बाद फोर्थ बार की पत्तियों की क्वालिटी थोड़ी कम होती जाती है। मार्च में लॉकडाउन से पहले बाजार में पिछले वर्ष की चाय थी। दिसंबर में चाय के बागान बंद होने के बाद फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत में नई चाय की पत्तियां तोड़ने का काम शुरू होता है। नई पत्तियों की चाय सबसे महंगी होती है लेकिन उसी समय कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन घोषित होने के बाद बागान बंद होने लगे और मजदूरों को वापस भेज दिया गया। दोबारा जब बागान खुले तो चाय की पत्तियां काफी बड़ी हो चुकी थीं और उनकी कीमत खत्म हो गई थी। पत्ती न टूटने से चाय की आवक कम हुई। कानपुर के बाजार में रोज करीब एक लाख किलो चाय की खपत है। शहर में उच्च, मध्यम, निम्न स्तर की चाय की बिक्री थोक बाजार में होती है। अनलॉक में जैसे ही बाजार खुला सभी चाय की कीमत 80 से 100 रुपये किलो बिकने लगीं। इसके बाद लगातार चाय के भाव बढ़े।
अभी और बढ़ सकती है कीमतें बरेली चाय व्यापारी राकेश अग्रवाल के मुताबिक दो सप्ताह पहले तक लगातार कीमतें बढ़ रही थीं। अब अनलॉक में चाय की डिमांड भी बढ़ी है। वहीं जानकारों की माने तो नवरात्र में पश्चिम बंगाल के सभी मजदूर घर जाते हैं। इस वजह से बागान मालिकों ने ज्यादा स्टॉक बाजार में उतार दिया, इसकी वजह से हर जगह कीमतें कम हो गईं। 10 दिसंबर से पत्तियां तोड़ना बंद हो जाएगा, इसके बाद फिर कीमतें बढ़ सकती हैं। अभी और बढ़ सकती है कीमतेंबरेली चाय व्यापारी राकेश अग्रवाल के मुताबिक दो सप्ताह पहले तक लगातार कीमतें बढ़ रही थीं। अब अनलॉक में चाय की डिमांड भी बढ़ी है। वहीं जानकारों की माने तो नवरात्र में पश्चिम बंगाल के सभी मजदूर घर जाते हैं। इस वजह से बागान मालिकों ने ज्यादा स्टॉक बाजार में उतार दिया, इसकी वजह से हर जगह कीमतें कम हो गईं। 10 दिसंबर से पत्तियां तोड़ना बंद हो जाएगा, इसके बाद फिर कीमतें बढ़ सकती हैं।
काफी बढ़ गई कीमतें चाय के पहले जो रेट थे उसकी अपेक्षा इस वक्त काफी बढ़ गए हैं। इसका मेन कारण आवक भी घटी है। बताया जा रहा है कि बागान खराब हो गए थे। जिस कारण चाय का उत्पादन कम हुआ है इसीलिए रेट में इजाफ हुआ है। -राकेश अग्रवाल, टाटा प्रीमियम होल सेलर चाय की कीमतों का उतार-चढ़ाव क्वालिटी मार्च 15 दिन पहले आज निम्न 100-110 230 210 मध्यम 160-170 350 320 उच्च 250-280 450 420