- सीवर लाइन की खोदाई के दौरान मिट्टी धंसने से गड्डे में दबा मजदूर

- चौकी चौराहा के पास गड्ढे में मजदूर दबने से मची अफरा-तफरी

- टीएसआइ और होमगार्ड ने गड्ढे में घुसकर मजदूर को बाहर निकाला

बरेली: जाको राखै साइयां, मार सके न कोयमतलब जिसकी रक्षा खुद भगवान करते हैं उसे काल भी मार नहीं सकता है। संडे को बरेली के चौकी चौराहा पर ऐसा ही कुछ देखने को मिला, जहां करीब 120 मिनट तक जिंदगी की मौत से 'जंग' चली। काफी मशक्कत के बाद मौत को हराकर जिंदगी जीत गई।

अचानक धंसी मिट्टी

मंडे सुबह चौकी चौराहे पर जेसीबी से सीवर लाइन की खोदाई हो रही थी। तभी खोदाई के दौरान पाइप लाइन टूट गई जिस पर एक मजदूर उसे ठीक करने के लिए करीब 15-20 फीट गहरे गड्ढे में उतर गया लेकिन तभी अचानक खोदाई की मिट्टी धंस गई जिसके नीचे मजदूर दब गया। गनीमत रही आस-पास लोग मौजूद थे। साथ ही चीख-पुकार सुन पास में ही ड्यूटी कर रहे ट्रैफिक सिपाही और होमगार्ड आ गए। दोनों की सूझबूझ से दो घंटे की मशक्कत के बाद मजदूर को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद उसे प्राइमरी ट्रीटमेंट के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल भेज दिया गया। अब उसकी हालत ठीक है।

गले तक दब गया मजदूर

चौकी चौराहा पर रतनदीप कांप्लेक्स के सामने बीते दिनों ट्रंक सीवर लाइन डाली गई है। कांप्लेक्स के ठीक सामने ट्रंक लाइन में पुरानी सीवर लाइन को जोड़ा जाना था। इस काम के दौरान पुरानी सीवर लाइन क्षतिग्रस्त हुई और उसमें से गड्ढे में पानी भरने लगा। गाजियाबाद के नहाल मसूरी निवासी सचिन कुमार पाइप लेकर उसे जोड़ने के लिए गड्ढे में उतारा। तभी अचानक उसके ऊपर मिट्टी भरभराकर गिर गई। देखते-देखते वह गले तक पूरा मिट्टी से दब गया। इस पर वहां अफरा-तफरी मच गई।

हौसले से बचाई जान

चौकी चौराहे पर ड्यूटी कर रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मी मजदूर का शोर सुनते ही मौके पर पहुंच गई थे। मजदूर को तड़पता देखकर टीएसआई कमलेश ठाकुर, कांस्टेबल सगीर आलम, होमगार्ड ऋषि पाल और अनेक पाल समझदारी दिखाते हुए खुद ही गढ्डे में कूद गए। इनमें टीएसआई तो मजदूर को निकालने की मशक्कत करते हुए खुद ही सर से पांव तक मिट्टी में सन भी गए। लेकिन आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और मजदूर को सुरक्षित गढ्डे से बाहर निकाल लिया गया। मुमकिन है अगर यह लोग मौके पर नहीं होते तो मूकदर्शक बनकर खड़े लोग सिर्फ मजदूर को तड़पता देख वीडियो ही बनाते हुए कोई सरकारी सुविधा पहुंचने का इंतजार करते रहते हैं।

बिना बेरिके¨डग किया जा रहा था काम

जल निगम के ठेकेदार बिना बेरिके¨डग लगाए वहां काम करवा रहे थे। रतनदीप कांप्लेक्स के ठीक सामने कलक्ट्रेट से आने वाले मार्ग पर सीवर लाइन जोड़ने को गड्ढा खोद दिया था। अन्य वाहनों को बचाने के लिए वहां बेरिके¨डग भी नहीं कराई गई थी। इसके साथ ही वहां काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा के कोई साधन भी नहीं दिए गए थे। सीवर के पानी से हुए रिसाव के कारण मिट्टी घंस गई और मजदूर उसमें दब गया।

दो साल पहले मरे थे छह

30 जुलाई 2018 पीलीभीत बाईपास पर फाइक इंक्लेव के सामने अवैध रूप से एक सेल्युलर कंपनी की ऑप्टिकल केबिल डालते वक्त आठ मजदूर एक गढ्डे गिर पड़े थे। करीब दो घंटों की मशक्कत के बाद सिर्फ दो मजदूरों को ही जिंदा बाहर निकाला जा सका था। इसके बाद सरकारी महकमों के अफसर कार्रवाई की जगह एक दूसरे पर आरोप मढ़ते नजर आए थे।

ट्रंक सीवर लाइन डालने के लिए सड़क की खोदाई करते वक्त सुरक्षा के सभी इंतजाम किए जाते हैं। घटना के वक्त भी ठेकेदार के कर्मचारी वहां मौजूद थे, इसलिए मजदूर को दबने से बचा लिया गया। उसकी हालत ठीक है।

संजय कुमार, अधिशासी अभियंता, जल निगम

Posted By: Inextlive