-गणेश चर्तुर्थी के लिए हर बार मूर्तिकारों के पास होती थी एडवांस बुकिंग

-इस बार बड़ी मूर्ति की बुकिंग के लिए नहीं आया एक भी ऑर्डर

बरेली: गणेश चर्तुर्थी पूजा पर इस बार कोरोना का साफ असर दिख रहा है। कोरोना की मार के चलते मूर्तिकार तक बेजार हो गए है। मूर्ति निर्माण करने वाले कलाकारों की माने तो हर बार कस्टमर्स मनचाहे साइज के हिसाब से मूर्ति निर्माण कराने के लिए एडवांस दर्जनों आर्डर मिलते थे लेकिन इस बार एक भी एडवांस आर्डर नहीं मिला है। जिसके चलते वह खाली बैठे हुए है। हालांकि मूर्तिकारों ने कुछ छोटी मूर्तियों का निर्माण किया है, लेकिन उनके लिए भी अभी कस्टमर्स न के बराबर ही पहुंच रहे हैं। जिसको लेकर मूर्तिकार भी परेशान है।

तीन माह पहले से होती थी तैयारी

शहर के पीलीभीत बाईपास रोड, मिनी बाईपास रोड, कुदेशिया फाटक रोड सहित डेलापीर रोड पर भी कई मूर्तिकार तीन से चार माह पहले ही गणेश चर्तुर्थी की तैयारियों को लेकर मूर्ति निर्माण शुरू कर देते थे। मूर्ति निर्माण के लिए मूर्तिकार ही नहीं पूरी फैमिली के साथ इस काम को करते थे। पूरी फैमिली के साथ दिन रात एक कर मूर्तिकार अच्छी कमाई कर अपने परिवार के लिए खर्च निकाल लेते थे। मूर्तिकारों की ही माने तो एक एक मूतिकार गणेश चर्तुर्थी पर 60-70 प्रतिमाएं छोटी और दर्जन भर से अधिक बड़ी प्रतिमाएं बेंच लेता था। लेकिन इस बार कोरोना काल में बड़ी प्रतिमा के लिए कोई डिमांड ही नहीं आई, जबकि मूर्तिकारों ने खाली बैठने से अच्छा छोटी प्रतिमा तो बनाई है जिनकी कीमत 100 रुपए से लेकर 500 रुपए तक है, लेकिन इन प्रतिमाओं को भी कस्टमर्स खरीदने के लिए न के बराबर ही पहुंच रहे हैं।

जूट और मिट्टी से बना रहे प्रतिमा

शहर में बनने वाली गणेश प्रतिमा पहले तो पीओपी की बनाई जाती थी। जिसमें कैमिकल कलर भी यूज होता था। लेकिन अब हर्बल कलर के साथ मिट्टी की प्रतिमा बनाने में यूज की जा रही है। जबकि प्रतिमा के अंदर जूट का प्रयोग किया जा रहा है। ताकि मूर्ति के विसर्जन में कोई हानि जल जंतुओं को न हो।

20 से भी अधिक होता था बड़ा आयोजन

शहर में करीब 20 जगह गणेश चर्तुर्थी महोत्सव का बड़ा आयोजन होता है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस बार कोई भी आयोजन कहीं नहीं हो रहा है। इन सभी जगह पंडालों में भगवान गणेश जी की बड़ी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाती थी, लेकिन इस बार पंडाल में कोई बड़ा आयोजन न होने के चलते बड़ी प्रतिमाओं की डिमांड भी खत्म हो गई है। जिस कारण मूर्तिकार भी परिवार के साथ खाली बैठे है।

ढोल नगाड़े वालों में भी मायूसी

गणेश चर्तुर्थी के आयोजन में जहां पूजन और विसर्जन के मौके पर ढोल नगाड़ों की खासी डिमांड रहती थी। लेकिन इस बार गणेश चर्तुर्थी का सामूहिक आयोजन नहीं होने के चलते ढोल नगाड़े वालों में भी मायूसी है। वहीं प्रशासन ने भी शहर में कहीं भी सामूहिक आयोजन पर रोक लगाई है।

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-हर वर्ष तो गणेश चर्तुर्थी की तैयारियां जोरो पर होती थी। लेकिन इस बार गणेश प्रतिमा की डिमांड ही नहीं है। बड़ी प्रतिमा बनवाने के लिए हर वर्ष तो आर्डर मिलते थे इस बार कोई आर्डर तक नहीं है।

महेन्द्र, मूर्तिकार, पीलीभीत बाईपास रोड

Posted By: Inextlive