सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग कराने वाली गल्र्स ने कहा कि अब कहीं पर भी अकेले निकलने में नहीं लगेगा डर.

बरेली (ब्यूरो)। गल्र्स अब छेड़खानी का शिकार होने वाली नहीं बल्कि शोहदों को सबक सिखाने के लिए तैयार हो रहीं हैं। यह कहना है शहर के अलग-अलग एरिया में सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग कराने वाली गल्र्स का जो दूसरी गल्र्स को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कैंपेन 'हर दमÓ के तहत ऐसी गल्र्स से बात की तो उन्होंने बताया कि वह खुद सेल्फ डिफेंस का कोर्स कर दूसरी गल्र्स को भी ट्रेंड कर रही हैं। क्योंकि यह कोई गेम नहीं बल्कि आर्ट है जिससे हमारा कॉन्फिडेंस बढ़ जाता है कि हम अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकते हैं।

घर पर कराती हैं ट्रेनिंग
शहर में अब पुरुष ही नहीं गल्र्स ट्रेनर भी गल्र्स और महिलाओं को सेल्फ डिफेंस कोर्स सिखा रही हैं। इसमें कई गल्र्स ऐसी हैं जो पार्क या फिर सेंटर पर नहीं आना चाहती हैं तो वह अपने साथ आसपास की अन्य गल्र्स को एकत्र कर वहां पर पर्सनल ट्रेनर लगाकर भी सेल्फ डिफेंस के गुर सीख रही हैं। शहर में कई अलग-अलग एरिया में गल्र्स को ट्रेनिंग करा रही हैं जहां पर बड़ी संख्या में गल्र्स ट्रेनिंग कर रही हैं।

संस्थाएं भी करा रही ट्रेनिंग
शहर में कई ऐसी समाजसेवी संस्थाएं हैं जो गल्र्स को मेटिवेट करने के साथ उनको सेल्फ डिफेंस के कोर्स कराती र्हं। यह संस्थाएं उन गल्र्स को ट्रेनिंग कराती हैं जो खुद ट्रेनिंग नहीं कर सकती हैं लेकिन वह ट्रेनिंग करना चाहती हैं। ऐसी गल्र्स के लिए शहर की समाजसेवी संस्थाएं आगे आई हैं जो इन गल्र्स के लिए ट्रेनिंग कराती हैं।

कराटे सीखने में अधिक रुझान
सेल्फ डिफेंस कोर्सेस की बात करें तो कराटे में गल्र्स का रूझान अधिक रहता हैं। इसके साथ मार्शल आर्ट आदि भी सीखने का क्रेज दिख रहा है। गल्र्स की मानें तो यह कोर्स गल्र्स के लिए ही नहीं बल्कि ब्वॉयज के लिए भी जरूरी हैं, इसका सही प्रयोग खुद की रक्षा के लिए करें तभी बेहतर है। गल्र्स अगर सेल्फ डिफेंस आदि का कोर्स सीखे हुए है तो वह खुद की सुरक्षा आसानी से कर सकती हैं।

इनकी सुनिए

मैं जब क्लास 6 में थी तभी से सेल्फ डिफेंस का कोर्स शुरू किया था। मैंने करीब 8 साल तक प्रैक्टिस की और उसके बाद गल्र्स को ट्रेनिंग देना शुरू कर दी। मैं दिल्ली से बीबीए कर रही हूं, वहां पर हॉस्टल में रहने वाली गल्र्स को भी ट्रेनिंग दे रही हूं। -अपराजिता, ट्रेनर -वर्ष 2017 से मैंने प्रैक्टिस शुरू की। पांच साल प्रैक्टिस करने के बाद मैंने अब गल्र्स को प्रैक्टिस कराना शरू कर दिया है। मैं अब 12वीं में स्टडी के साथ सिविल लाइंस में गल्र्स के लिए प्रैक्टिस कराती हूं। घर पर भी कई गल्र्स हैं उनको भी प्रैक्टिस कराती हूं। - निष्ठा, ट्रेनर -सेल्फ डिफेंस का कोर्स करने के बाद खुद में कॉन्फिडेंस बढ़ता है साथ ही हम अब दूसरी गल्र्स को भी ट्रेनिंग करा सकते हैं। दूसरी गल्र्स को अवेयर करने के साथ उन्हें ट्रेंड करा रहीं हूं कि वह भी खुद सेल्फ डिफेंस के बारे में समझें। -मोनिका सिंह, ट्रेनर Posted By: Inextlive