- कोहाड़ापीर पेट्रोल पंप से कुदेशिया तक दुकानों के बाहर सजीं दुकानें, आधी से ज्यादा सड़क कब्जाई

- दो किमी की सड़क पर सिर्फ अतिक्रमण, बरेलियंस व स्कूली छात्र भी हो रहे परेशान

- दिन भर बने रहते हैं जाम जैसे हालात, निगम के अफसर लापरवाह और पुलिस भी मस्त

बरेली: शहर की मुख्य सड़कों व चौराहों का हाल कुछ यूं है कि देखकर समझ ही नहीं आता कि शहर में अतिक्रमण है या फिर अतिक्रमण के बीच शहर बसा हुआ है। व्यापारियों के पास बड़ी-बड़ी दुकानें हैं फिर भी सामान बाहर सजा रखा है। चाहें रेस्टोरेंट हो या ऑटो पार्ट्स की दुकान, हर सामान रखा तो दुकान के अंदर जाता है, लेकिन बिकता बाहर है।

ऐसा ही कुछ हाल कोहाड़ापीर पेट्रोल पंप से लेकर कुदेशिया फाटक तक दो किलोमीटर सड़क के टुकड़े का है। यही रास्ता शहर के एक छोर को बाकी हिस्से से जोड़ता है, इसके बावजूद इसकी यह दशा चौंकाने वाली है। इसके लिए मुनाफाखोर व्यापारी तो जिम्मेदार हैं ही, लेकिन उतने ही जिम्मेदार सरकारी महकमे के वह अधिकारी भी हैं, जो बरेलियंस को जाम के धक्के खाने और ध्वस्त हो चुकी व्यवस्था से जूझने के लिए उनके हाल पर छोड़कर खुद आराम फरमाते हैं।

रेस्टोरेंट अंदर, भट्टियां सड़क पर सजाईं

कोहाड़ापीर चौराहे से लेकर कुदेशिया फाटक तक कई वेज व नॉन वेज रेस्टोरेंट हैं। सभी के पास अच्छी जगह भी हैं, लेकिन अधिकतर की भट्टियां सड़क पर सजी हैं। यहां आने वाले ग्राहकों के लिए अच्छी व्यवस्था करने के लिए तो संचालकों ने अंदर बेहतर व्यवस्था कर रखी है, लेकिन सड़क पर चलने वालों के लिए परेशानियां खड़ी कर दी हैं। कानून को ताक पर रखकर काफी समय से चली आ रही इस अव्यवस्था से अधिकारियों ने भी नजरें फेर रखी हैं।

सड़क पर सजे गाड़ी बाजार, रिपेयरिंग भी वहीं

कोहाड़ापीर से कुदेशिया फाटक की ओर चलना शुरू करें तो सड़क पर पहले मैकेनिक फिर बाइक बाजार वाले और फिर कुछ ऑटो पार्ट्स डीलर कब्जा जमाए हुए हैं। सड़क पर सैकड़ों की तादात में दुकानों के बाहर खड़ीं मोटरसाइकिलें अपने नए मालिकों का इंतजार कर रही हैं। वहीं मैकेनिक भी सड़क पर ही गाडि़यों की मरम्मत करते रहते हैं, जिससे दुर्घटना होने का भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं, लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

फड़ और खोखों के साथ दुकानों का सामान भी सड़क पर

नैनीताल रोड कही जाने वाली इस सड़क पर तमाम फड़ और खोखे भी लगे हुए हैं। इनमें बाइक-कार की नंबर प्लेट से लेकर सीट कवर, धूम्रपान का सामान बेचने और बैल्डिंग तक का काम किया जाता है। नियमों और हादसों की संभावनाओं को ताक पर रखकर लोग भी यहां सुविधाएं लेने आते हैं। वहीं अधिकतर हार्डवेयर, स्टील व अन्य व्यापारियों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सामान भी दुकानों से बाहर तक डिसप्ले पर लगाया हुआ है।

अक्सर लगता है जाम, छात्र भी परेशान

सड़क पर अतिक्रमण होने के कारण बरेलियंस के निकलने के लिए सड़क पर कुछ ही जगह बचती है। अतिक्रमण का विरोध करने पर व्यापारी लड़ने तक पर आमदा हो जाते हैं। और हों भी क्यों ना, सरकारी महकमों तक उनका हफ्ता और महीने पर वसूली की मोटी रकम जो पहुंचती है। रात तक अधिकतर समय यहां जाम जैसे हालात रहते हैं। इसी सड़क पर दो इंटर कॉलेज भी हैं, जहां छुट्टी के समय छात्रों को भी काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं जगह-जगह खड़े रहने वाले पुलिसकर्मी भी गर्मी में छांव तो सर्दी में किनारे बैठे धूप का आनंद लेते रहते हैं।

क्या कहते हैं व्यापारी।

अधिकतर व्यापारी दुकानों के बाहर सामान सजा लेते हैं, जोकि गलत है। इससे अक्सर सड़क पर जाम रहता है। निगम के अफसर व पुलिसकर्मी भी इस पर ध्यान नहीं देते। हालात बेहतर करने के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। - रिजवान खान, ऑटोपार्ट्स डीलर

अधिकतर व्यापारी ने पिछले साल चले अतिक्रमण अभियान के दौरान चेतावनी मिलने के बाद सामान दुकानों के अंदर ही रखना शुरू कर दिया है। कुछ हैं जो अब भी नहीं मानते हैं। ऐसे व्यापारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। - पंकज बग्गा, व्यापारी

कोहाड़ापीर पंप के पास कुछ मैकेनिक व अन्य हॉर्डवेयर व्यापारी अपना सामान दुकान के बाहर तक सजा लेते हैं, जिससे काफी समस्या होती है। निकलने वालों को भी परेशानी होती है। कई व्यापारी समझाने के बावजूद नहीं समझते हैं। ऐसों पर कार्रवाई होनी चाहिए। - राजीव अग्रवाल, परचून व्यापारी

Posted By: Inextlive