दिव्यांग हो तो क्या तुम्हारी पूजा करूं..
- व्हील चेयर के लिए सुविधा शुल्क न देने पर कंडक्टर ने दिव्यांग से की अभद्रता
-आनंद विहार से बरेली आ रहा था दिव्यांग, एआरएम से कंप्लेन, कंडक्टर किया गया तलब बरेली : रोडवेज बस दिव्यांगों को फ्री सर्विस देने का दावा करता है, लेकिन असल में फ्री सर्विस के नाम पर दिव्यांगों से अक्सर अभद्र व्यवहार किया जाता है। ऐसा ही एक मामला सैटरडे को दिल्ली से बरेली आने वाली रोडवेज बस में देखने को मिला। कंडक्टर ने दिव्यांग से बस का किराया तो नहीं लिया लेकिन व्हील चेयर रखने के लिए सुविधा शुल्क मांगा। मना करने पर कंडक्टर ने अभद्र व्यवहार किया और वहीं छोड़कर चला गया। बाद में दूसरी बस से बरेली आकर दिव्यांग ने एआरएम से कंप्लेन की। एआरएम ने कंडक्टर से जवाब-तलब किया है। क्या है पूरा मामलाबहेड़ी निवासी दिव्यांग विवेक पाल ने बताया कि वह पिछले दिनों दिल्ली इंटरव्यू देने के लिए गया हुआ था। आनंद विहार बस अड्डे में रुहेलखंड परिवहन निगम की बस संख्या यूपी27 टी 8614 के कंडक्टर से उसने बरेली चलने की बात कही। कंडक्टर ने दिव्यांग सर्टिफिकेट मांगा उसने दिखाया लेकिन आरोप है कि कंडक्टर मुनींद्र पाल सिंह ने उससे व्हील चेयर बस में रखने के नाम पर सुविधा शुल्क (200 रुपये) की मांग की। मना करने पर उसने विवेक को नहीं बैठाया। कंडक्टर ने कहा, दिव्यांग हो तो क्या तुम्हारी पूजा करूं रुपए तो देने ही पड़ेंगे और यह कहकर वह बस लेकर चला गया।
दो घंटे करता रहा वेट विवेक का कहना है कि बस चले जाने के दो घंटे बाद दूसरी बस से वह सैटरडे को पहुंचा, जहां उसने रुहेलखंड डिपो के एआरएम भुवनेश्वर कुमार से मामले की लिखित शिकायत की। एआरएम ने बताया कि कंडक्टर को पांच दिन अवकाश देने के साथ उसके रुट को भी बदल दिया गया है।