- सुभाषनगर के करेली की रहने वाली मृतका लकवाग्रस्त थीं, पति की पहले ही हो चुकी है मौत

- बेटी की तहरीर पर हत्यारोपित बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने किया गिरफ्तार

बरेली : मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है। महज खाना न मिलने से शराबी बेटा इस कदर नाराज हो गया कि उसने मां को ही मार डाला। सिलबट्टे के सिल से उसने मां के सिर पर तीन वार किये, इससे बुजुर्ग मां का सिर फट गया और उसकी मौत हो गई। मां की मौत की जानकारी होते ही हत्यारोपित का नशा काफूर हो गया। मामले में सुभाषनगर पुलिस ने मृतका की बेटी उर्मिला की तहरीर पर हत्यारोपित संजीव के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।

हत्या का दर्ज हुआ केस

मामला सुभाषनगर के करेली का है। यहां सुखदेई अपने दो बेटों संजीव और राजीव के साथ रहती थीं। सुखदेई के पति पूरनलाल की काफी समय पहले मौत हो चुकी है। संजीव और राजीव दोनों मजदूरी करते हैं। राजीव मानसिक मंदित भी है। राशन न होने के चलते रविवार को घर पर खाना नहीं बना था। मजदूरी कर शाम को घर लौटे हत्यारोपित संजीव ने भाई राजीव को दो सौ रुपये देकर सामान लाने की बात कही और चला गया। राजीव सामान ले गया। इसके बाद रात करीब 12 बजे संजीव घर लौटा तो राजीव घर पर नहीं था। उसने मां से खाना मांगा। सुखदेई ने खाना न बनने की बात कही। इसी बात से संजीव इस कदर नाराज हो गया कि पास में ही रखे सिलबट्टे के सिल को उठाकर मां के सिर पर तीन वार किये। इससे बुजुर्ग जमीन पर गिर पड़ी और खून से लथपथ हो गई। सुखदेई के कुछ न बोलने पर संजीव भागता-भागता पास में रहने वाले चाचा ओमप्रकाश के पास गया। वह घर पहुंचे तो देखा कि सुखदेई की मौत हो चुकी है। पुलिस को जानकारी दी गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इधर, घटना के बाद घर पहुंची बेटी उर्मिला ने भाई संजीव के खिलाफ मां की हत्या की तहरीर दी।

आये-दिन बेटा दबाता था गला

घटना के बाद आस-पास रहने वाले लोगों के भी सब्र का बांध टूट गया। पुलिस को लोगों ने बताया कि हत्यारोपित संजीव आये दिन बुजुर्ग सुखदेई का उत्पीड़न करता था। लकवाग्रस्त होने के चलते सुखदेई चल-फिर नहीं पाती थी। दूसरे के सहारे ही उनकी ¨जदगी चल रही थी। नशे में आकर संजीव सुखदेई को पीटता, गला दबा देता। फिर भी सुखदेई किसी से शिकवा-गिला नहीं करती। बेटे के हर दर्द को वह चुपचाप सहती रहीं, वही उनकी ¨जदगी पर भारी पड़ गया।

बड़ा भाई भी गवां चुका है जान

पुलिस के मुताबिक, सुखदेई तीन बेटों व तीन बेटियों की मां थीं। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। संजीव के उत्पीड़न से ही उसका बड़ा भाई तंग आ चुका था। करीब आठ साल पहले वह बिना बताए घर से चला गया उसके बाद उसका नदी में उतराता हुआ शव मिला था। संजीव और राजीव दोनों की शादी नहीं हुई है। चार दिन पहले मां से मिलने आई बेटी उर्मिला को भी संजीव ने भगा दिया था। उनसे मिलने ही नहीं दिया। विवाह के बाद से ही पति के साथ उर्मिला चनेहटी में रहती हैं।

माचिस की तीली की रोशनी में देखा शव

सुखदेई के घर में बिजली नहीं है। घटना के समय घर में अंधेरा ही था। घटना के बाद संजीव ने जब चाचा ओमप्रकाश को बुलाया तो अंधेरा होने के चलते उसने माचिस जलाई। माचिस के उजाले में ओमप्रकाश ने देखा कि सुखदेई खून से लथपथ पड़ी हैं। शुरुआती पूछताछ में हत्यारोपित संजीव खुद को पाक-साफ बताता रहा। पुलिस ने सख्ती की तो पूरी कहानी बयां कर बैठा और मां की हत्या की बात कबूल की।

मामले में हत्यारोपित बेटे के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

- नरेश कुमार त्यागी, इंस्पेक्टर, सुभाषनगर

Posted By: Inextlive