-बरेली के 1400 अधिकारियों की बनेगी मेल आईडी, डिजिटल सिग्नेचर भी होंगे

-दफ्तरों में नहीं दबेगी कोई फाइल, सारा सिस्टम होगा ऑनलाइन

BAREILLY: सरकारी दफ्तरों में कई दिनों तक फाइल दबी रहना आम बात है। जब भी कोई पब्लिक अपने काम के लिए जाती है तो फिर उसकी फाइल एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस में भटकती रहती है और कई दिनों तक काम न होने पर जब वह फाइल की अपडेट लेता है तो पता चलता है कि फाइल किसी बाबू या किसी अधिकारी की टेबल पर अटकी हुई है, लेकिन अब इससे काफी हद तक आजादी मिल जाएगी। यह आजादी भी मिलेगी 15 अगस्त को। अब फाइल की घंटो, मिनट और सेकंड तक की मॉनीटरिंग होगी। ऐसा होगा ई-ऑफिस सिस्टम से। पूरे प्रदेश में सभी ऑफिस 15 अगस्त ई-ऑफिस सिस्टम पर वर्क करेंगे। इससे सभी फाइल इलेक्ट्रॉनिक फाइल ही बनेंगी। ई-ऑफिस सिस्टम को मुख्यमंत्री की हेल्पलाइन 1076 को भी लिंक किया जाएगा। सैटरडे को इनवर्टिस यूनिवर्सिटी में 300 अधिकारियों को वर्कशॉप के माध्यम से ई-ऑफिस सिस्टम की जानकारी दी गई।

दबा दी जाती है फाइल

मौजूदा समय में सभी ऑफिस में मैनुअल वर्क होता है। किसी भी काम की फाइल तैयार होती है, चाहे वह ऑफिस वर्क की हो या फिर पब्लिक वर्क की। उसमें काफी लंबा समय लगता है और उसके बाद फाइल साइन के चक्कर में इधर-उधर पड़ी रहती थी। क्योंकि कभी अधिकारी ऑफिस में नहीं बैठ पाते हैं तो कभी बाबू किसी काम से बिजी हो जाते हैं। कई बार तो फाइल जान-बूझकर रोक ली जाती है, तो कई बार फाइल पास करने के लिए सुविधा शुल्क की भी डिमांड की जाती है, क्योंकि फाइल की मॉनीटरिंग सही से नहीं हो पाती है। इसके अलावा ऑफिस में फाइलों का अम्बार भी लगा रहता है। इसका असर काम पर पड़ता है, जिससे सीधे-सीधे पब्लिक प्रभावित होती है।

ऑनलाइन ही मूव होगी फाइल

ई-ऑफिस सिस्टम लागू होने के बाद कोई भी फाइल हाथ से नहीं बनेगी। ई-ऑफिस से फाइल कम्प्यूटराइज्ड ही ऑनलाइन जेनरेट होगी। उसके बाद फाइल एक-जगह से दूसरी जगह ऑनलाइन ही मूव होगी। जिस स्टॉफ या अधिकारी के पास फाइल जाएगी, उसे सिग्नेचर भी डिजिटल करने होंगे। कौन सी फाइल किस ऑफिस में कितनी देर रही इसका घंटे, मिनट व सेकंड के हिसाब से ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी, जिससे कोई भी फाइल बेवजह दबाने की कोशिश नहीं करेगा। इसके अलावा सीनियर अधिकारी भी ऑनलाइन फाइल का मूवमेंट देख सकेंगे। फाइल को निस्तारित करने का टाइम भी फिक्स होगा, जिससे अधिकारी की तय समय में काम पूरा करने की जवाबदेही भ्ाी होगी।

1400 अधिकारियों की बन रही ईमेल आईडी

एनआईसी के तहत बरेली के सभी 1400 अधिकारियों व कर्मचारियों की सरकारी ईमेल आईडी जेनरेट हो रही है। सभी की डिटेल एनआईसी में कलेक्ट कर ली गई है। सभी की डिटेल दिल्ली भेज दी गई है। इसके अलावा सभी 1400 अधिकारियों व कर्मचारियों के डिजिटल सिग्नेचर भी होंगे, जिसमें से 500 के फार्म भरकर लखनऊ भेजे जा चुके हैं, जो पुरानी फाइलें हैं उनका रिकार्ड भी ऑनलाइन तैयार किया जा रहा है। उन्हें स्कैन कर ई-ऑफिस में अपलोड किया जाएगा। सभी ऑफिस में इन्फ्रॉस्ट्रक्चर का डाटा कलेक्ट किया जा रहा है। जैसे किसी ऑफिस में स्कैनर की कमी है तो वहां स्कैनर दिया जाएगा। बरेली में ओपन ई-डिस्ट्रिक्ट सिस्टम को भी इसे से लिंक किया जाएगा।

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1076 भी ई-ऑफिस से होगा लिंक

ई-ऑफिस और सीएम की हेल्पलाइन 1076 के संबंध में इनवर्टिस यूनिवर्सिटी में आयोजित वर्कशॉप में यूपी के आईटी डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी आंद्रे वामसी ने बताया कि 15 अगस्त से पेपर फाइल, इलेक्ट्रॉनिक फाइल में बदल जाएगी। वर्कशॉप में हार्डवेयर, विंडो 7, व अन्य के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3 हजार अधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर की कार्रवाई हो रही है। वहीं कमिश्नर ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों में ई-ऑफिस पिछले 10 वर्षो से चल रहा है। भारत भी डिजिटल दुनिया की ओर अग्रसर है। ई-ऑफिस सिस्टम से कागजी कार्रवाई बंद हो जाएगी।

सीधे जिम्मेदार के पास जाएगी शिकायत

वर्कशॉप में बताया गया कि 1076 पर आने वाली शिकायत सीधे अब जिम्मेदार अधिकारी के पास ही जाएगी। जैसे किसी बीडीओ से संबंधित शिकायत है तो उसे डायरेक्ट बीडीओ के पास भेजा जाएगा और वहीं से टाइम फिक्स कर जवाब मांगा जाएगा। उसके बाद वहां से एक्शन न होने पर शिकायत सीनियर अधिकारियों के पास भेजी जाएगी। जबकि मौजूदा समय में शिकायत पहले विभाग के अधिकारी के पास जाती है और फिर निचले क्रम से होते हुए जिम्मेदार अधिकारी के पास पहुंचती है। 1076 में लोग शिकायत करने के साथ-साथ जानकारी भी ले सकते हैं और सुझाव भी दे सकते हैं। इसमें पब्लिक से फीडबैक भी लिया जाएगा।

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पुलिस को डिजिटल सिग्नेचर का इंतजार

-डिजिटल सिग्नेचर न होने से पब्लिक को नहीं मिल रही ऑनलाइन सुविधा

पुलिस से जुड़े प्रमाण पत्र जुटाने के लिए अभी पब्लिक को ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं। यूपी पुलिस की वेबसाइट पर ऑनलाइन सिस्टम तो चालू कर दिया गया है, लेकिन डिजिटल सिग्नेचर न होने की वजह से सिस्टम चालू नहीं हो सका है। बरेली में अभी तक किसी भी थाना प्रभारी व अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर ही नहीं हो सके हैं। सीसीटीएनएस के नोडल ऑफिसर डॉ। सतीश कुमार ने बताया कि लखनऊ में टीम ट्रेनिंग के लिए गई है जो वापस आने के बाद डिजिटल सिग्नेचर का काम करेगी।

यह 9 सुविधा मिलेगी ऑनलाइन

कैरेक्टर सर्टिफिकेट

डोमेस्टिक हेल्प वेरिफिकेशन

इम्पलॉयी वेरिफिकेशन

टीनेंट या पेइंग गेस्ट वेरिफिकेशन

कम्प्लेंट रजिस्ट्रेशन

इवेंट परफार्मेस

प्रोसेशन प्रोटेस्ट स्ट्राइक रिक्वेस्ट

सी फार्म यानि फॉरनर रजिस्ट्रेशन

Posted By: Inextlive