अपना कष्ट मिटाने के लिए दी थी मासूम की बलि
-पुलिस ने मासूम की बलि देने वाले तांत्रिक को किया गिरफ्तार
-तांत्रिक बोला- बलि के आते थे सपने, सोचा देने से अच्छा हो जाएगा बरेली : पिपरथरा गांव में चार साल के बच्चे की बलि दिए जाने के मामले में पुलिस ने दसवें दिन एक तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए तांत्रिक ने पुलिस के सामने जुर्म कुबूल कर लिया। उसे जेल भेज दिया गया। यह था मामला 23 जून को पिपरथरा गांव निवासी कृपाल का चार वर्षीय बेटा राजकुमार उर्फ संतु आरती के समय गांव के किनारे स्थित मंदिर पर गया था। इसके बाद घर लौटकर नहीं आया। अगले दिन खोजबीन के दौरान मंदिर से लगभग 50 मीटर पीछे झाडि़यों में उसका शव मिला था। उसके माथे पर तिलक का निशान था। गले में पीली पट्टी बंधी थी। मामला बलि का लग रहा था। आरोपी ने कबूला गुनाहसूचना पर पुलिस गांव पहुंची और डॉग स्क्वॉड को बुलाया। यह बात पता चलने पर गुड्डू पुत्र गिरधारी लाल गांव से भाग गया। वह तांत्रिक क्रिया करता था, इसलिए ग्रामीणों को उस पर शक हुआ। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। उसके घर की तलाशी के दौरान जादू-टोना, तंत्र-मंत्र की किताबें बरामद हुई। कोतवाल अशोक पाल सिंह ने जब पूछताछ शुरू की तो वह टूट गया और हत्या करने की बात कबूल कर ली।
बलि चढ़ाने के आते थे सपने गुड्डू ने बताया कि उसे बलि चढ़ाने के सपने आते थे। उसे लगने लगा कि यदि वह बलि चढ़ाएगा तो उसके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। 23 जून की शाम को संतु उसके चंगुल में फंस गया। मोबाइल में खेल दिखाने का लालच देकर गुड्डू बच्चे को साथ ले गया। हाथ-पैर बांध दिए और मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। इसके बाद तांत्रिक क्रिया करने लगा। संतु के ऊपर चढ़कर बैठ गया। जिससे मासूम की पसलियां टूट गई और उसके फेफड़े फट गए। मंदिर के पीछे झाडि़यों में शव को छिपा दिया। पहले भी कर चुका बलि का प्रयास क्षेत्राधिकारी रामानंद राय ने प्रेस वार्ता कर घटना का पर्दाफाश किया। इंस्पेक्टर फरीदपुर ने बताया कि आरोपित गुड्डू 15 वर्ष पूर्व भी गांव के ही मोतीराम के पांच वर्षीय पुत्र को अपहरण कर बलि देने का प्रयास कर चुका था। जेल जाते समय रोने लगा गुड्डू अविवाहित गुड्डू को जब जेल भेजा गया तो वह रो पड़ा। उसे लगा कि बलि चढ़ाने के बाद उसकी ¨जदगी और अच्छी हो जाएगी लेकिन हुआ इसका उल्टा। लाश देखकर भी किया अनदेखासंतु के लापता होने के बाद जब ग्रामीण उसकी खोजबीन कर रहे थे तब गुड्डू भी उसे ढूंढने का नाटक करने लगा। जब ग्रामीण उस जगह पर पहुंचने लगे जहां संतु का शव पड़ा था तभी गुड्डू ने दूसरे ग्रामीण से टार्च ले ली और देखकर आगे बढ़ गया। ग्रामीणों से कह दिया यहां कुछ नहीं है।