डिस्ट्रक्ट हॉस्पिटल में रैन बसेरे बनवाए गए थे ताकि हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट्स के तीमारदार वहां पर रुक सकें लेकिन यह रैन बसेरे तीमारदारों के कितने काम आ रहे हैं इसको लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने हकीकत जानी तो सच्चाई उजागर हो गई. डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल के रैन बसेरे में मेन गेट तो ओपन था लेकिन रूम में ताला पड़ा था. छत से लेकर सीढिय़ों पर शराब की खाली बोतलें पड़ी थी. जबकि डिस्ट्रिक्ट मेल हॉस्पिटल के रेन बसेरे में गंदगी की भरमार थी. इसके चलते वहां पर मच्छरों की संख्या भी अधिक थी. दो वर्ष पूर्व में बनाए गए मेल हॉस्पिटल के रैन बसेरा की हालत भी अब जर्जर हो चुकी है. जिससे वहां पर रुकने वालों को भी खतरा बना हुआ है.


बरेली ब्यूरो । मेल हॉस्पिटल में कुछ वर्ष पूर्व तैयार हुए रैन बसेरे के रूम में बेड और रबर के गद्दे भी पड़े थे। लेकिन यहां गंदगी की भरमार थी। रैन बसेरे में रुके तीमारदारों ने बताया कि वह कई दिन से यहां रुके हुए हैं लेकिन दो दिन पहले ही टॉयलेट का लॉक खोला गया है। टॉयलेट इतने गंदे हैं कि उसमें जाने की हिम्मत ही नहीं होती है। रैन बसेरा में गंदगी के कारण वहां पर मच्छरों की भी संख्या अधिक थी। इतना ही नहीं रैन बसेरे की दीवारों में कई जगह दरारें पड़ी हुई थी। रैन बसेरा में रूके हुए लोगों का कहना था कि इस रैन बसेरे में रुकना भी खतरनाक है क्योंकि यहां पर तो दीवारें भी जर्जर कंडीशन में पहुंच चुकी है।

फीमेल हॉस्पिटल
फीमेल हॉस्पिटल में बना रैन बसेरा तो ठीक था, मेन गेट भी ओपन था लेकिन रैन बसेरा के ग्राउंड फ्लोर के रूम और उसके ऊपर बने सभी रूम में लॉक लगी थी। रैन बसेरा में कोई भी व्यक्ति नहीं था जबकि फीमेल हॉस्पिटल के पास बने टीन शेड में काफी तीमारदार लेट और बैठे हुए थे। जहां पर सिर्फ टेम्परेरी पर्दे लगे हुए थे। ताकि हवा न आ सके। टीन शेड में मौजूद तीमारदारों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया रैन बसेरे में ताला पड़ा है इसलिए टीन शेड में ही रात को रुकना होता है जबकि अब ठंड भी होने लगी है ।

रैन बसेरे में शराब की बोतलें
डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में बना रैन बसेरा तीमादारों को ठहरने के लिए बनाया गया है, लेकिन वहां पर ताला पड़ा होने के चलते तीमारदार भले ही नहीं रुक पा रहे लेकिन शराब पार्टी करने वालों के लिए सुरक्षित जगह जरूर मिल गई। रैन बसेरा में मौजूद बोतलें और खाली ग्लास के साथ नमकीन के खाली पड़े पाउच से अनुमान लगाया जा सकता था कि जरूर किसी ने वहां पर शराब पार्टी की है। अब ऐसे में इसे जिम्मेदारों की लापरवाही कहा जाए या फिर अनदेखी। जो रैन बसेरा तीमारदारों की सुविधा के लिए बनाया गया था वहां पर खुराफाती उसका दुरूपयोग कर रहे हैं।

लखीमपुर खीरी से आया हूं। इस रैन बसेरे के टॉयलेट का लॉक तो कई दिन बाद ओपन हो गया लेकिन वहां पर गंदगी इतनी है कि कोई देखने वाला नहीं है। मच्छर भी बहुत हैं।
भजनलाल, तीमारदार

बहेड़ी से आई हूं, पेशेंट का इलाज कराया है। रैन बसेरा में रुकी लेकिन यहां पर गंदगी बहुत अधिक है जिससे मच्छरों से प्रॉब्लम हो रही है। मुश्किल हो रही है कि इतने गंदे टॉयलेट हैं तो उसमें कोई कैसे जाए।
गुलनाज, तीमारदार

रैन बसेरा में जो गंदगी है उसकी साफ सफाई के लिए निर्देश दिया है। ताकि वहां पर ठंड में जो भी तीमारदार रुकें उन्हें कोई समस्या न हो। शेल्टर होम में जो भी कमी है उसे ठीक कराया जाएगा।
डॉ। सुबोध शर्मा, एडीएसआईसी जिला अस्पताल


महिला हॉस्पिटल का रैन बसेरा एक माह से बंद था, उसमें अब साफ सफाई कराने के बाद तीमारदारों को ओपन कर दिया जाएगा। तीमारदारों को कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी।
डॉ। अलका शर्मा सीएमएस, जिला महिला अस्पताल

Posted By: Inextlive