-पुलिस और पीएसी तैनात फिर भी नहीं रोक पाए श्रद्धालुओं को रामगंगा में डुबकी लगाने से

-कार्तिक पुर्णिमा शुरू होने के चौबीस घण्टे पहले ही पुलिस तैनात कर दी गयी थी

बरेली: कहते हैं परमात्मा की भक्ति करने वालों को कोई रोग नहीं हो सकता। शायद इसी मान्यता को लेकर कोरोना काल में भी कार्तिक पूर्णिमा पर रामगंगा में डुबकी लगाने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु घाट पर पहुंचे। इतना ही नहीं श्रद्धालुओं ने रामगंगा में डुबकी भी लगाई, लेकिन दो दिन पहले जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश के चलते पिछले साल की तुलना में भक्तों की संख्या कम रही। रामगंगा में डुबकी लगाने वालों को देखकर लग रहा था कि आस्था की डुबकी लगाने के बाद जैसे कोरोना बह गया हो।

गायब रहा तंबुओं का गांव

कार्तिक पूर्णिमा पर हर बार रामगंगा घाट पर चौबारी मेला लगता था लेकिन कोरोना के चलते जिला प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी। वैसे हर साल तंबुओं का का गांव देव उठानी एकादशी से ही लगना शुरू हो जाता था, जो कार्तिक पूर्णिमा के एक दो दिन बाद तक चलता था। लेकिन इस बार तंबुओं का गांव गायब दिखा। आपको बता दें चौबारी मेला में पुशओं की खरीदने और बेचने के लिए बड़े कारोबारी भी दूर दराज से आते थे। कोरोना संक्रमण के चलते ही बार न तो मेला लग सका और न ही कोई आयोजन हुआ।

पुलिस और पीएसी तैनात

कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले संडे को ही आदेशानुसार रामगंगा तट पर पुलिस और पीएसी तैनात हो गयी थी। वहां पर शादी के बाद मोर सिराने वालों को तक को भी अनुमति नहीं दी जानी थी। लेकिन सुबह से ही रामगंगा घाट पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। मंडे को पुलिस और प्रशासन की यह सभी व्यवस्थाओं को देख पानी फिरता नजर आया।

Posted By: Inextlive