Bareilly: पिछले कुछ सालों में बरेली के यूथ की सोच ने बड़ी करवट ली है. प्रीमैरिटल सेक्स को लेकर वह ज्यादा फ्रैंक हो गए हैं. सिटी में पिछले कुछ सालों में अनवांटेड प्रेग्नेंसी से बचाने के लिए बिकने वाले साधनों की सेल दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है. इनमें भी बायर्स कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स को ज्यादा प्रिफरेंस दे रहे हैं. इन्हें खरीदने वाले कस्टमर्स ज्यादातर हॉस्टलर्स और स्टूडेंट्स ही होते हैं. उनकी पहचान उनके पास कॉलेज बैग और स्कूल डे्रस से की जा सकती है. इन पिल्स से तुरंत अनवांटेड प्रेग्नेंसी से छुटकारा मिल जाता है लेकिन साइड इफेक्ट्स कम नहीं हैं.


Education के लिए आते हैं studentsबरेली सिटी मेडिकल हब होने के साथ ही एजुकेशन हब भी है। ऐसे में यहां मुरादाबाद, बदायूं, पीलीभीत, रामपुर सहित आस-पास की डिस्ट्रिक्ट से स्टूडेंट्स एजुकेशन के लिए आते हैं। यही कारण है कि सिटी के कई एरियाज प्राइवेट हॉस्टल्स के गढ़ बन चुके हैं। एक अनुमान के अनुसार पिछले पांच सालों में यहां हजारों की संख्या में बाहर से आकर यूथ बसे हैं। इनकी उम्र 16 से लेकर 30 साल के बीच है। ज्यादातर यूथ मेडिकल और प्रोफेशनल कोर्सेज के स्टूडेंट होते हैं। हर महीने 21 लाख का कारोबार


बरेली केमिस्ट एसोसिएशन के अकॉर्डिंग अनवांटेड प्रेग्नेंसी से बचने के लिए बाजार में बिकने वाले साधनों की सेल में पिछले कुछ सालों में काफी बढोतरी हुई है। एसोसिएशन से मिले आकड़ों के अनुसार हर मंथ सिटी में लगभग 12 लाख रुपए की कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स और 9 लाख रुपए की दूसरे साधनों की सेल होती है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार इन पिल्स के मार्केट में आने के बाद दूसरे साधनों की बिक्री में कमी आई है।Abortion kit की भी है demand

सिटी में कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के साथ ही अबॉर्शन किट की भी काफी डिमांड है। वहीं यह कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स से ज्यादा कारगर भी है। कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स को जहां लगभग 72 घंटों के अंदर लेना होता है वहीं अबॉर्शन किट अगले तीन महीने के अंदर लेने पर भी काम करती है.  कालीबाड़ी पर केमिस्ट शॉप चला रहे शॉपकीपर बताते हैं कि उनकी शॉप से रोजाना दो अबॉर्शन किट की सेल होती है। इसके कस्टमर सिटी के यूथ्स के अलावा गंाव के लड़के-लड़कियां भी होते हैं। Hospital cases में आई गिरावटसीनियर गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ। सुरभि प्रकाश बताती हैं कि पहले लोग अबॉर्शन के लिए ऑपरेशन पर ही डिपेंड करते थे। लेकिन इस तरह की पिल्स के मार्केट में आने के बाद अबॉर्शन के लिए हॉस्पिटल आने वालों में कमी हुई है। इन पिल्स ने यूथ्स को प्रीमैरिटल सेक्स के प्रति ज्यादा फ्रैंक बना दिया है। इतना ही नहीं प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए भी मार्केट में किट मौजूद है। लेने में hostlers आगे

एनजीओ संचालक अनीस अहमद बताते हैं कि लंबे समय से हम मेडिकल फिल्ड में सक्रीय हैं। पिछले कुछ समय में इन पिल्स की सेल में काफी ग्रोथ हुई है। सिटी में इसे खरीदने वाले यूथ्स ज्यादातर हॉस्टल में रहने वाले होते हैं। घर से दूर होने की वजह से उनके ऊपर ज्यादा बंधन नहीं होते। ऐसे में उन्हें सही या गलत का फैसला खुद से लेना होता है। स्टे्रस कम करने के लिए वह अक्सर ऐसे कदम उठा लेते हैं जिसके बाद उन्हें इस तरह के साधनों की जरूरत पड़ती है।Fact File15,62,495 सिटी की पॉपुलेशन29,02,849 गांव की पॉपुलेशन लगभग 1.10 करोड़ सालाना अबॉर्शन किट सेल लगभग 1.44 करोड़ सालाना कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स की सेलRoutine use हो सकता है harmful इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का यूज अनप्रोटेक्टेड सेक्स के बाद अगले 72 घंटे के अंदर करना होता है। डॉ भारती सरन के मुताबिक इन पिल्स के रेगुलर यूज से गल्र्स की हार्मोन साइकिल डिस्र्टब हो सकती है.  इससे आगे चलकर वह इनफर्टीलिटी का शिकार भी हो सकती हैं। वहीं अगर अबॉर्शन किट की बात करें तो इसका इमरजेंसी में इस्तेमाल किया जा सकता है मगर बार-बार यूज करने पर इससे इंफेक्शन भी हो सकता है। इंफेक्शन से ओवलेशन कम हो जाता है। जिससे गल्र्स में इनफर्टीलिटी हो सकती है। इन पिल्स का लॉन्ग टर्म यूज फेलोपियन ट्यूब को ब्लॉक करता है। करते रहें counselling  
सोशियोलॉजिस्ट हेमा खन्ना के अकॉर्डिंग यूथ्स में करियर और एजुकेशन को लेकर स्ट्रेस बढ़ रहा है। इसे कम करने के लिए वह कई बार ऐसा कदम उठा लेते हैं। सिटी में बदल रहे ट्रेंड के पीछे भी यही कारण है। बच्चों को ऐसी स्थिति से बचाने के लिए यह जरूरी है कि पेरेंट्स समय-समय पर अपने बच्चों की काउंसलिंग करें। उन्हें अपने साथ मिंगल होने दें। पिछले कुछ सालों में कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स की सेल काफी बढ़ गई है। जबकि दूसरे साधनों की सेल डाउन हुई है। इन पिल्स के खरीदारों का एक बड़ा वर्ग यूथ्स का है। सिटी के अलावा रूरल एरियाज से भी आए कस्टमर्स इन पिल्स की डिमांड करते हैं।- दुर्गेश, रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन

Posted By: Inextlive