- मुरादाबाद डिवीजन के बरेली जंक्शन पर लगेगा हॉट एक्सेल उपकरण

BAREILLY:

सुरक्षित सफर की ओर रेलवे ने एक ठोस कदम बढ़ाया है। रेलवे ट्रेन हादसे रोकने के लिए मैनुअल के बजाय आधुनिक उपकरण और डिजिटल इंडिया का सहारा लेगा। रेलवे बोर्ड की टीम के अध्ययन में आया है कि पहिया गर्म होने से दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसे में रेलवे ने अब 'हॉट एक्सेल' के नाम से ऐसा उपकरण बनाया है, जो पहिया गर्म होने की इंफॉर्मेशन पहले ही दे देगा। ताकि, ट्रेन हादसे को रोका जा सके। यह खास उपकरण देश भर के प्रमुख 75 स्टेशनों पर लगाया जाएगा। नॉर्दर्न रेलवे मुरादाबाद डिवीजन में यह उपकरण बरेली में लगेगा।

एक्सेल कर लेगा एक्सरे

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि एक खास प्रकार का स्वचलित उपकरण इस बात की निगरानी करेगा। रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) ने एक्सेल गरम होने से पहले उसकी जानकारी करने के लिए आधुनिक उपकरण तैयार किया है। यह उपकरण खुद ब खुद स्टेशन से गुजरने वाली सभी ट्रेनों के पहिये, एक्सेल का एक्सरे करेगा और अध्ययन करेगा। साथ ही गर्म होने की जानकारी देगा। जानकारी मिलते ही रेल प्रशासन उस बोगी को अलग कर देगा और उसे वर्कशॉप भेजेगा। संबंधित बोगी को अलग करने के बाद उसके स्थान पर दूसरी बोगी लगाकर ट्रेन को रवाना कर दिया जाएगा।

यह होता हॉट एक्सेल

ट्रेन का पहिया लोहे का होता है जो लोहे के ही एक्सेल (धुरा) से जुड़ा होता है। ट्रेन चलने पर पहिया और एक्सेल के घर्षण से पहिया गर्म होने लगता है। ज्यादा गर्म होने से लोहा पिघले न इसके लिए पहिये और एक्सेल पर कठोर लोहे की परत चढ़ी होती है। यह परत जब हट जाती है तो लोहा पिघलने लगता है। इससे ट्रेन दुर्घटना होती है। ऐसे में 'हॉट एक्सेल' समय रहते ही स्थिति को भांप लेगा। जिसके बाद रेल अधिकारी अलर्ट हो जाएंगे। नेक्स्ट स्टेशन पर ट्रेन को रोक कर उसकी बोगी बदल दी जाएगी।

हो चुकी है डिरेलमेंट

बता दें कि ट्रेन डिरेलमेंट की घटनाएं आए दिन होती रहती हैं। बरेली और आसपास के रूट्स पर इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। 30 मार्च को मीरगंज के संजरपुर और ठिरिया के बीच मालगाड़ी डिरेल हो गई थी। 25 मार्च सिंगरौली से बरेली आ रही त्रिवेणी एक्सप्रेस डिरेल हो गई थी। जिसमें कई यात्री चोटिल हो गए थे। जिसके बाद मुरादाबाद से एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन को बुलाया गया। यह ट्रेन भी बीच रास्ते ही डिरेल हो गई थी।

कई बार ट्रेन चलते-चलते एक्सेल से जुड़ा धुरा टूट जाता है। वहीं एक्सेल पर चढ़ी परत घिसने पर जब एस्केल पिघलने लगती है, तो ट्रेन के डिरेल होने का डर रहता है। इस नई व्यवस्था से ट्रेन हादसे को रोकने में मदद मिलेगी।

विनय सिंह, पीडब्ल्यूआई, बरेली जंक्शन

Posted By: Inextlive