bareilly news: स्पोट्र्स स्टेडियम मेें भले ही वेट लिफ्टिंग की सुविधाएं बदहाल हों पर प्लेयर्स के हौसले बुलंद हैं. वह वेट लिफ्टिंग के टूर्नामेंट्स में मेडल जीतने के लिए अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं.

बरेली (ब्यूरो)। स्पोट्र्स स्टेडियम मेें भले ही वेट लिफ्टिंग की सुविधाएं बदहाल हों, पर प्लेयर्स के हौसले बुलंद हैं। वह वेट लिफ्टिंग के टूर्नामेंट्स में मेडल जीतने के लिए अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं। इसके लिए वह स्टेडियम के वेट लिफ्टिंग हॉल में टूटे प्लेटफॉर्म और जंग खाए इक्यूपमेंट्स से ही लिफ्टिंग की एक्सरसाइज कर रहे हैं। इससे प्लेयर्स भी निराश हैं। उनका कहना है कि उन्हें मेहनत का फल तभी मिलेगा जब सुविधाएं भी बेहतर होंगी।

पांच सालों से गेम की अनदेखी
स्पोट्र्स स्टेडियम में वेट लिफ्टिंग का कभी बोलबोला हुआ करता था। यहां के कई वेट लिफ्टर्स ने स्टेट और नेशनल स्तर तक के टूर्नामेंट्स में मुकाम हासिल किया। पिछले पांच सालों से यहां वेट लिफ्टिंग गेम की अनदेखी होते रही। यहां वर्ष 2018 और 2019 में इस गेम के कोच तो थे, पर प्लेयर्स की संख्या बहुत कम थी। वहीं वर्ष 2020, 2021 और 2022 में तो यहां यह गेम पूरी तरह से बंद हो गया था। अब कोच और प्लेयर्स तो हैं, पर सुविधाओं का अभाव है।

सुधार का आश्वासन
स्पोट्र्स स्टेडियम में वेट लिफ्टिंग कोच हरीशंकर ने बताया कि उन्होंने गेम की रिक्वायरमेंट्स को हायर अथॅरिटी को भेज दिया है। वहां से जल्द से जल्द रिक्वायरमेंट को फुल फिल कराने का आश्वासन मिला है। अभी तो यहां प्लेयर्स के एक्सरसाइज को प्लेटफॉर्म भी सही नहीं है। वेट भी जंग खा रहे हैं।

30 प्लेयर्स हैं रजिस्टर्ड
2022 के बाद नए कोच की नियुक्ति हुई। इसके बाद धीरे-धीरे प्लेयर्स की संख्या बढ़ी। वर्ष 2023 में अब तक यहां 30 प्लेयर्स रजिस्टर्ड हैं। इनमें 12 ग्ल्र्स और 18 ब्वॉयज हैं। इन प्लेयर्स के बल पर ही यहां गेम चल रहा है।

नौ प्लेयर्स का सलेक्शन
अलीगढ़ में जल्द ही स्टेट लेवल का कंप्टीशन होने वाला है। इसके लिए प्लेयर्स हर दिन यहां घंटों एक्सरसाइज कर रहे हैं। जिन प्लेयर्स को इस कंप्टीशन में पार्टिसिपेट करना है, उनमें निशांत शर्मा, हिमेश वर्मा, अंशु, दीपक भारद्वाज, अंकित कश्यप, विकास, जसमीत, हिम्स कनन, शैफाली शामिल हैं।

700 रुपए जिम की फीस
वेट लिफ्टिंग के प्लेयर्स को बॉडी फिटनेस और अपने मसल्स को पॉवरफुल बनाने के लिए जिम भी करना होता है। इसके लिए वह स्टेडिमय के जिम में जाते हैं, पर यहां उन्हें महीने का 700 रुपए का भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा यहां दूसरे गेम्स के प्लेयर्स भी जिम करते हैं। इनको भी फीस चुकानी होती है।


मैैंने स्टेट, डिस्ट्रिक और मंडल लेवल के टूर्नामेंट्स में पार्टिसिपेट किया है। मेरा सपना है कि मैं नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के टूर्नामेंट्स में भी मेडल अपने नाम करूं। इसके लिए लगातार प्रयासरत भी हूं।
निशांत शर्मा

मैैंने स्टेट लेवल का गेम खेला हुआ है, जिसमें मैैं फस्र्ट आया था। मेरा ड्रीम देश के लिए गोल्ड लाना है। मैं इंटरनेशनल लेवल का गेम खेलना चाहता हूं।
ब्रिजेश कुमार

मेरे पापा का ड्रीम है की मैैं प्लेयर बनूं और देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आऊं। मैं उनके ड्रीम को पूरा करने के लिए अपनी ओर से हर संभव कोशिश कर रहा हूं।
हिम्स कनन

वेेट लिफ्टिंग इस लिए ऑप्ट किया, जिससे मैैं फिजिकली फिट रहूं और आगे बढ़ सकूं। मैैंने स्टेट और डिस्ट्रिक लेवल का गेम खेला है। मेरा सपना इंटरनेशनल खेलना है।
जसमीत सिंह

मैैंने हाल ही में वेट लिफ्टिंग ज्वाइन किया हैै। पहले मुझे जिम में इंटररेस्ट था। इसके बाद ही मुझे वेट लिफ्टिंग गेम के बारे में जानकारी हुई। तभी मैंने यह गेम ज्वाइन किया।
मोहित

मैैं यूपी स्कूल लेवल पर ब्राउंज मेडल जीता है। मैैं लगातार आगे बढ़ कर अपने कोच और पेरेंट्स का नाम रोशन करना चाहती हूं।
मुस्कान वर्मा


मैं लगातार प्रयास कर रहा हूं कि प्लेयर्स की परफॉर्मेंस बेहतर हो। इसके लिए उन्हें लगातर एक्सरसाइज करवाई जा रही है। गेम में कुछ कमियां हैं, जिनके जल्दी ही पूरा होने की उम्मीद है।
हरिशंकर, वेट लिफ्टिंग कोच

Posted By: Inextlive