-पुलिस लाइंस में साइबर वर्कशॉप में खुली बरेली पुलिस की पोल

-न तो आरबीआई की गाइडलांइस पता न ही कैसे करें जांच

बरेली- हाईटेक दौर में क्राइम भी हाईटैक हो गया है। साइबर क्रिमिनल सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठकर लोगों के अकाउंट से लाखों रुपए चंद मिनटों में उड़ा देते हैं। जिसके खाते से रकम जाती है, वह पुलिस थाने व बैंक के चक्कर लगाता है लेकिन जब तक उसे मदद मिलती है, तब तक बहुत देर हो जाती है, क्योंकि पुलिस मामले को टरकाने में लग जाती है। जिस पुलिस को जिम्मेदारी होती है, उसे व्हाट्सएप और ईमेल के बारे में ही नहंी पता तो वह साइबर क्रिमिनल को कैसे पकड़ेंगे। साइबर क्राइम को लेकर पुलिस लाइंस में एक्सपर्ट की मौजूदगी में हुई वर्कशॉप में इसका खुलासा हुआ है। इस पर एसपी क्राइम ने नाराजगी भी जाहिर की। वर्कशॉप के दौरान पुलिस की कई खामियां सामने आयी हैं।

बैंक को वापस करनी होती है रकम

साइबर एक्सपर्ट चैयरमेन सेंटर फार रिसर्च ऑन साइबर क्राइम एंड साइबर लॉ अनुज अग्रवाल ने बताया कि साइबर क्राइम को लेकर बरेली की पुलिस काफी पीछे है। कोई भी पीडि़त थाने आता है, तो उसे टरकाने से बचना चाहिए। सबसे पहले तो उसकी अप्लीकेशन पर मोहर लगानी चाहिए, ताकि वह बैंक में जाकर शिकायत कर सके, क्योंकि आरबीआई की गाइडलाइंस हैं कि यदि साइबर ठगी की शिकायत तीन दिन में की जाती है तो बैंक को 25 हजार से एक लाख रुपए तक वापस करने होते हैं। एसपी क्राइम ने थानों से आए पुलिसकर्मियों को इस संबंध में जरूरी निर्देश दिए।

साइबर टूल्स के बारे में नहीं जानकारी

पुलिस के पास साइबर क्राइम को पकड़ने के न तो टूल्स के बारे में जानकारी है और न ही टूल्स हैं। उन्हें फ्री टूल्स के बारे में जानकारी दी गई है। साइबर क्राइम की जांच करने वाले पुलिसकर्मियों को यह तक नहीं पता कि इस तरह के केसेस की विवेचना किस तरह से करनी है। सभी को लाइव टेस्ट केस के जरिए साइबर क्राइम के मामलों की जानकारी दी गई। वर्कशॉप में एसएसपी रोहित सजवाण, एसपी क्राइम सुशील कुमार, सीओ क्राइम नागेंद्र सिंह, साइबर थाना व साइबर सेल का स्टॉफ व सभी थानों से दो-दो एसआई मौजूद रहे।

इस तरह से हो रही ठगी

-साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि मौजूदा समय में अलग-अलग तरह से ठगी हो रही है

-लिंक भेजकर ठगी होती है, ऐसे में लिंक पर क्लिक न करें

-बैंक कर्मी बनकर अकाउंट की डिटेल पूछकर ठगते हैं

-रिश्तेदार बनकर अकाउंट में रुपए डालने के बहाने से

-विदेश से माल भेजने के नाम पर

-फौजी या पुलिसकर्मी बनकर सामान बेचने के बहाने से

विवेचना में यह बरतें सावधानी

विवेचना में लैपटॉप व मोबाइल मिलने पर उसे स्विच ऑफ न करें

-डाटा मिलने से पहले उसके स्क्रीन शॉट लेकर रिकार्ड ले लें

-आरबीआई के सर्कुलर के हिसाब से काम करना चाहिए

-टूल्स से किस तरह से डाटा प्राप्त करें, इसके बारे में जानकारी

-डिजिटिल एविडेंस के बारे में बताया गया

-सोशल मीडिया पर किस तरह से अलर्ट रहना चाहिए

बिना देखे वीडियो-फोटो कर रहे पोस्ट

सोशल मीडिया पर लोग बिना सोचे-समझे कोई भी पोस्ट डाल रहे हैं, ऐसे में लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। लोग सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डाल रहे हैं। यही नहीं लोग हथियारों से जुड़ी पोस्ट भी शेयर कर देते हैं। प्रेमनगर के रहने वाले एक युवक ने भी सोशल मीडिया पर कार में बैठकर कारतूसों के साथ खेलने की वीडियो शेयर कर दी। लोगों ने इसकी शिकायत बरेली पुलिस को वीडियो ट्वीट कर दे दी। अब प्रेमनगर पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

Posted By: Inextlive