बच्चों ने मां के साथ जाने से किया मना बोले- किसी और से बात करती है वह बुधवार को शाही के एक भट्टे से छह बच्चों को कराया गया था रेस्क्यू. यहां से रामपुर सीडब्ल्यूसी के लिए ट्रांसफर किया गया मामला

बरेली(ब्यूरो)। मां द्वारा अपने छह बच्चों को बेच देने की खबर जिसने भी सुनी दंग रह गया था। उनके दादा ने इसकी शिकायत रामपुर आईं राज्य महिला आयोग की सदस्य से की तो उन्होंने तत्काल इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधितों को एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। इस पर बच्चों को शाही के एक ईंट भ_े से रेक्स्क्यू कराया गया। थर्सडे को उन्हें बाल कल्याण समिति (सीब्ल्यूसी) के सामने पेश किया गया। सुनवाई में बच्चों की मां को भी बुलाया गया। मगर जब मां के साथ जाने की बात आई तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। उनका कहना था कि जब वह उन्हें बेच ही चुकी है तो अब उसके साथ क्यों जाएं। साथ ही आरोप लगाया कि उनकी मां किसी और से बात करती है इसलिए उसके साथ नहीं जाएंगे। हालांकि एक बेटी ने मां के साथ जाने की इच्छा जाहिर की। यहां से सभी बच्चों को रामपुर सीडब्ल्यूसी के पास भेज दिया गया।

यह था पूरा मामला
बुधवार को चाइल्ड लाइन, श्रम विभाग को सूचना मिली कि शाही थाना क्षेत्र के अक्सोरा में एक भट्टे पर छह बच्चों को एक मां ने बेच दिया है। उनसे वहां पर जबरन काम कराया जा रहा है। यह शिकायत बच्चों के दादा ने की थी। सूचना पर टीम ने वहां से बच्चों को रेस्क्यू कराया। इसके बाद एक रात अनाथालय में रखा और गुरुवार को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। वहां पर उनके बयान में उन्होंने दादा-दादी के साथ रहने की इच्छा जाहिर की थी। उधर, जब मां से पूछा कि उसने बच्चों को क्यों बेचा तो उसने कहा कि उसने बेचा नहीं था। बल्कि बच्चों के काम के पैसे लिया करती थी। वह अपने बच्चों को अपने साथ ले जाना चाहती थी। मगर बच्चे तैयार नहीं हुए। एकबच्चे ने अपनी मां के साथ जाने की इच्छा जाहिर की।

ससुर ने की थी यह शिकायत
बच्चों के दादा ने रामपुर आईं राज्य महिला आयोग की सदस्य को एक शिकायती पत्र सौंपा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मूल रूप से बगी गांव के रहने वाले है। उनके बेटे के मरने के बाद उनकी पुत्रवधु मायके रहने लगी और छह बच्चों को भी अपने साथ ले गई। केवल दो महीने की बेटी ही उनके पास रह गई। उन्होंने आरोप लगाया था कि उसने बच्चों को भट्टे पर बेच दिया है। जिसके बाद बुधवार को सभी को रेक्स्क्यू किया गया.सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष का कहना है कि अब वहां की सीडब्ल्यूसी फैसला लेगी कि बच्चों को दादा के पास भेजना है या फिर मां के पास।


वर्जन ::
बच्चों के बयान हुए तो वह अपनी मां के साथ नहीं जाना चाहते, कह रहे है कि उनकी मां किसी और से बात करती है। उन्होंने दादा के साथ जाने की बात कही है। -दिनेश चंद्रा, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति।

Posted By: Inextlive