गुजरात के पालनपुर से 1540 श्रमिकों को लेकर मंडे को पहुंची ट्रेन

अब तक छह श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंच चुकी हैं बरेली

बरेली।

अब कम कमाई में ही गुजारा कर लेंगे, पर ज्यादा मजदूरी के चक्कर में परदेश नहीं जाएंगे। लॉकडाउन के बाद से ही दूसरे प्रदेशों में फंसे श्रमिक ऐसा ही मन बनाकर वापस लौट रहे हैं। मंडे को गुजरात के पालनपुर से बरेली पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उतरे अधिकांश श्रमिकों के पास पूरी गृहस्थी का सामान था। श्रमिकों ने बताया कि अब वह दोबारा वापस नहीं जाना चाहते है।

अब तक बरेली पहुंची छह श्रमिक स्पेशल

लॉकडाउन के बाद से ही घर वापसी के लिए परेशान श्रमिकों को अब केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के तालमेल से उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है। गुजरात में फंसे यूपी के हजारों श्रमिकों की भी घर वापसी भी इसी तालमेल का नतीजा है। गुजरात के साबरमती, जामनगर और पालनपुर से श्रमिकों को लेकर अब तक पांच श्रमिक स्पेशल ट्रेन बरेली पहुंच चुकी हैं। एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन लुधियान से भी बरेली पहुंची। पालनपुर से ही तीसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन मंडे को सुबह नौ बजे बरेली जंक्शन पहुंची। इसमें 1540 श्रमिक आए। श्रमिकों को ट्रेन से उतारकर प्लेटफार्म पर ही मेडिकल टीम ने उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की। इसके बाद उन्हें जिला प्रशासन की ओर से लंच पैकेट और वाटर बॉटल दी गई। यहां से रोडवेज की बसों में सवार होकर श्रमिक अपने-अपने डिस्ट्रिक्ट की ओर रवाना हुए।

चकनाचूर हुए श्रमिकों के सपने

गुजरात की छोटी-बड़ी फैक्ट्रियों व अन्य जगहों पर मजदूरी कर कुछ कमा लेने की उम्मीद से घर का मोह त्यागने वाले मजदूरों के सपने लॉकडाउन में चकनाचूर हो गए। मंडे को बरेली जंक्शन पहुंचे श्रमिकों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से जितने दिन वह वहां रुके रहे, उतने दिनों में वह अपनी छोटी बचत भी गवां बैठे हैं। जैसे-तैसे वहां से लौटने से पहले भी उनसे किराए के नाम पर मनमानी वसूली कर ली गई।

मेनटेन नहीं रह सकी सोशल डिस्टेंस

ट्रेन से लौट रहे श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए रेलवे के साथ ही जिला प्रशासन भी पूरी कोशिश कर रहा है। इसके लिए प्लेटफार्म से लेकर बाहर तक प्रशासन की टीम के साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस भी तैनात रहती है। इसके बाद भी श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंस सिर्फ प्लेटफार्म तक ही सीमित रह पाती है। बाहर निकलते ही जगह-जगह श्रमिकों का जमावड़ा लग जाता है। बस में सवार होने के लिए भी श्रमिकों में होड़ मच जाती है। इससे श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंस कायम रखने की कोशिश पूरी तरह नाकाम हो जाती है।

इन जिलों को रवाना हुए श्रमिक

गुजरात से लौटे श्रमिकों को जंक्शन से रोडवेज की बसों में बैठाकर बदायूं, शाहजहांपुर, अलीगढ़, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, फर्रुखाबाद, एटा, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, गोरखपुर, हरदोई, सीतापुर, कानपुर, बिजनौर, जालौन, औरैया, रामपुर, सीतापुर आदि जिलों को रवाना किया गया। बरेली के श्रमिकों को भी बस से उनके घरों को भेजा गया।

Posted By: Inextlive