यह भी जानें

40.36 परसेंट तक मस्तिष्क के डोपामाइन स्तर को बढ़ा देता है अल्कोहल

-35 परसेंट लोग डिस्ट्रिक्ट में पीते हैं अल्कोहल ड्रिंक

-200 परसेंट तक पहुंच जाता मस्तिष्क में डोपामाइन का स्तर हेरोइन लेने पर

- शहर में कई तरह के ड्रग्स के नशा कर रहे लोग, पुलिस नहीं करती कार्रवाई

- यूथ नशा करने में सबसे आगे, डॉक्टर्स के पास काउंसलिंग के लिए पहुंच रहे

बरेली : नशे को लेकर हर किसी वर्ग का एक अपना मत है लेकिन इसका आपकी जिंदगी पर पड़ने वाला प्रभाव हमेशा ही गलत होता है। पहले इसे शौक की तरह इस्तेमाल किया जाता है लेकिन बाद में यह ऐसी आदत बन जाता है कि इसका सेवन न करने से आपकी जिंदगी भी खतरे में पड़ जाती है। बरेलियंस भी इससे अछूते नहीं है बड़े-बूढ़े हों या फिर जवान, पान मसाला, शराब या फिर अन्य प्रकार के नशे की जद में हैं।

सामाजिक रूप से भी नुकसान

आईएमए प्रेसिडेंट डॉ। राजेश अग्रवाल के अनुसार जिले में सबसे ज्यादा लोग शराब और ड्रग्स का सेवन करते हैं। यह शौक उनको मौत के मुंह तक ले जाता है। इसके अतिरिक्त नशे का प्रभाव व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और समाजिक रूप से भी इफेक्ट करता है।

कौन सा नशा कितना खतरनाक

हेरोइन

विशेषज्ञों के अनुसार हेरोइन सबसे ज्यादा एडिक्टिव ड्रग जिसकी लत सबसे आसानी से लग जाती है। यह अफीम युक्त नशा यानी हेरोइन की खुराक पाते ही मस्तिष्क में डोपामाइन का स्तर 200 फीसदी तक पहुंच जाता है, जो कि जानलेवा साबित हो सकता है।

अल्कोहल

डॉक्टर्स के अनुसार शराब यानि अल्कोहल शुरुआत में व्यक्ति को सुकून की अनुभूति कराता है लेकिन बाद में लगातार सेवन से यह लत का रुप ले लेता है। अल्कोहल मस्तिष्क के डोपामाइन स्तर को 40.36 फीसदी तक बढ़ा देती है। जिले में करीब 35 फीसदी लोग जो अल्कोहल ड्रिंक लेते हैं, उनके जीवन के किसी मोड़ पर वे इस पर निर्भर हो जाते हैं।

बार्बीचुरेट्स

नींद की गोली, ब्लू बुलेट्स, गोरिल्लाज, नेंबीज, बा‌र्ब्स या पिंक लेडीज के नाम से भी पुकारे जाने वाले बार्बीचुरेट्स एक ऐसे क्लास के ड्रग होते हैं जिनका इस्तेमाल शुरुआत में एंजाइटी से निपटने और नींद दिलाने में किया जाता है। यह दिमाग के केमिकल सिग्नलिंग को प्रभावित करते हैं जिससे मस्तिष्क के कई हिस्से काम करना बंद कर देते हैं। इसकी ज्यादा मात्रा सांस लेने में परेशानी का सबब बनते हुए इसे जानलेवा बना देती है।

निकोटिन

बरेली में बड़े पैमाने पर लोग पान मसाला, सिगरेट, बीड़ी और गुटखा का प्रयोग करते हैं जिसमें निकोटिन का प्रयोग किया जाता है। निकोटिन ही तंबाकू में प्रमुख नशीला पदार्थ होता है।

Posted By: Inextlive