झोलाछाप की लापरवाही से दो दिन में 2 मौतें. सोमवार को आशीष गुप्ता 28 ने दम तोड़ा तो मंगलवार को प्रिंस यादव 12 काल के गाल में समा गया. सिस्टम की अनदेखी से जिले में एक हजार झोलाछापों की दुकानें चल रही हैं. इन झोलाछाप के पास न तो डिग्री है और न ही किसी तरह का डिप्लोमा. बिना रजिस्ट्रेशन के दुकान खोलकर बैठे ये झोलाछाप जिंदगी के लिए संकट बन गए हैं. फिर भी हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसर इन पर नकेल नहीं कस पा रहे. आलम यह है कि अब इन झोलाछाप की करतूतों से पूरी चिकित्सकीय व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो). झोलाछाप अपनी छोटी सी दुकान में बाकायदा ओटी बनाकर पेशेंट्स की सर्जरी तक कर डालते हैं। चाहे हॉस्पिटल कहें या फिर क्लीनिक, झोलाछाप एक दुकान से पूरा इलाज कर रहे हैं। अयोग्य झोलाछाप पेशेंट्स को अपनी बातों के जाल में फंसाकर गंभीर बीमारियों का शत-प्रतिशत इलाज कर बीमारी से निजात दिलाने का दावा करते हैं। इसके बदले पेशेंट्स से एक मोटी रकम वसूलते हैं। इसमें से कुछ हाई स्कूल और इंटरमीडिएट तक पास नहीं हैं। यहां चल रहीं झोलाछाप की दुकानें तारामंडल, बड़हलगंज, चौरीचौरा, गोला, खोराबार, पैडलेगंज, पादरी बाजार, मेडिकल कॉलेज स्थित झुंगियां आदि इलाकों में झोलाछाप की दुकानें चल रही हैं। लोगों की जान जा रही है। इसके बावजूद डिपार्टमेंट झोलाछाप पर कार्रवाई करने से कतरा रहा है। झोलाछाप के पास हर मर्ज का इलाज


बिना डिग्री वाले आयुर्वेदिक, एलोपैथी और होम्योपैथी सभी विधा में पेशेंट्स का इलाज करने में माहिर होने का दावा करते हैं। अर्बन से लेकर रूरल एरियाज में इनकी दुकानें है। बिना डिग्री चलाते हैं ट्रॉमा सेंटर, स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल

आप को हैरानी होगी कि जिले के आसपास इलाके में कई ऐसे बीएएमएस मिल जाएंगे जो न केवल एलोपैथ पद्धति से इलाज कर रहे, बल्कि गंभीर पेशेंट्स के लिए ट्रॉमा सेंटर, एन्यूरो अर्बन यूनिट, आईसीयू व स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल भी चला रहे हैं। यही नहीं यहां बड़े ऑपरेशन और डायलिसिस तक की सुविधा हैं। वहीं, तारामंडल में तो ऐसे हॉस्पिटल चलाए जा रहे हैं, जहां पर इलाज बीएएमएस डॉक्टर के भरोसे चल रहा है। इन हॉस्पिटल्स में बड़े-बड़े डॉक्टर्स के नाम के बोर्ड भी लगाए गए हैं। जबकि ये डॉक्टर उस हॉस्पिटल्स में इलाज के लिए जाते भी नहीं हैं। 383 रजिस्टर्ड हॉस्पिटल और क्लीनिक गोरखपुर में हैं 277 अल्ट्रासाउंड सेंटर जिले में रजिस्टर्ड अब तक 38 ऐसे हॉस्पिटल्स और क्लीनिक पर कार्रवाई की जा चुकी है, जो अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं। उनके संचालकों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। साथ ही ऐसे हॉस्पिटल के खिलाफ कंप्लेन मिलेगी तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉ। एके सिंह, एसीएमओ

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