- शहर के बैंकों ने 13123 बकाएदारों को जारी किया आरसी

- लोन लेने के बाद नहीं कर रहे थे भुगतान, बैंकों की सीमाएं सीमित, अब कानून का लेंगे सहारा

GORAKHPUR: शहर के बैंकों का 129.96 करोड़ रुपया डूब चुका है। बैंक से कर्ज लेने के बाद बकाएदारों ने देने से मना कर दिया है। एनपीए हो चुके इस रकम की वसूली के लिए अब बैंकों ने कानून का सहारा लेने का मन बना लिया है। बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी कोई किस्त नहीं जमा करने वालों के खिलाफ बैंकों ने आरसी जारी कर दिया है। 130 करोड़ रुपए के कर्जदारों के खिलाफ शहर में सेवाएं दे रहे सभी बैंकों ने 13123 लोगों को आरसी जारी की है। शहर के बैंकों का सीडी रेश्यो पहले से ही काफी खराब स्थिति में पहुंच चुका है। जो बताता है कि बैंक जमा की तुलना में लोन नहीं बांट रहे हैं। ऐसे में इतनी बड़ी रकम का नुकसान बैंकों की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

पूर्वाचल बैंक के आधे बकाएदार

शहर में बैंकिंग सर्विस दे रहे सभी बैंकों के कर्जदारों में सबसे बड़ी संख्या पूर्वाचल बैंक की है। जारी किए गए कुल 13123 आरसी में आधे केवल पूर्वाचल बैंक ने अपने बकाएदारों को जारी किए हैं। पूर्वाचल बैंक ने 32.11 करोड़ के 6360 बकाएदारों को नोटिस जारी की है। बैंक का एनपीए भी पिछले वर्ष की तुलना में करीब तीन गुना हो चुका है। जबकि शहर में बैंक की केवल 75 शाखाएं हैं। दूसरे नंबर पर एसबीआई है जिसने 29.34 करोड़ रुपए के 4337 बकाएदारों को आरसी जारी की है। एसबीआई शहर का सबसे बड़ा बैंक है जिसकी शहर में 74 शाखाएं हैं।

सरकारी लोन हैं ज्यादा

बैंकों का डूबा यह 130 करोड़ रुपया ज्यादातर सरकारी लोन के तौर पर वितरित किया गया है। इसके अलावा कृषि संबंधी व मुद्रा ऋण योजना के बकाएदारों की भी इसमें बड़ी संख्या है। लोन के नॉन परफार्मिग एसेट्स 'एनपीए' होने के बाद जब बैंक स्वयं वसूली करने में असमर्थ हो जाते हैं, तब बैंक बकाएदारों को रिकवरी सर्टिफिकेट जारी करते हैं। इसके बाद प्रशासनिक सहयोग से सभी बकाएदारों को कानूनी रूप से अवगत कराया जाता है।

बैंक आरसी नंबर रुपए

एसबीआई 4337 29.34 करोड़

पूर्वाचल बैंक 6360 32.11 करोड़

पीएनबी 591 20.66 करोड़

इलाहाबाद बैंक 275 5.80 करोड़

यूको बैंक 512 15.45 करोड़

अन्य बैंक 1048 27.54 करोड़

कुल 13123 129.96 करोड़

शहर में बैंक की शाखाएं

एसबीआई 74

पीएनबी 40

इलाहाबाद 26

यूको बैंक 14

पूर्वाचल बैंक 75

वर्जन

बैंकों के सबसे बड़े दुश्मन एनपीए हैं। भारत अंतराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय प्रबंध के बसेल एग्रीमेंट से जुड़ा है। एग्रीमेंट के मानकों का सही तरीके से पालन नहीं करने के कारण ही 129 करोड़ की रकम डूब रही है। इसमें बैंकों की लापरवाही बिलकुल स्पष्ट है। इसकी भरपाई सरफेसी एक्ट और आरसी को सही ढंग से लागू करके की जाती है।

- प्रो। अजेय कुमार गुप्ता, एक्सपर्ट

बैंक एनपीए की वसूली को लेकर सख्त हो रहे हैं। बकाएदारों पर भी लगाम लगाई जा रही है। बैंक बकाए रकम की वसूली के लिए हर स्तर पर जरूरी प्रयास करेगी।

- महेश प्रसाद गुप्ता, लीड बैंक मैनेजर

Posted By: Inextlive