-कम्पनियों के मर्जर और व्यापार समेटने की वजह से आई यह स्थिति-बिजली कनेक्शन काटने के लिए कई फमरें ने दिए आवेदन

GORAKHPUR: पहले से नेटवर्क की समस्या से जूझ रहे गोरखपुराइटस का दर्द और बढ़ने वाला है। शहर के 1500 मोबाइल टावर बंद होंगे। इससे करीब दस लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे। मंडल के विभिन्न एरियाज में किराए की छत व भूमि पर लगे टावरों पर संचालकों ने ताला जड़ दिया है। साथ ही मकान मालिकों से कह दिया है कि अब उन्हें किराया नहीं मिलेगा। टावर बहुत जल्द उखाड कर छत व जमीन खाली कर दी जाएगी।

वहीं, फर्मो ने टावरों के बिजली कनेक्शन को कटवाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। जोन के विभिन्न वितरण खंडों में आवेदन भी कर दिया गया है। बिजली निगम के मुताबिक, इन टावरों में से प्रत्येक टावर पर 80 हजार से एक लाख रुपये का बिजली बिल बकाया है। बिजली निगम को उम्मीद है कि आगामी माह में बड़ी धनराशि टावरों से मिलेगी।

नहीं निकल रहा था खर्च
नाम नहीं छापने की शर्त पर कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि टावर का खर्चा नहीं निकल रहा था। इस कारण टावरों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। छत व भूमि पर टावर लगाने पर जमीन मालिक को हर महीने 10 से 15 हजार रुपए किराया दिया जाता है। सरदारनगर एरिया के राम सुरेश सिंह का कहना है कि हर महीने दस हजार रुपए टावर से मिल जाते थे। अब आमदनी के लिए दूसरा इंतजाम करना पड़ेगा।

बढ़ेगी नेटवर्क की प्राब्लम
मोबाइल टावर बंद होने से नेटवर्क की स्थिति खराब होगी। इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा। अब सारा लोड कुछ टावरों पर ही हो जाएगा। इससे फोन पर बात करने और इंटरनेट चलाने पर दिक्कत होगी।

टावर लगाने के ये हैं नियम

-छतों पर सिर्फ एक एंटीना वाला टावर ही लग सकता है।

-पांच मीटर से कम चौड़ी गलियों में टावर नहीं लगेगा।

-एक टावर पर लगे एंटीना के सामने 20 मीटर तक कोई घर नहीं होगा।

-टावर घनी आबादी से दूर होना चाहिए।

-जिस जगह पर टावर लगाया जाता है, वह प्लाट खाली होना चाहिए।

-उससे निकलने वाली रेडिएशन की रेंज कम होनी चाहिए।

-कम आबादी में जिस बिल्डिंग पर टावर लगाया जाता है, वह कम से कम पांच-छह मंजिला होनी चाहिए।

-टावर के लिए रखा गया जेनरेटर बंद बॉडी का होना चाहिए, जिससे कि शोर न हो।

-जिस बिल्डिंग की छत पर टावर लगाया जाता है, वह कंडम नहीं होनी चाहिए।

-दो एंटीना वाले टावर के सामने घर की दूरी 35 और बारह एंटीना वाले की 75 मीटर जरूरी है।

- मोबाइल कंपनियों को अभी लगे टावरों से उत्सर्जित विकिरण को 90 फीसदी तक कम करना होगा।

- निदेर्शो का उल्लंघन करने वाले पर 5 लाख रुपए प्रति टावर जुर्माना है।

फैक्ट फीगर

-शहर में बंद मोबाइल टावर--1500

-कंपनियों पर बिजली निगम का बकाया--12 करोड़

-औसतन एक मोबाइल टावर पर बकाया--80 हजार

 

कोट

आये दिन नेटवर्क की प्रॉब्लम की वजह से लोग परेशान हैं। जबकि, कंपनियों को हर माह मोबाइल बिल या रिचार्ज कराया जाता है। फिर भी बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है।

अरविंद कुमार सिंह

 

पहले जहां अधिक मोबाइल टावर चालू हालत में थे तो नेटवर्क प्रॉब्लम इतनी नहीं थी। जब से टावर बंद हो रहे हैं, परेशानी बढ़ गई है।

सुनील शुक्ला

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वर्जन

गोरखपुर के सैकड़ों मोबाइल टावर बंद हो चुके हैं। उन पर काफी बकाया था। कंपनियों ने पीडी कराने के लिए आवेदन किया है। जल्द बकाया जमा करने के बाद पीडी कर दिया जाएगा।

देवेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर

Posted By: Inextlive