- 45 लाख की लूट का पर्दाफाश, सरकार देगी एक लाख इनाम

- अमृतसर के ज्वेलरी कारोबारी हुई वारदात में तीन बदमाश अरेस्ट

- विधायक के करीबी बिजनेसमैन ने वांटेड संग मिलकर की घटना

GORAKHPUR: राजघाट के पांडेयहाता में अमृतसर निवासी ज्वेलरी कारोबारी सुरेंद्र सिंह संग हुई लूटपाट में पुलिस ने तीन बदमाशों को अरेस्ट किया। हार्बटबंधा के पास पकड़े गए अमृतसर के विधायक के करीबी सरदार संतोख सिंह उर्फ हीरा, पंजाब पुलिस के भगौड़े प्रदीप कुमार भारद्वाज और संतकबीरनगर, धनघटना के खाजो निवासी राजू उर्फ राजकुमार ने घटना को अंजाम दिया था। बदमाशों के पास से लाइसेंसी पिस्टल, आधा किलो गोल्ड, लूट की रकम से खरीदी गई सेकेंड हैंड कार, एक लाख 20 हजार रुपए नकदी, तमंचा, छह कारतूस और स्कूटी बरामद हुई। 20 जगहों पर सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को बदमाशों के बारे में जानकारी मिली। घटना का पर्दाफाश होने पर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव गृह ने पुलिस टीम को एक लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की। डीआईजी-एसएसपी ने पुलिस को 25 हजार रुपए का इनाम टीम को दिया है।

विधायक के करीबी ने रची लूट की साजिश

डीआईजी-एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि अमृतसर, दक्षिणी सुल्तानसिंह रोड, मंदिर वाला बाजार गली नंबर चार निवासी सुरेंद्र सिंह करीब 10 से ज्वेलरी कारोबार कर रहे हैं। दो मार्च की रात करीब आठ बजे वह संतकबीर नगर जिले से ज्वेलरी बेचकर वह लौट रहे थे, तभी पांडेयहाता-घंटाघर रोड पर स्कूटी सवार दो बदमाशों ने तमंचा सटाकर उनका झोला लूट लिया। करीब एक किलो चार ग्राम सोने की ज्वेलरी लेकर बदमाश फरार हो गए। दो अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज करके पुलिस ने जांच शुरू कर दी। जांच में पता लगा कि सरदार संतोष सिंह उर्फ हीरा, पंजाब में अपनी दीदी और बहन को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपित प्रदीप कुमार और संतकबीर नगर के रहने वाले राजू शर्मा ने वारदात को अंजाम दिया है। विधायक के करीबी संतोख सिंह ने एक माह पूर्व घटना की साजिश रची। कालोनी का प्रधान संतोख सिंह करीब 25 साल से गोरखपुर और आसपास जिलों में ज्वेलरी का कारोबार कर रहा था।

सर्राफा भवन में ठहरा, रेकी की, पीछा करके लूटपाट

सरदार संतोख सिंह उर्फ हीरा बिजनेस के लिए गोरखपुर आने पर सर्राफा भवन में रुकता था। उसे रुपए की जरूरत थी, इसलिए एक माह तक लूटपाट की योजना बनाता रहा। 26 फरवरी को आने के बाद सर्राफा भवन में कमरा नंबर तीन बुक किया। घटना को अंजाम देने के लिए अपने परिचित प्रदीप कुमार को गुरुदासपुर से बुलाया। उसे भी एक होटल में कमरा दिलाया। दोनों ने सुरेंद्र सिंह को सीधा समझकर टारगेट किया। दो मार्च की सुबह बंधू सिंह पार्क के पास सुरेंद्र सिंह ठेले पर नाश्ता करने गया तो दोनों वहां पहुंचे। लूटपाट के लिए संतोख ने अपने परिचित राजू उर्फ राजकुमार की स्कूटी मांग ली थी। राजू अक्सर उसे खाना पहुंचाने जाता था। इसलिए पहले से जान पहचान थी।

सुबह से पीछे लगे, रात में लूटपाट कर हुए फरार

- दो मार्च की सुबह नाश्ते के बाद पैदल ही सुरेंद्र सिंह टीपी नगर गया।

- वहां से बस में सवार होकर संतकबीर नगर पहुंचा।

- टीपी नगर तक संतोख सिंह भी उसके पीछे-पीछे पैदल गया।

- टीपी नगर से प्रदीप और संतोख स्कूटी से संतकबीरनगर गए।

- पांच-छह दुकानों पर बिजनेस करने के बाद सुरेंद्र लौटने लगा। तो दोनों ने उसे लूटने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए।

- रात में आठ बजे बस से उतरकर सुरेंद्र जब पांडेयहाता रोड पर पहुंचा तो उसे लूटकर फरार हो गए।

- वहां से भागकर राजू के मामा संतकबीर नगर के बभनौली स्थित पप्पू शर्मा के घर गए।

- वहां से फोर व्हीलर से बस्ती पहुंचे। इसके बाद बस पकड़कर लखनऊ चले गए। लखनऊ से दिल्ली पहुंचे।

- वहां से दोनों लूट की ज्वेलरी और नकदी लेकर चंडीगढ़ चले गए।

चंडीगढ़ जाकर संतोख ने एक कार खरीदी। इस बीच सात मार्च को वह सामान लेने गोरखपुर आया। उसे लगा कि पुलिस पकड़ नहीं पाएगी तो वह दोबारा बिजनेस करने गोरखपुर पहुंचा। पहले से उसकी तलाश में जुटी पुलिस ने दबोच लिया। तीनों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की जाएगी। संतोख सिंह के पास से लाइसेंसी असलहा भी मिला है। उसके बारे में पुलिस जांच कर रही है। इसके पूर्व वह मारपीट और किडनैपिंग के मामले में जेल जा चुका है। जबकि प्रदीप कुमार शातिर बदमाश है। दोनों वर्ष 2015 से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

घटना में शामिल बदमाशों को अरेस्ट कर लिया गया है। उनके खिलाफ गैंगेस्टर और एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। बदमाशों को पकड़ने वाली टीम में शामिल पुलिस कर्मचारियों के लिए शासन की तरफ से एक लाख रुपए के इनाम की घोषणा की गई है। उनको प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कार्य की सराहना करते हुए उत्साहव‌र्द्धन किया है।

जोगेंद्र कुमार, एसएसपी

Posted By: Inextlive