-नगर निगम की कार्यकारिणी ने दी बजट को मंजूरी, पहली बार पेपरलेस बजट

एम्स में आने वाले मरीजों के तीमारदारों की सुविधा के लिए एम्स के पास 1500 वर्ग मीटर में आवासीय फ्लैट के लिए सेवा भारती को जमीन देने का निर्णय।

-शहर के सभी 70 वार्डो में विकास कार्यो के लिए पार्षदों से तीस-तीस लाख रुपये का प्रस्ताव लिया जाएगा।

GORAKHPUR: शहर के संपूर्ण विकास को ध्यान में रखते हुए सोमवार को नगर निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 का पेपरलेस बजट पेश किया गया। अब तक के सबसे बड़े बजट 473 करोड़ 61 लाख 24 हजार में विकास कार्यो पर फोकस किया गया है। नगर निगम के सदन हाल में कार्यकारिणी की बैठक में महापौर सीताराम जायसवाल की अनुमति से नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने कार्रवाई शुरू कराई। सपा पार्षद जियाउल इस्लाम ने पिछली कार्रवाई की पुष्टि का बिंदु न होने पर आपत्ति जताई। इसे दुरुस्त करने के आश्वासन के साथ बजट की प्रक्रिया आगे बढ़ी।

सपा पार्षदों के प्रस्ताव का भाजपा पार्षदों ने किया विरोध

कार्यकारिणी में सपा पार्षदों ने खूनीपुर में शौकत अली को 527 वर्गफीट भूमि आवंटित करने का प्रस्ताव रखा। इसका भाजपा के पार्षदों ने विरोध किया। उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा ने कहा कि सरकारी जमीन पर भले ही कोई वर्षो से रह रहा हो, इससे भूमि उसकी नहीं हो जाएगी। मालिकाना हक नगर निगम के पास है।

नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी

एम्स में आने वाले मरीजों के तीमारदारों की सुविधा के लिए आवासीय फ्लैट बनाने का नगर विकास विभाग के विशेष सचिव की ओर से प्रस्ताव आया। नगर आयुक्त ने इसको कार्यकारिणी में रखा। बताया गया कि महादेव झारखंडी में नगर निगम की 1500 वर्ग मीटर भूमि पर सेवा भारती गोरक्ष प्रांत माधव धाम दयानन्द मार्ग राजेन्द्र नगर पूर्वी, गोरखपुर, फ्लैट बनाने को तैयार है। जमीन लीज पर दी जानी है। सपा पार्षद जियाउल इस्लाम ने प्रस्ताव का विरोध किया। उनका कहना था कि बगल में कब्रिस्तान की जमीन को देखते हुए पैमाइश जरूरी है। अफसरों ने पैमाइश रिपोर्ट की जानकारी दी। इसके बाद प्रस्ताव को कार्यकारिणी ने मंजूरी दे दी।

40 करोड़ रह गई नगर निगम की देयता

नगर निगम की कुल देयता अब सिर्फ 40 करोड़ रुपये रह गई है। वर्तमान बोर्ड जब अस्तित्व में आया तो नगर निगम की देयता 127 करोड़ रुपये थी। कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा के पार्षद आलोक सिंह विशेन ने नगर निगम की देयता की जानकारी देने की मांग की थी। बताया गया कि 40 में से सिर्फ आठ करोड़ की देनदारी निर्माण विभाग की है। महापौर सीताराम जायसवाल ने कहा कि नगर निगम की देयता जल्द ही शून्य कर दी जाएगी। इसके बाद विकास कार्य और तेजी से होंगे।

अब 24 को नहीं होगी सदन की बैठक

कार्यकारिणी की बैठक के बाद 24 फरवरी को सदन की बैठक में बजट को रखा जाना था। इसकी तैयारी पूरी हो गई थी, लेकिन विधानसभा और लोकसभा का सत्र चलने के कारण नियमानुसार सदन की बैठक नहीं हो सकती थी। इसके बाद नगर निगम प्रशासन ने सदन की बैठक को स्थगित करने का निर्णय लिया। महापौर सीताराम जायसवाल ने बताया कि सदन की बैठक छह मार्च को हो सकती है।

Posted By: Inextlive