गोरखपुर में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. दिसंबर से अब तक अब तक संक्रमण के 5208 मामले सामने आ चुके हैं. इन संक्रमितों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपना नाम पता व मोबाइल नंबर गलत दर्ज करा दिया है. करीब 9 फीसदी संक्रमितों ने अपने नाम या मोबाइल नंबर गलत दर्ज कराए हैं. जो कोरोना बम के रूप में विस्फोट कर सकते हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो): इनमें सबसे ज्यादा दिक्कत सार्वजनिक स्थान पर कैंप के दौरान पहुंचे लोगों से हो रही है। खासतौर से रेलवे स्टेशन, रोडवेज, जिला अस्पताल व बीआरडी मेडिकल कॉलेज पर जांच कराने वालों से हो रही है। यहां पर लोग अपना नाम व मोबाइल नंबर गलत दर्ज करा रहे हैं। इसने स्वास्थ्य विभाग को मुसीबत में डाल दिया है। अब तक संक्रमित मिले 5208 लोगों में से 498 संक्रमित ऐसे हैं, जिनके मोबाइल नंबर गलत हैं।रैपिड रिस्पांस टीम कर रही है सर्च


कोरोना संक्रमितों के लिए सिटी व रूरल एरिया में 42 रैपिड रिस्पांस टीमें बनाई गई हैं। इसमें 19 टीम शहरी क्षेत्र में हैं। जबकि 23 टीमें रूरल एरिया में हैैं। इसके अलावा 1464 निगरानी समितियां भी हैं। इन दोनों टीमों को एरिया वाइज संक्रमितों की सूची सौंपी जा रही है। इनमें से 242 संक्रमितों तक आरआरटी व निगरानी समितियां पहुंच गईं। जिले में इस समय 1958 एक्टिव केस हैं। इनमें से 117 संक्रमित ऐसे हैं, जिनकी इस समय स्वास्थ्य विभाग को तलाश है। इसकी सूची आरआरटी को सौंपी गई है। जबकि 136 संक्रमितों के संक्रमण की मियाद पूरी हो चुकी है। इन्होंने संक्रमण की जानकारी होने के बाद मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। विभाग उन्हें स्वस्थ मान रहा है।पता के लिए आधार कार्ड जरूरी

कोविड जांच कर रहे लैब टेक्नीशियन देवेंद्र शुक्ला ने बताया कि जांच के लिए आधार कार्ड व मोबाइल नंबर जरूरी होता है। अक्सर यात्री व मरीज अपने साथ आधार कार्ड नहीं लाने की सूचना देते हैं। ऐसे में उन्हें जांच किए बगैर लौटाया नहीं जाता।फैक्ट फीगर कुल पॉजिटिव केसेज - 64,91525 जनवरी को आए पॉजिटिव केस - 267स्वस्थ हुए लोग - 62,105अब तक कोरोना से मौत - 852एक्टिव केसेज - 1958कोरोना की सैंपलिंग डेली की जा रही है, लेकिन जांच के दौरान लोगों ने नाम, पता और मोबाइल नंबर गलत दर्ज करा दिए हैैं। लेकिन उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऐसे लोगों को ढूंढा जा रहा है। ताकि वे संक्रमण को फैला न सकें। लोगों से अपील है कि वह कोरोना जांच के दौरान अपना नाम, पता, सही दर्ज करवाएं।डॉ। एके सिंह, डिप्टी सीएमओ

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