-गीडा बोर्ड की 55वीं बैठक में 2020-21 के लिए बजट पास

-कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर, अलॉटेड भूमि पर यूनिट न लगाने वालों को राहत नहीं

-ब्याजदर घटाने को लेकर आए प्रस्ताव पर फिर से होगा मंथन

GORAKHPUR: गोरखपुर में इंडस्ट्रियल डेलवमेंट की राह आसान होगी। जिले में इंडस्ट्रियल सेक्टर का विकास 507 करोड़ से होगा। इसके लिए प्राधिकारी बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। 2020-21 के लिए प्रारम्भिक अवशेष व ऋ ण के प्राविधान सहित कुल 507.47 करोड़ की आय व व्यय का बजट अनुमोदित किया गया है। गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (गीडा) प्राधिकारी बोर्ड की 55वीं बैठक गीडा के अध्यक्ष और अवस्थापना व औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन की अध्यक्षता में हुई। इसमें कई अहम मुद्दों पर डिस्कशन किया गया, जिसमें कई प्रस्तावों पर मुहर लगी, तो कुछ को फिर से मंथन को वापस लौटा दिया गया।

टाइम एक्सटेंशन से इनकार

औद्योगिक योजना के तहत ऐसी आवंटित जमीन के प्रकरण में 10 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी यूनिट न एक्टिव करने वाली अप्लीकेशन पर डिस्कशन किया गया। एजीएम अनिल कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रपोजल था कि इन लोगों से टाइम एक्सटेंक्शन फीस लेते हुए यूनिट क्रियाशील करने के लिए आखिरी बार एक्स्ट्रा टाइम दिया जाए और निरस्त भूखंडों का रिस्टोरेशन कर दिया जाए। ऐसे 9 मामलों को जोकि साल 1997 से 2009 के बीच अलॉट किए गए थे, इनकी डीटेल देखने के बाद प्राधिकारी बोर्ड ने ऐसे केसेज में एक्सटेंशन या रिस्टोरेशन की परमिशन न देने का फैसला किया। मीटिंग का संचालन सीईओ गीडा संजीव रंजन ने किया। बैठक में अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल भी शामिल हुए। वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गोरखपुर के कमिश्नर, डीएम, सीडीओ समेत आलाधिकारी भी श्ामिल हुए।

यह भी फैसले लिए गए

-औद्योगिक भूखंड का ट्रांसफर आवंटित भूखंड पर यूनिट चालू होने के बाद ही किया जा सकेगा।

-गीडा की समस्त योजनाओं में (औद्योगिक योजनाओं को छोड़कर) एक सितंबर से भूखंड/भवन की रजिस्ट्री कराए जाने के बाद ही ट्रांसफर परमिट किया जाएगा।

-गीडा में औद्योगिक भूखंडों के दर निर्धारण के संबंध में प्राधिकारी बोर्ड ने फैसला लिया कि कोविड-19 व ब्याज दर घटाने के सम्बन्ध में शासन के निर्देशों को देखते हुए कास्टिंग कमेटी पुनर्विचार करते हुए अध्यक्ष, गीडा को प्रस्ताव पेश करे।

- शासन के औद्योगिक विकास विभाग के विशेष सचिव, नगर विकास विभाग, आवास विभाग, शहरी व ग्राम्य नियोजन विभाग और गीडा के मेंबर्स की एक कमेटी बनाकर प्रस्तुत नियमावली का परीक्षण कराकर लागू कराई जाए।

- 40.00 लाख के ऊपर काम में 5 परसेंट और इससे कम के लिए 10 परसेंट धरोहर धनराशि ली जाएगी।

Posted By: Inextlive