7 दिन में सात मर्डर... आठवें दिन एक युवक की डेड बॉडी मिली. आक्रोशित परिजनों ने गोरखपुर-देवरिया हाइवे जाम कर दिया. क्या गोरखपुर की पब्लिक में खाकी का खौफ खत्म होता जा रहा है कि रोज खून बह रहा है. हर आयु वर्ग के लोगों के हाथ खून से सन रहे हैं. ऐसे में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होना लाजिमी है. 'गोरखपुर की पब्लिक कानून व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है. व्यवस्था सुधारने में लगे खाकी के जिम्मेदार भी अपने सभी हथकंडों में नाकाम नजर आ रहे हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के ऑनलाइन सर्वे में सामने आए आंकड़े इस बात को बयां कर रहे हैं। 77 परसेंट से ज्यादा लोगों ने कानून व्यवस्था से असंतुष्टि जाहिर करते हुए पुलिसिया सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सिस्टम में रिफॉर्म की जरूरत है, जिससे गोरखपुर में क्राइम का ग्राफ नीचे आए और लोग भी निडर होकर शहर में रह सकें।102 लोगों ने सर्वे में लिया हिस्सा


दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से कानून व्यवस्था को लेकर ऑनलाइन सर्वे किया गया। ट्विटर, फेसबुक और वाट्सएप पर हुए सर्वे में 24 घंटे में 102 लोगों ने अपने सजेशन दिए। इसमें कानून व्यवस्था से संतुष्टि के सवाल पर 77 परसेंट लोगों ने निगेटिव फीडबैक दिया है। जबकि 21 परसेंट लोग ऐसे हैं, जिन्हें शहर की कानून व्यवस्था सही नजर आती है। एक परसेंट लोग काफी हद तक संतुष्ट हैं, जबकि एक परसेंट संतुष्ट न होते हुए सिस्टम में रिफॉर्म की मांग कर रहे हैं। कमी हर लेवल पर

कानून व्यवस्था किस वजह से फेल हो रही है, इससे जुड़े सवाल पर लोगों का कहना है कि पुलिस की कार्यप्रणाली, कम्युनिटी पुलिसिंग और कमजोर इंटेलिजेंस सिस्टम इस व्यवस्था के लिए जिम्मेदार है। 58 परसेंट लोगों ने तीनों को ही इसके लिए जिम्मेदार माना है। 25 परसेंट लोग ऐसे हैं जो सिर्फ पुलिस की कार्यप्रणाली को इसका जिम्मेदार मानते हैं। 8 फीसद लोगों कम्युनिटी पुलिसिंग, जबकि 8 फीसद लोगों ने कमजोर इंटेलिजेंस सिस्टम को इसकी वजह माना है। हत्याओं की वजह खराब कानून व्यवस्थालोगों का कहना है कि हत्याओं की वजह खराब कानून व्यवस्था है। फीडबैक देने वालों में ऐसा मानने वालों की संख्या 38 फीसद है। जबकि 42 फीसद लोगों का मानना है कि कानून व्यवस्था के साथ ही सोशल इंटरफेयरेंस न होना और पब्लिक भी इसकी एक वजह है। लचर प्रणाली और विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को भी लोगों ने इसकी वजह माना है। कम्युनिटी पुलिसिंग पर जोर देने की जरूरत

सर्वे में एक सवाल के जवाब में लोगों ने कम्युनिटी पुलिसिंग पर जोर देने की बात कही है। पब्लिक से इंटरैक्शन और सूचना तंत्र को मजबूत कर व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सकता है। 69 परसेंट लोगों की यह राय है कि कम्युनिटी पुलिसिंग पर फोकस किया जाए। इसके अलावा 13 फीसद लोगों ने पब्लिक इंटरैक्शन की जरूरत बताई है, जबकि 9 परसेंट लोगों ने इंफॉर्मेशन सिस्टम को मजबूत करने की वकालत की है। इसके साथ ही लोगों ने विभाग में व्याप्त भ्रष्टचार पर लगाम कसने, सभी दर्ज केस की निष्पक्ष विवेचना करने के साथ ही फर्जी केस कराने वालों पर लगाम कसने की जरूरत बताई है। लगातर हुईं खूनी वारदातें 30 नवंबर 2021: खोराबार एरिया के जंगल सिकरी मिश्रा टोला निवासी युवक की डेड बॉडी मिली। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए गोरखपुर-देवरिया हाइवे जाम कर दिया। 28 नवंबर 2021: गोरखनाथ एरिया में डीजे पर डांस करने को लेकर हुए विवाद में युवक की पीटकर हत्या कर दी गई। टशन को लेकर रात में अकेले लौट रहे युवक को रास्ते में पीटकर मार डाला। 28 नवंबर 2021: झंगहा एरिया के जद्दुपुर में युवक और उसके बड़े पिता की गोली मारकर हत्या की गई। 26 नवंबर 2021: कोतवाली एरिया के गंगेज चौक के पास बहनोई ने चाकू घोंपकर साले की हत्या कर दी। विवाद में कई लोग घायल हुए। 26 नवंबर 2021 : खोराबार के कुसम्ही जंगल में युवक की मर्डर करके फेंकी गई बॉडी मिली। उसकी सिर काटकर हत्या की गई थी। 24 नवंबर 2021 : रामगढ़ताल एरिया के रामपुर रामपुर में पुरानी रंजिश में 11वीं के स्टूडेंट अंकुर शुक्ला की हत्या। वह महज 18 साल का था।
22 नवंबर 2021 : बड़हलगंज के सिधुआपार में बाइक सवार बदमाशों ने घर में घुसकर एनआरआई महिला का मर्डर किया। अपराध दर अपराध, कठघरे में रही खाकी 27 सितंबर 2021: कानपुर के रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की रामगढ़ताल थाना पुलिस की पिटाई में मौत हो गई थी। इस मामले में थाने के एसएचओ समेत छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया। पत्नी मीनाक्षी की एफआईआर पर हत्यारोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हुई। 20 जनवरी 2021: महराजगंज के दो ज्वेलरी कारोबारियों से चेकिंग के नाम पर बदमाशों ने 35 लाख रुपए का सोना, चांदी और कैश लूट लिया। तत्कालीन एसएसपी ने जांच कराई तो बस्ती जिले की पुरानी बस्ती थाने में तैनात एसआई धर्मेंद्र यादव और संतोष यादव सहित अन्य का नाम सामने आया था। कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए पुलिस की ओर से प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। ज्यादा घटनाएं आपसी विवाद में हुई हैं। मुकदमा दर्ज कर नामजद आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही करीब 503 लोगों को धारा 116 में पाबंद भी किया गया है। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीम लगाई गई हैं। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी गोरखपुर

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