-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की जलाई गई थी मंशा

GORAKHPUR: टूरिस्ट प्लेस के रूप में चिलुआताल को डेवलप किए जाने की कवायद फिलहाल ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है। जबकि, चिलुआताल को रामगढ़ताल की तर्ज पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए शासन की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। पर्यटन विभाग को मंजूरी का पत्र मिलने के बाद भी आगे की प्रक्रिया स्टार्ट नहीं हुई है। वहीं, शासन से निर्देश के बाद पर्यटन विभाग जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में नए सिरे से इस्टीमेट और प्रस्ताव बनाने में जुटा है। लेकिन पिछले छह महीने से इस्टीमेट और प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगी है। जिसका बेसब्री से इंतजार है।

अधिकारी भी निरीक्षण के बाद हो गए सुस्त

चिलुआताल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मंशा जताते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे लेकर संभावना तलाशने का निर्देश जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग को दिया था। इस दौरान डीएम के विजयेंद्र पांडियन के निर्देश पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रथमेश कुमार, जल निगम के रतनसेन सिंह और क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र ने कई बार जाकर चिलुआताल में पर्यटन की संभावना पर मंथन किया था। मंथन के दौरान ताल के विकास के लिए जमीन अधिग्रहण से लेकर उसके पानी को साफ रखने की संभावना पर भी विचार किया था। लेकिन उसके बाद न तो जिला प्रशासन के जिम्मेदार चिलुआताल के साफ-सफाई का ब्यौरा जल निगम से ले सके और न ही इसकी खोज खबर ही ले रहे हैं।

चिलुआताल के पानी को साफ करने की मिली जिम्मेदारी

जिला प्रशासन के अधिकारियों के मंथन के बाद पर्यटन विभाग ने 1132 करोड़ की लागत से इसे विकसित करने का खाका तैयार किया और उसे अपर मुख्य सचिव पर्यटन सूचना को भेजा है। तैयार खाका में चिलुआताल के पानी को साफ रखने की जिम्मेदारी जल निगम को सौंपी गई है तो ताल के गाद की सफाई के लिए एचयूआरएल का सहयोग लेने की बात कही गई है। लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो सकी है। ताल को विकसित करने के लिए 25 हेक्टेयर से अधिक जमीन के अधिग्रहण की आवश्यकता का भी प्रस्ताव है।

ताल में बनाए जाएंगे दो घाट

चिलुआताल को विकसित करने के लिए तैयार किए गए प्रारूप में दो घाट बनाए जाने की संकल्पना की गई है, जिससे पर्यटक किनारे बैठने के दौरान प्राकृतिक माहौल का लुत्फ उठा सके। दोनों घाटों को इस तरह से सजाया जाएगा कि वह दूर से पर्यटकों को आकर्षित कर लें। ताल के आसपास के स्थल को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि पर्यटक वहां पूरा दिन पिकनिक के तौर पर गुजार सकें।

जल निगम लगाएगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

प्रस्ताव के मुताबिक ताल में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगेगा, लगाने और संचालन की जिम्मेदारी जल निगम की होगी। ताल में म्यूजिक और कलरफुल वाटर फाउंटेन भी लगाए जाएंगे, जिससे शाम ढलते ही ताल की खूबसूरती अद्भुत छटा बिखेरे।

वर्जन

डीएम के मार्गदर्शन में चिलुआताल को विकसित करने का खाका एक पखवारा पहले शासन को भेजा गया था। शासन को प्रस्ताव पसंद आया है। अब शासन की ओर से नए सिरे से प्रस्ताव और इस्टीमेट तैयार करने का निर्देश हुआ है। डीएम के मार्गदर्शन में इस्टीमेट को जल्द से जल्द तैयार कराकर शासन को भेजा जाएगा।

रविंद्र कुमार मिश्रा, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी

Posted By: Inextlive