- कोरोना पॉजिटिव आ जाने पर कहां करें एडमिट

- एडमिट के लिए मेडिकल कालेज परेशान

GORAKHPUR:

हे भगवान कोई सीरियस मरीज न आए। यह प्रार्थना किसी मंदिर में नहीं बल्की बीआरडी मेडिकल कालेज के इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ लगा रहे हैं। आलम यह है कि किसी भी सीरियस केस को भर्ती करने से पहले उस मरीज के कोरोना पॉजिटिव आ जाने पर एडमिट करना दुश्वार हो गया है। आलम यह है कि 200 बेड का कोरोना वार्ड व आईसीयू फुल होने के कारण सीरियस मरीज को एडमिट कर इलाज करना अंसभव होता जा रहा है। ऐसे में डॉक्टर की टीम भी खुद को असहाय महसूस कर रही है। हालांकि बीआरडी मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल की माने तो बीआरडी की स्थिति दयनीय है। यह माननीय मुख्यमंत्री जी को मालूम है। जब तक प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना के इलाज नहीं होंगे। अकेले एल-2 टाइप के बीआरडी मेडिकल कालेज में इलाज कर पाना संभव नहीं है।

बीआरडी में बढ़ गई है मुश्किलें

दरअसल, गोरखपुर में बढ़ते कोरोना केसेज के चलते स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती चली जा रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत उन मरीजों के लिए हो चुकी है। जो सर्जरी के हैं। चूंकि बीआरडी मेडिकल कालेज में ओपीडी बंद है। अगर सीरियस मरीज की बाकी के डिपार्टमेंट में एडमिट करते भी हैं तो उनके आपरेशन से पहले कोरोना जांच कराई जाती है। कोरोना जांच ट्रू नेट या फिर एंटीजन कराई जा रही है। लेकिन सबसे ज्यादा मुसीबत तब हो जा रही है जब उस मरीज के कोरोना पॉजिटिव हो जाने पर उसे सामान्य वार्ड से अलग कोरोना वार्ड में एडमिट करना पड़ रहा है। कोरोना वार्ड चूंकि फुल चल रहा है। ऐसे में इमरजेंसी वार्ड के बगल में ही अस्थाई कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जब कोरोना वार्ड में मरीज डिस्चार्ज हो रहे हैं। उसके बाद ही वेटिंग वाले मरीजों को एडमिट किया जा रहा है। अब जो सीरियस मरीज हैं। उन्हें बाहर निकाला नहीं जा सकता है। ऐसे में मेडिकल कालेज प्रशासन के सामने चुनौती आ गई है। वहीं, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर समेत गोरखपुर में एक्सीडेंटल केस में भी यह दिक्कत आ रही है।

प्रतिदिन आ रहे हैं दो से तीन केस

बीआरडी मेडिकल कालेज के चीफ मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ। अशोक कुमार श्रीवास्वत बताते हैं कि देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर के ओपीडी मरीजों को नहीं देखा जा रहा है। लेकिन जो सीरियस केस है उन केसेज को प्राइवेट हॉस्पिटल वाले अपने यहां से रेफर कर दे रहे हैं। वहां से गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कालेज भेज दे रहे हैं। थोड़ी सी भी दिक्कत होने पर उन्हें भेज दिया जा रहा है। सीरियस केस आ रहे हैं। जो सामान्य मरीज आपरेशन वाले हैं। उनका अगर इलाज से पहले कोराना की जांच करवाई जाती है तो उनके पॉजिटिव आने पर एडमिट करने में दिक्कत आ रही हैं। वे बताते हैं कि इमरजेंसी वाले मरीज हैं। प्रतिदिन दो से तीन मरीज ऐसे हैं। जिन्हें डेली एडमिट करने में यह प्राब्लम आ रही है।

फैक्ट फीगर

प्रतिदिन आने वाले सीरियस मरीज - 2-3

वापस लौटने वाले मरीजों की संख्या - 25-35

बीआरडी के कोरोना वार्ड में बेड की संख्या - 200

कहां से कहां से आते हैं सीरियस मरीज - देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज

वर्जन

जो भी सीरियस मरीज हैं। उन मरीजों को पहले तो प्राइवेट हॉस्पिटल को रेफर नहीं करना चाहिए। अब जो आ रहे हैं। उनके कोरोना जांच में पॉजिटिव आने पर जब बेड खाली होगा। तभी उन्हें भर्ती करेंगे। तब तक उन्हें वेटिंग में रखा जाता है।

डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कालेज

Posted By: Inextlive