जिले के बड़हलगंज कस्बे से पश्चिम बंगाल तक अवैध असलहों की तस्करी हो रही है. कोलकाता की जेल में बंद कुख्यात के इशारे पर पूरा खेल चल रहा था. कैंट एरिया में क्राइम ब्रांच की मदद से दो शातिर कैरियरों को पकड़कर पुलिस ने खेल का पर्दाफाश किया. असलहा तस्करी के खेल में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश जारी है. एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि जल्द ही इस रैकेट से जुड़े बदमाशों को दबोच लिया जाएगा. पकड़े गए शातिरों के पास से मुंगेर में बनी एक पिस्टल सहित तीन तमंचे बरामद हुए हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)। जिले के बड़हलगंज कस्बे से तीन असलहे लेकर पश्चिम बंगाल जाने की सूचना पुलिस को मिली। एसएसपी के निर्देश पर क्राइम ब्रांच और कैंट पुलिस की टीम एक्टिव हो गई। गुरुवार को पुलिस की टीम व्ही पार्क के पास चेकिंग करने पहुंची। तभी दो युवक पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस ने उनको पकड़ा तो एक पिस्टल, दो तमंचे और तीन कारतूस मिले। पूछताछ में युवकों की पहचान पश्चिम बंगाल, 24 परगना, इच्छापुर, चुनरी पाडा वार्ड नंबर 13 निवासी गोविंदा और सूरज यादव के रूप में हुई। प्लानिंग करके चले थे शातिरअसलहों के सौदागरों ने फूलप्रूफ प्लानिंग कर रखी थी। दोनों ने असलहों को कार्बन पेपर में लपेटकर बांध रखा था। स्कैनर मशीन में चेक होने पर कार्बन होने की वजह से मशीन
असलहों को पकडऩे में धोखा खा जाती है। दोनों ट्रेन के जरिए पश्चिम बंगाल तक असलहा लेकर चले जाते। उन पर किसी को शक भी नहीं होता। मगर मुखबिरी की वजह से उनकी प्लानिंग ढेर हो गई।जेल में बंद गैंगेस्टर के गैंग ने दिए असलहे पुलिस की छानबीन में सामने आया कि गैंगेस्टर जयगोविंद चौधरी डकैती के मामले में कोलकाता में बंद है। गोरखपुर के गैंगेस्टर चंदन सिंह और अमरजीत यादव से जुड़े रहे


जयगोविंद के कहने पर दोनों असलहा लेने गोरखपुर आए थे। दोनों बड़हलगंज के संसारपार में अविनाश शर्मा ने उनको 30 हजार रुपए में मुंगेर की पिस्टल और 10-10 हजार रुपए में दोनों तमंचे दिए। असलहा लेकर दोनों पश्चिम बंगाल में अशोक को ले जाकर दे देते, लेकिन इसके पहले पुलिस ने उनको दबोच लिया। गैंगेस्टर जयगोविंद चौधरी के खिलाफ बांसगांव में गैंग रजिस्टर्ड है। असलहा तस्करी रैकेट के दो सदस्यों को किया गया है। असलहा देने वाले अविनाश शर्मा की तलाश की जा रही है। इस रैकेट जुड़े अन्य शातिरों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। - डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी

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