कोरोना पेंडेमिक में हाथों को बनाए स्वच्छ, बीमारी भगाएं दूर
-हैंड वाशिंग डे पर विशेष
-डायरिया, आंख और त्वचा सम्बंधी बीमारियों से बचने के लिए हाथों की सफाई जरूरी हैंड वाशिंग डे पर विशेष -डायरिया, आंख और त्वचा सम्बंधी बीमारियों से बचने के लिए हाथों की सफाई जरूरी GORAKHPUR: GORAKHPUR:कोरोना पेंडेमिक में जहां हर कोई हाथ धोने के प्रॉसेज जान चुका है। वहीं, आज भी कुछ ऐसे लोग हैं, जो नजर अंदाज कर रहे हैं। लेकिन हमारे हाथों में न जाने कितनी अनदेखी गंदगी छिपी होती हैं, जो किसी भी वस्तु को छूने, उसका उपयोग करने और कई तरह के रोजमर्रा के कामों के कारण होती हैं। यह गंदगी, बगैर हाथ धोए कुछ भी खाने आपके शरीर के अंदर पहुंच जाती हैं तथा कई तरह की बीमारियों को जन्म देती हैं। इन सभी से लोगों को अवेयर करने के लिए वैश्विक स्तर पर हर साल क्भ् अक्टूबर को हैंड वाशिंग डे मनाया जाता है।
डब्लूएचओ और यूनिसेफ की अगुवाई में लांच
इस साल के ग्लोबल हैंड वाशिंग डे की थीम 'सभी के लिए स्वच्छ हाथ' निर्धारित की गई है। वहीं, डब्ल्यूएचओ के वैश्विक सुझावों में कोविड-क्9 महामारी को रोकने और नियंत्रित करने तथा व्यवहार में लाने के लिए हाथ साफ रखने का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए हाल ही में डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की अगुवाई में 'हैंड हाइजीन फॉर ऑल ग्लोबल इनिशिएटिव' लांच किया गया।
बाक्स में क्या कहते हैं आंकड़े द स्टेट ऑफ हैंड वॉशिंग की ख्0क्म् की वाíषक रिपोर्ट बताती है कि भारत के रूरल एरिया में भ्ब् प्रतिशत आबादी टॉयलेट के बाद हाथ धोती है, वहीं, सिर्फ क्फ् प्रतिशत आबादी खाना बनाने से पहले और ख्7 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोती है। दूसरी तरफ सिटी में 9ब् प्रतिशत लोग टॉयलेट के बाद हाथ धोते हैं, 7ब् प्रतिशत लोग खाना बनाने से पहले और 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोते है। इन बीमारियों से बच सकते हैं -दस्त - टायफाइड - पेट संबंधी रोग - आंख में होने वाले संक्रमण - त्वचा संबंधी रोग हाथ धोना है जरूरी - टॉयलेट के बाद - खाना बनाने व खाने से पहले - मुंह, नाक व आंखों को छूने के बाद - खांसने व छींकने के बाद - घर की साफ-सफाई करने के बाद - किसी बीमार व्यक्ति से मिलकर आने के बाद व पालतू जानवरों से खेलने के बादहाथ धुलने का सही तरीका दो मिनट तक साबुन से छह चरणों में धोए। इसमें सबसे पहले सीधे हाथ पर साबुन लगाकर रगड़ना, उसके बाद उल्टे हाथ, इसके बाद नाखून, फिर अंगूठा, उसके बाद मुट्ठी तथा अंत में कलाई धूलना चाहिए। इस तरह से अगर हम अपने हाथों को धोएंगे तो निश्चित रूप से 90 प्रतिशत तक बीमारियों से बच सकते हैं। यह संक्रमण से बचाव का बहुत छोटा मगर प्रभावी कदम है।
डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ