गोरखपुर में महिलाओं व युवतियों के साथ होने वाले रेप ईव टीजिंग दहेज उत्पीडऩ के मामले हों या फिर एसिड अटैक के केसेज. इन सभी केसेज में कमी आई है. यह हम नहीं बल्कि जिला प्रोबेशन कार्यालय से मिले आंकड़े बयां कर रहे है. यह सभी आंकड़े शासन को भेजे गए है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। शासन को भेजे गए आंकड़ों में 2020-21 में रेप के आठ मामले और किडनैपिंग के 9 मामले दर्शाए गए है। वहीं, कोविड पेंडमिक के दौरान डेढ़ साल में घरेलू हिंसा के केसेज में तेजी से गिरावट आई है। लेकिन जमीनी विवाद के मामले बढ़े है। पीडि़तों की काउंसिलिंग तेजबता दे, खुलेआम छेड़छाड़ की घटना हो या फिर दहेज उत्पीडऩ के मामले। इन सभी मामलों में थाने या जिला महिला कल्याण विभाग में पहुंचने वाले मामले का जिस तेजी के साथ निस्तारित किया जाता है। वहीं इस के मामले में अब गिरावट आई है। सीएम योगी आदित्यनाथ के कमान संभालने के बाद से लॉ एंड ऑर्डर और प्रशासन की सख्ती का असर है कि बुलंद हौसले वाले बदमाशों पर कहीं न कहीं शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है। तुरंत होती है कार्रवाई
जिला प्रोबेशन अधिकारी सरबजीत सिंह बताते है कि महिला और युवतियों के साथ होने वाली घटनाओं के बाद महिला कल्याण विभाग की टीम और वन स्टाप सेंटर की टीम पीडि़ताओं की काउंसलिंग कर मामले का निस्तारित करती है। इसके लिए वन स्टाप सेंटर की हेड पूजा पांडेय टीम लीड करती हैं। जबकि महिला कल्याण अधिकारी तुहिना दास गुप्ता महिलाओं के मामले में तुरंत कार्रवाई के लिए मदद के लिए आगे बढ़ती है। यही वजह है कि पीडि़त को निर्धारित समय में न्याय और गंभीर मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने में हमारी टीम एक्टिव रहती है। इन केसेस की गवर्नमेंट को भेजी रिपोर्ट केस - घटनाएं घरेलू हिंसा - 861रेस्क्यू - 221 दहेज उत्पीडऩ - 195यौन शौषण - 64छेड़छाड़ - 15अन्य जमीनी विवाद - 881 बाल विवाह - 05बाल श्रम - 01मनो सामाजिक परामर्श व अल्पावास - 1846 रेप - 20अपहरण - 25एसिड अटैक - 03कुल - 4137 घटनाएं हुईं।नोट - 8 मार्च 2016 से 24 नवंबर 2021 तक के आंकड़े है।महिला व युवतियों के साथ होने वाली घटनाओं को लेकर महिला कल्याण विभाग और वन स्टॉप सेंटर की टीम लगातार काम कर रही है। महिला से जुड़े मामले को तुरंत निस्तारित किया जाता है।सरबजीत सिंह, डीपीओ

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