प्रॉब्लम के साथ खुला B.Ed exam का खाता
सेकेंड शिफ्ट में एग्जाम देने पहुंचे स्टूडेंट्सबीएड सेशन 2013 का एग्जाम फ्राइडे से स्टार्ट हुआ। इसमें फस्र्ट डे यूनिवर्सिटी समेत 7 सेंटर्स पर एग्जाम कंडक्ट कराया गया। पहले यूनिवर्सिटी ने एग्जामिनेशन की टाइमिंग 1 बजे से 4 बजे तक तय की थी, लेकिन बाद में यूनिवर्सिटी ने टाइमिंग को चेंज करते हुए एग्जामिनेशन टाइमिंग सुबह 7 से 10 कर दी। इसकी प्रॉपर इनफॉर्मेशन न होने की वजह से स्टूडेंट्स बजाए सुबह 7 बजे के दोपहर 1 बजे सेकेंड शिफ्ट में एग्जाम देने पहुंचे। जिससे उनका पेपर छूट गया। नहीं मिल सकी थी प्रॉपर इनफॉर्मेशन
सेकेंड शिफ्ट में एग्जाम देने पहुंचे स्टूडेंट्स की माने तो उन्हें टाइम चेंज होने की प्रॉपर इनफॉर्मेशन नहीं हो सकी थी। जिसकी वजह से बजाए मार्निंग के वह इवनिंग में पुराने शेड्यूल पर एग्जाम के लिए पहुंचे। स्टूडेंट्स का कहना है कि यहां तक कि यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट पर भी पुराना ही शेड्यूल लोड कर रखा था, जिसकी वजह से भी उनका एग्जाम छूट गया। कई सेंटर्स पर हुई प्रॉब्लम
बीएड के इस एग्जाम में सिर्फ एक सेंटर पर इस तरह की प्रॉब्लम नहीं आई, बल्कि गोरखपुर बस्ती समेत कई सेंटर्स पर ऐसी शिकायतें मिली जिसमें कैंडिडेट्स को नए शेड्यूल टाइम की इनफॉर्मेशन नहीं थी। इसकी वजह से कई सेंटर्स पर स्टूडेंट्स एग्जाम में अपीयर नहीं हो सके। अब तक मिली इंफॉर्मेशन के मुताबिक बस्ती से 4, खलीलाबाद से 15, महराजगंज से 1, कुशीनगर से 3 और गोरखपुर से लगभग 20 कैंडिडेट्स जानकारी न होने की वजह से 1 बजे पूर्व निर्धारित शेड्यूल पर एग्जाम देने पहुंचे और एग्जाम न दे सके।3 स्टूडेंट्स रेस्टिकेटएक तरफ जहां स्टूडेंट्स एग्जाम में अपीयर नहीं हो सके। वहीं दूसरी ओर एडमिनिस्ट्रेशन की सख्ती की वजह से नकल करने वालों पर लगाम भी लगी रही। बस्ती के सेंटर कोऑर्डिनेटर डॉ। बीपी सिंह ने बताया कि उनके सेंटर से एक स्टूडेंट को नकल करने की वजह से रेस्टिकेट कर दिया गया। वहीं कुशीनगर के एनके राय ने बताया कि उनके सेंटर से भी 2 स्टूडेंट्स को नकल करने की वजह से रेस्टिकेट कर दिया गया। इन 7 सेंटर्स पर 66 कॉलेजेज का हुआ एग्जामसेंटर्स नंबर ऑफ कॉलेजगोरखपुर 22देवरिया 9कुशीनगर 5महराजगंज 7सिद्धार्थनगर 5बस्ती 7संतकबीर नगर 11सभी स्टूडेंट्स का पक्ष सुन लिया गया है। अब यूनिवर्सिटी लेवल पर इसकी जांच की जाएगी, अगर स्टूडेंट्स की गलती नहीं होती है तो स्टूडेंट्स के फेवर में वीसी से बात कर कोई फैसला लिया जाएगा.-एसके शुक्ल, रजिस्ट्रार, डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी